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प्रदूषण फैलाने पर रिफाइनरी को एक महीने में जमा कराना होगा 9.59 करोड़ का जुर्माना

आइओसीएल रिफानरी पर प्रदूषण फैलाने पर एनजीटी ने ज्वाइंट कमेटी की अनुशंसा पर 26.90 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया। हालांकि रिफाइनरी प्रशासन मई में ही 17.31 करोड़ रुपये जमा करा चुका है। दो दिन पहले हुई सुनवाई के दौरान ज्वाइंट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जुर्माना राशि बढ़ाने की अनुशंसा की थी।

By Edited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 09:51 AM (IST)
प्रदूषण फैलाने पर रिफाइनरी को एक महीने में जमा कराना होगा 9.59 करोड़ का जुर्माना

जागरण संवाददाता, पानीपत : आइओसीएल रिफानरी पर प्रदूषण फैलाने पर एनजीटी ने ज्वाइंट कमेटी की अनुशंसा पर 26.90 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया। हालांकि रिफाइनरी प्रशासन मई में ही 17.31 करोड़ रुपये जमा करा चुका है। दो दिन पहले हुई सुनवाई के दौरान ज्वाइंट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जुर्माना राशि बढ़ाने की अनुशंसा की थी। अब रिफाइनरी को 9.59 करोड़ रुपये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देने होंगे। इसके लिए एक महीने का समय दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2020 में होगी। यह है मामला एक मार्च 2019 को सिंहपुरा सिठाना के सरपंच सतपाल ने एनजीटी में रिफाइनरी के प्रदूषण के कारण गांव में बीमारी फैलने, हवा, पानी व जमीन खराब होने की शिकायत दी थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए एनजीटी ने एक च्वाइंट टीम गठित की थी। जिसपर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे। इस टीम में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व जिले के डीसी को शामिल किया गया था। ---------- टीम ने रिपोर्ट में यह कहा संयुक्त टीम ने एनजीटी में दी रिपोर्ट में कहा था कि गांव में विभिन्न स्थानों पर वायु के सैंपल लिये गए। इसमें पीएम 10 का स्तर 290 माइक्रोग्राम, 165,123.5 व 176.5 मिला था। जो निर्धारित 100 से अधिक मिला। पानी के सैंपल लिये गए जो बीआइएस ड्रिं¨कग वाटर 10500 (2012) के नियमों के अनुसार नहीं मिले। इस रिपोर्ट में ग्राम पंचायत के प्रदूषण फैलाने संबंधी आरोप सही पाए गए। कंसेंट के नियम के अनुसार पानी री-साइकिल नहीं किया जा रहा था। इस पर एनजीटी ने च्वांइट कमेटी को पर्यावरण को हुए नुकसान का एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए थे। --------- पर्यावरण सुधार की अनुशंसा च्वाइंट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार पांच साल के लिए रिफाइनरी को पर्यावरण सुधार के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनानी होगी। जिस पर रिफाइनरी काम करेगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस पर निगरानी करेंगे। अधिकारी साध रहे चुप्पी एनजीटी में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर सीनियर साइंटिस्ट राजेश गढि़या से इस बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ संदीप ¨सह ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसमें कोई भी स्टेटमेंट नहीं दे सकते। आर्डर आने पर पता लगेगा। अभी एनजीटी का कोई ऑर्डर नहीं मिला है।

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