पूर्व विधायकों ने किसान आंदोलन को दिया समर्थन, 21 को सिंघु बॉर्डर जाएंगे
पूर्व विधायक एसोसिएशन के बैनर तले पूर्व विधायकों ने कुरुक्षेत्र की धरती से बिगुल फूंका। विधायकों ने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की। इसमें सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पहुंचकर आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने का फैसला लिया है।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। प्रदेश के पूर्व विधायकों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है और केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। इसके साथ पूर्व विधायकों ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पहुंचकर आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने का फैसला लिया है।
प्रदेश के पूर्व विधायकों ने पूर्व विधायक एसोसिएशन के बैनर तले शुक्रवार को कुरुक्षेत्र की धरती पर अन्नदाता के समर्थन में अपना बिगुल फूंका। बैठक की अध्यक्षता प्रधान नफे सिंह राठी और संचालन उप प्रधान एवं पूर्व मंत्री बिजेंद्र सिंह कादियान बिल्लू ने किया। बैठक के संयोजक पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा रहे। बैठक में करीब 30 पूर्व विधायक शामिल हुए। सबसे पहले संत राम सिंह की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
प्रधान नफे सिंह राठी ने कहा कि प्रदेश व देश का किसान तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है और पिछले 21 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं। वे इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार बैठकों तक की सीमित है। उनकी मांगों को मानते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही। इससे किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है।
उप प्रधान एवं पूर्व मंत्री बिजेंद्र सिंह कादियान बिल्लू ने कहा कि कृषि कानून बनाने वालों को कृषि से कोई लेना देना नहीं है, जबकि इसके लिए किसान संगठनों के साथ चर्चा करनी चाहिए थी। उनके सुझावों पर ही कृषि कानून बनाने चाहिए थी। किसान भयंकर सर्दी में अपने हकों को बचाने के लिए सड़कों पर बैठे हैं। किसान को आतंकवाद और खालिस्तान से नहीं जोड़ना चाहिए।
बैठक के संयोजक पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा क सभी पूर्व विधायकों ने सर्वसम्मति से किसान आंदोलन को समर्थन करने का फैसला लिया है। 21 दिसंबर को पूर्व विधायक सिंघु बॉर्डर पर किसानों के समर्थन में धरने पर बैठेंगे और किसान संगठनों को जरूरत का सामान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद टिकरी बॉर्डर पर भी समर्थन किया जाएगा।
पढ़ा लिखा और समझदार है देश का किसान
पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि प्रदेश व देश का किसान पढ़ा लिखा है। उसको तीनों कृषि कानूनों के हर विषय की बारीकी से जानकारी है।कुछ लोग किसान को आज भी फट्टी धोती वाला समझते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा एसवाइएल के पानी का मुद्दा किसानाें को दाे फाड़ करने के लिए उठाया जा रहा है, जबकि केंद्र व प्रदेश सरकार ने इसको लेकर आज तक एक कदम नहीं उठाया। सर्वदलीय बैठक के फैसले के बाद प्रधानमंत्री से मिलने तक का समय नहीं लिया जा सका है। भाजपा सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लें।इसके बाद पूर्व विधायक एसवाइएल का पानी लाने के लिए सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करेंगे।
ये विधायक बैठक में शामिल हुए
बैठक में 280 में 30 पूर्व विधायक शामिल हुए। इनमें गुरदयाल सिंह सैनी, रामपाल माजरा, कुलवंत सिंह, साहब सिंह सैनी, महासचिव रामबीर पटोदी, प्रवक्ता रण सिंह मान, सूबे सिंह पुनिया, मा. धर्मपाल, सुलतान जडोला, परिवंद्र सिंह ढुल, रमेश गुप्ता, जोगीराम, रामफल कुंडू, रणबीर मंदोला, बिल्लूराम, बनारसी दास, अनिल धंतौड़ी, श्याम सिंह राणा व नरेश यादव मौजूद रहे।
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