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पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, पिपली में कंडेला कांड की याद कर दी ताजा

रणदीप सुरजेवाला कुमारी सैलजा के बाद पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी कुरुक्षेत्र पहुंचे। उन्‍होंने पिपली में हुए लाठीचार्ज की निंदा की।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 05:44 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 05:44 PM (IST)
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, पिपली में कंडेला कांड की याद कर दी ताजा
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, पिपली में कंडेला कांड की याद कर दी ताजा

पानीपत/कुुरुक्षेत्र,जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा शुक्रवार को पिपली अनाज मंडी में पहुंचे। उन्होंने किसानों और आढ़तियों से बातचीत की और घायल किसानों का हालचाल जाना। वे इसके बाद प्रेसवार्ता की।  

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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिपली में रैली करने जा रहे किसानों पर लाठीचार्ज कर कंडेला कांड की याद ताजा कर दी। सरकार को इसका फल भुगतना पड़ेगा। उन्होंने किसानों की मांगों को देखते हुए सरकार से चौथा अध्यादेश लाने की मांग की। इसके  लिए सरकार को दस दिन का समय दिया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चेतावनी दी कि सरकार ऐसा नहीं करती है तो उनको सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है। प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से हर वर्ग दुखी है।

तीन दिग्‍गजों ने संभाला मोर्चा

आढ़तियों और किसानों के समर्थन में कुरुक्षेत्र में कांग्रेस के तीन दिग्‍गज नेता जुटे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष सैलजा कुमारी और रणदीप सुरजेवाला अलग-अलग समय पर शुक्रवार को कुरुक्षेत्र पहुंचे। सभी ने प्रेसवार्ता करते हुए भाजपा को घेरा। सबसे पहले सुबह 10 बजे राष्‍ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला पिपली पहुंचे। इसके बाद 12 बजे कांग्रेस प्रदेशाध्‍यक्ष कुमारी शैलजा पहुंची। उन्‍होंने भी प्रेसवार्ता की। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा करीब तीन बजे अनाजमंडी पहुंचे। वहां किसानों और आढतियों से बातचीत की। इसके बाद उन्‍होंने भी प्रेसवार्ता करते हुए भाजपा पर किसानों के दमन का आरोप लगया।

ये है मामला

भारतीय किसान यूनियन की किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली 10 अगस्‍त को पिपली की नई अनाज मंडी में प्रस्तावित थी। कोरोना महामारी को देखते हुए धारा-144 लगा दी थी। रैली की अनुम‍ति नहीं दी। इससे किसान एकजुट हुए तो लाठीचार्ज कर दिया गया। इसके बाद हाईवे जाम हो गया और हरियाणा के अन्‍य जिलों में भी किसानों का आक्रोश बढ़ने लगा। इसे देखते हुए किसानों की रैली को मंजूरी दे दी गई थी।


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