समाधि पर माथा टेकेंगे पांच लाख श्रद्धालु, चार सौ वर्ष में पहली बार हुआ ये बड़ा बदलाव
पहली बार प्रशासन की देखरेख में डेरा बाबा राजपुरी की समाधि पर लगेगा मेला। तीन दिवसीय मेले में पहुचेंगे लाखों लोग। नहीं सुलझा गद्दी विवाद। दसवीं पर पुजारियों ने की ध्वज रस्म पूरी।
जेएनएन, पानीपत/कैथल : बाबा राजपुरी मठ में महंत की गद्दी को लेकर चल रहा विवाद तो समाप्त नहीं हुआ, लेकिन यहां लगने वाला वार्षिक मेला आज से शुरू हो रहा है। 400 वर्ष के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब मेले की पूरी व्यवस्था प्रशासन की देखरेख में होगी। इससे पहले मेले का पूरा प्रबंधन डेरे की गद्दी पर बैठे महंत और श्रद्धालुओं की कमेटियां संभालती रही हैं। हालांकि पहले भी मेले के दौरान डेरा प्रबंधन की ओर से प्रशासन की सहायता ली जाती थी लेकिन इस बार पूरी बागडोर प्रशासन के ही हाथ में है।
कैथल के गांव बाबा लदाना स्थित मठ में दसवीं पर डेरे की परंपरा का निर्वहन करते हुए सुबह करीब दस बजे प्रशासन की देखरेख में हवन करवाया गया। पानीपत से भी सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। हवन के बाद मंदिर में लगे जाल के वर्षों पुराने पेड़ पर ध्वज चढ़ाया गया। गद्दी पर महंत न होने के कारण मंदिर के पुजारियों व साधुओं ने ध्वज चढ़ाने की परंपरा को पूरा किया। बाबा लदाना व आसपास के गांवों से ग्रामीण भी हवन में शामिल हुए। देशभर से करीब पांच लाख श्रद्धालु मेले में पहुंचने की संभावना है।
गुल्लकों में मिले 98 हजार रुपये
धारा 145 लगाते समय 30 अगस्त को प्रशासन की ओर से डेरे के सामान और गुल्लकों को सील कर दिया गया था। अब सामान रखे कमरे के दरवाजे और गुल्लकों से सील खोल दी गई है। सील करने से लेकर अब तक गुल्लकों में श्रद्धालुओं की ओर से किए गए दान की राशि 98 हजार रुपये पाई गई। जिला प्रशासन की ओर से यह राशि जमा करवाने के लिए बाबा राजपुरी डेरे के नाम से खाता खुलवाया गया है। दान से प्राप्त राशि को डेरे में होने वाले कार्यों में खर्च किया जाएगा।
छह माह से महंत की गद्दी पर चल रहा है विवाद
डेरे में महंत की गद्दी को लेकर छह महीने से विवाद चल रहा है। छह माह पहले डेरे के तत्कालीन महंत दूजपुरी को ग्रामीणों ने श्रद्धालुओं से धक्का-मुक्की करने के आरोप में गद्दी से हटा दिया था। इसके बाद उन्होंने डेरे की व्यवस्था संभालने के लिए प्रेमपुरी को गद्दी पर बैठा दिया। प्रेमपुरी और दूजपरी के समर्थक दो पक्षों में बंट गए। विवाद को बढ़ता देख प्रशासन की ओर से डेरे में धारा 145 लगाकर देखरेख को अपने अधीन कर लिया। बाबा लदाना में ग्रामीणों को एकमत करने के लिए आसपास के 25-25 गांव की महापंचायत भी हुई, लेकिन ग्रामीण किसी एक महंत को गद्दी सौंपने के लिए सहमत नहीं हुए। अब प्रशासन की ओर से गद्दी पर बाबा राजपुरी की मूर्ति रखकर मेले को सुचारू रूप से चलाने का प्रयास किया गया है।
इस बार नहीं चलेंगी स्पेशल बस
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के चलते इस बार मेले के लिए स्पेशल बस नहीं चलेंगी। हर बार प्रशासन की तरफ से रोडवेज की 20 बसें मेले के लिए चलाई जाती हैं।
40 पुलिसकर्मी होंगे तैनात
नायब तहसीलदार कैथल ईश्वर सिंह ने कहा कि प्रशासन की ओर से मेले को सुचारू रूप से चलाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुरक्षा के लिए 40 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा समाजसेवी संस्थाओं से भी व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग लिया जाएगा।