एक जोरदार धमाका और हुआ बड़ा हादसा, तीन बच्चे और महिला सहित पांच झुलसे Panipat News
पानीपत के बलजीत नगर में खेले वाली गली के पास एक जोरदार धमाके के साथ हादसे में तीन बच्चे और महिला सहित पांच लोग झुलस गए।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत में एक जोरदार धमाके के साथ हादसा हुआ। इसमें तीन बच्चे और महिला सहित पांच लोग झुलस गए। हादसा बलजीत नगर में खेले वाली गली के पास हुआ। इनमें 40 फीसद झुलसी नौ वर्षीय शबाना पीजीआइ रोहतक में उपचाराधीन है।
शुक्रवार सुबह गली में जेसीबी ने केबल तोड़ दिया। टूटा केबल आदित्य करियाना स्टोर के सामने मजदूरों के क्वार्टर की छत पर जा गिरा। इससे ऊपर से गुजर रही 33 केवी हाईटेंशन लाइन की अर्थिंग होने के कारण जोरदार धमाका हुआ। इससे छत पर बैठी महिला, उसके दो बच्चे, एक अन्य बच्ची और एक व्यक्ति करंट की चपेट में आ गए। कई घरों के बिजली उपकरण जल गए।
छत पर गई थी बेटी
बलजीत नगर के मोकिम ने बताया कि नौ साल की उसकी बेटी शबाना नहाने के बाद छत पर धूप सेंकने चलने गई। इसी दौरान जोरदार धमाका हुआ। छत पर जाकर देखा तो उसकी बेटी शबाना बुरी तरह झुलसी थी। पड़ोसन शरीयत खातून, उसकी साढ़े चार साल की बेटी फातिमा और तीन साल का बेटा गुलशन भी करंट लगने से चीख रहे थे। एक अन्य पड़ोसी श्रमिक का भी मुंह और छाती तक का हिस्सा झुलस गया। करंट से छत पर बनी सीढिय़ां तक टूट गई।
यहां अधिकतर लोग बिहार के मजदूर
जिस मकान में हादसा हुआ वहां दूसरे प्रदेशों के लगभग 20 परिवार क्वार्टर में रहते है। अधिकतर लोग बिहार के हैं। क्वार्टर में रहने वाली महिला ऊषा ने बताया कि करंट के डर से सभी किरायेदार अपने क्वार्टर में ही रहते है। शुक्रवार सुबह धूप अच्छी होने के कारण महिला शरीयत खातून, उसकी साढ़े चार साल की बेटी फातिमा, तीन साल का बेटा गुलशन, शबाना और एक अन्य श्रमिक धूप सेंक रहे थे। तभी हादसा हो गया।
मौत के साये में 500 से अधिक परिवार
बलजीत नगर कॉलोनी के ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तार के कारण लगभग 500 परिवार रोजाना मौत के साये में रह रहे हैं। कॉलोनीवासियों ने बताया कि इससे पहले भी पास में ही स्थित एक फैक्ट्री में हाईटेंशन तार के संपर्क में आने के कारण युवक की मौत हो गई थी। उन्होंने कई बार रोष प्रदर्शन कर विभाग के खिलाफ नारेबाजी की, लेकिन आज तक भी किसी अधिकारी ने लाइन शिफ्ट कराने की जहमत नहीं उठाई।
छत पर कपड़े सुखाते समय लगा था करंट
पड़ोसन सरिता ने बताया कि 10 जून 2018 को वह छत पर कपड़े सुखा रही थी। लगभग आठ फीट ऊपर से गुजर रहे हाइटेंशन तारं से उसे करंट का झटका लगा। स्वजनों ने 55 दिनों तक पीजीआइ रोहतक में इलाज कराया। आज तक भी बायां हाथ ऊपर उठाते समय दर्द होता है।
कुर्सी के पास टूटकर गिरा तार, 6 घंटे तक दौड़ता रहा करंट
घटना के दौरान आदित्य करियाना स्टोर के बाहर दुकान मालिक रामस्वरूप कुर्सी पर बैठे थे। एक तार टूटकर कुर्सी के पास गिरा। तेजी से उठकर तार से दूर हटे। पत्नी की मदद से डंडे से तार को हटाकर खाली प्लॉट में डाला। हादसे के छह घंटे बाद भी तार में करंट दौड़ रहा था। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सप्लाई बंद करने तक की जहमत नहीं उठाई।
एसडीएम दलबीर सिंह से सीधी बात
सवाल : हाईटेंशन से हो रहे हादसे रोकने को प्रशासन क्या कर रहा है?
जवाब : बिजली निगम को झूलते हुए तारों को बदलने के आदेश दिए गए हैं।
सवाल : बिजली हादसों में अब तक क्या कार्रवाई की गई?
जवाब : सभी मामलों को प्रशासन देख रहा है, इस बारे में बिजली निगम के उच्चाधिकारियों से बात करेंगे।
सवाल : इसके लिए अलग से क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
जवाब : बिजली निगम के अलावा नगर निगम भी काम कर रहा है। जनप्रतिनिधि भी बिजली हादसे रोकने के लिए आगे आए हैं।
220 केवी की लाइन के नीचे मकान बनाना गलत
220 केवी की लाइन के नीचे घर बने हुए हैं। हर माह यहां कोई न कोई हादसा होता है। एचवीपीएन ने इन मकान मलिकों को मकान हटाने के लिए नोटिस भी जारी किया हुआ है। तीन मीटर की दूरी से ही लाइन चपेट में ले लेती है। यहां बच्चों का खेलना भी खतरनाक है। लेबर के 20-20 गज के मकान सस्ती जमीन के चक्कर बनाए गए हैं। लाइन के नीचे लोग जान को हाथ में लेकर रह रहे हैं। इन मकानों को यहां से शिफ्ट करना ही समस्या का हल है।
अशोक शर्मा, एसडीओ छाजपुर सब-डिविजन।
103 लाइन होंगी शिफ्ट : नारा
अधीक्षण अभियंता बिजली वितरण निगम जेएस नारा का कहना है कि जिले में 103 लाइनों को शिफ्ट करने का एस्टिमेट बनाया गया है। 22 लाइनें शिफ्ट की जा चुकी है। घरों व धार्मिक स्थलों के ऊपर जा रही लाइनों की शिफ्ट किया जा रहा है। धूप ङ्क्षसह नगर का हादसा 220 केवी लाइन के नीचे मकान बने होने के कारण हुआ है। यहां से मकान शिफ्ट होने चाहिए।
हाईटेंशन तार के संपर्क में आने के कारण 9 साल की बच्ची शबाना के झुलसने की सूचना मिली थी। पीजीआइ रोहतक में पिता मोकिम ने इतेफाकिया हादसे का बयान दिया है।
एसआइ सुमित, इंचार्ज बलजीत नगर चौकी।