पांच एकड़ गन्ने की फसल जली, खेतों में पानी मिलता तो किसान खुद कर लेते काबू
गर्मी की शुरूआत होते ही आग ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। गांव मनाना में सोमवार दोपहर नारायणा रोड स्थित खेत में आग लगने पर पांच एकड़ गन्ने की फसल जल गई। पता लगने पर पहुंचे फायर कर्मियों ने लोगों की सहायता से कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। उनकी सूझबूझ से आस पास में खड़ी गेंहू की फसल भी चपेट में आने से बच गई। वहीं आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
जागरण संवाददाता, समालखा : गर्मी की शुरूआत होते ही आग ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। गांव मनाना में सोमवार दोपहर नारायणा रोड स्थित खेत में आग लगने पर पांच एकड़ गन्ने की फसल जल गई। पता लगने पर पहुंचे फायर कर्मियों ने लोगों की सहायता से कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। उनकी सूझबूझ से आस पास में खड़ी गेंहू की फसल भी चपेट में आने से बच गई। वहीं आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
गांव नारायणा वासी किसान सुरेंद्र ने बताया कि उसने मनाना में अपने गांव के रास्ते पर करीब नौ एकड़ पट्टे पर लेकर उसमें गन्ने की फसल की बिजाई की हुई थी। सोमवार दोपहर के समय उसे पता चला की सड़क की तरफ से फसल में आग लग गई है। वह तुरंत खेत में पहुंचा और लोगों की सहायता से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तेज हवा व पानी न होने के कारण नाकाम रहे। इसके बाद सूचना फायर ब्रिगेड़ को दी। तब तक फायर ब्रिगेड़ मौके पर पहुंची तो आग ने कई एकड़ को अपनी चपेट में ले लिया था। फायर कर्मियों में कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इसमें करीब पांच एकड़ फसल जलने से उसको लाखों का नुकसान हुआ है। उसे इससे दोहरा नुकसान उठाना पड़ेगा। गेहूं की फसल बची
गन्ने की फसल में आग लगी तो उसके आसपास गेहूं की फसल में भी आग लगने का खतरा मंडराने लगा। जिस पर फायर कर्मियों ने सूझबूझ दिखाते हुए किसानों की मदद से गन्ने की फसल के चारों तरफ से पानी की बौछार कर गेहूं की फसल में आग लगने से बचाई। तब जाकर अन्य किसानों ने भी राहत की सांस ली।
हाइड्रेंट न होने पर परेशानी
गाडि़यों में पानी भरने के लिए फायर कार्यालय के अलावा इलाके में कहीं पर भी हाइड्रेंट सिस्टम नहीं है। जिसके चलते पानी लाने के लिए दोबारा से गाड़ी को कार्यालय में ही लाना पड़ता है। सोमवार को भी ये समस्या आड़े आने के कारण आग बुझाने में देरी हुई। जबकि फायर अफसर की तरफ से जनस्वास्थ्य विभाग के ग्रामीण एरिया में लगे नलकूपों पर हाइड्रेंट सिस्टम लगाने को लेकर पत्र भी लिखा जा चुका है।