पानीपत जेल से चल रहा गुंडाराज, गुर्गों के जरिये गैंगस्टर करा रहे हैं वारदात
हरियाणा के पानीपत में लगातार वारदात बढ़ रही हैं। गैंगेस्टर जेल से ही अपने गुर्गों के जरिए वारदात को अंजाम दे रहे हैं। जेल में मोबाइल भी मिले। हालांकि मोबाइल कैसे अंदर पहुंचा इसका पता पुलिस नहीं लगा सकी।
पानीपत, जेएनएन। गैंगस्टर जेल में रहकर भी गुर्गों के जरिये बाहर वारदात करा रहे हैं। ऐसा वे गैंग की लोगों के बीच दहशत बनी रहे और मंथली भी आती रहे के मकसद से कर रहे हैं। जेल में बदमाशों के पास से मोबाइल फोन भी बरामद हो चुके हैं, लेकिन पुलिस ये पता नहीं लगा पाती है कि मोबाइल किसके जरिये जेल तक पहुंचा है। बदमाशों को रिमांड पर लाकर पुलिस दो-तीन दिन तक इधर-उधर घुमाती रहती है। कागजों की पूर्ति हो जाती है। इसके बाद मामला ठंड पड़ जाता है। गुर्गें फिर से नया कांड कर देते हैं।
लंबू ने जेल में रहते शराब ठेकेदार पर गोलियां चलवाई
गैंगस्टर सिवाह के प्रसन्न उर्फ लंबू ने शराब ठेकेदार अजीत से दो लाख रुपये की मंथली मांगी थी। ठेकेदार ने मना कर दिया। इसके बाद लंबू ने जेल में बंद होने के बावजूद गैंग के शूटर भेजकर अजीत पर गोलियां चलवा दी। अजीत की जान बच गई। लंबू से पुलिस पूछताछ कर चुकी है, लेकिन नतीजा शून्य है।
जेल में रहते रची हत्या की साजिश
करनाल के राहड़ा गांव के पास पुलिस ने मुठभेड़ में गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग को मार गिराया था। ग्योंग के छोटे भाई जोगेंद्र को शक था कि भाई के गांव आने की मुखबिरी राहड़ा के जयदेव ने दी है. उसने कैथल जेल में रहते हुए अपने गुर्गों के साथ मिलकर जयदेव की हत्या की साजिश रची। जेल से बाहर निकलते ही पानीपत के सेक्टर-18 में गोलियां बरसाकर जयदेव की हत्या कर दी। जोगेंद्र अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है ।