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कोरोना की तीसरी लहर की आशंका, कुपोषित बच्चों का रखें विशेष ख्याल

कोरोना की पहली-दूसरी लहर तबाही मचा चुकी है। अब जिला में इक्का-दुक्का ही केस पाजिटिव मिल रहे हैं। दोनों लहर में शून्य से पांच साल तक के भी बच्चे संक्रमित हुए। विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका भी प्रकट कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 08:37 AM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 08:37 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका, कुपोषित बच्चों का रखें विशेष ख्याल
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका, कुपोषित बच्चों का रखें विशेष ख्याल

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना की पहली-दूसरी लहर तबाही मचा चुकी है। अब जिला में इक्का-दुक्का ही केस पाजिटिव मिल रहे हैं। दोनों लहर में शून्य से पांच साल तक के भी बच्चे संक्रमित हुए। विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका भी प्रकट कर रहे हैं। ऐसे में कुपोषित या किसी गंभीर रोग से ग्रस्त बच्चों का विशेष ख्याल रखना होगा। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसलिए कोरोना संक्रमण जल्द चपेट में ले लेता है।

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सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कादियान ने जिला के वासियों के नाम यह संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को निमोनिया जल्द हो जाता है। सिविल अस्पताल में यूं तो चिकित्सा के इंतजाम बेहतर हैं। इलाज से पहले बचाव जरूरी है। बच्चे अपना ध्यान खुद नहीं रख सकते। बीमार होने पर कोई स्वजन तीमारीदारी करेगा तो शारीरिक दूरी का पालन मुश्किल है। ऐसे में खुद के सैनिटाइजेशन पर ध्यान दें। मास्क जरूर पहनें। कुपोषित बच्चों के खानपान पर ध्यान देना जरूरी है। छह माह तक के बच्चे के लिए मां का दूध अमृत समान है। बाहरी खुराक लेने वाले बच्चों को अंकुरित चने, दूध, दही, रोटी, फल उसकी आयु वर्ग की कैलोरी के हिसाब से देने होंगे।

किसी बच्चे को अधिक समय तक तेज बुखार, आंख लाल होना, हाथ-पैरों में सूजन, पेट संबंधी समस्या, शरीर पर चकते या लाल दाने निकलें तो तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। यह है पोषण

पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराया जाता है। यहां बच्चे के पोषाहार के साथ तीमारदार के भोजन की भी व्यवस्था होती है। साथ ही 50 रुपये प्रतिदिन भत्ता भी दिया जाता है। एनआरसी का लाभ उठाएं

सिविल सर्जन ने कहा कि सिविल अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर बने पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) खुला हुआ है। यहां छह माह से पांच साल आयु के कुपोषित-अतिकुपोषित बच्चों को 14 दिन भर्ती रखा जाता है। इलाज व पोषक तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है। डाइट में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा जैसे जरूरी पोषक तत्वों की सही मात्रा होती है।


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