जेल जाने का सता रहा था डर, गेस्ट हाउस में फंदा लगा दे दी जान
रिफाइनरी के मैकेनिक ने रेनबो गेस्ट हाउस में संदिग्ध हालात में फंदा लगा जान दे दी। मृतक पंकज सक्सेना पर उत्तर प्रदेश के इटावा में किशोरी को भगा ले जाने का मामला दर्ज।
पानीपत, जेएनएन। रिफाइनरी के ठेकेदार पास काम करने वाले मैकेनिक ने रैनबो गेस्ट हाउस में फंदा लगा जान दे दी। शादीशुदा मैकेनिक किशोरी को भगा ले जाने के मामले में जमानत पर था। इस मामले में 3 मई को सुनवाई थी। उसे डर था कि कहीं जेल न जाना पड़े। वह आठ दिन पहले ही पानीपत आया था।
15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के जिला औरया के गांव दिवियापुर निवासी पंकज सक्सेना (31) पानीपत आया था। वह रिफाइनरी में ठेकेदार के पास मैकेनिक था। ठेकेदार ने ही उसे, अन्य श्रमिक सर्वेश, रामनिवास और अजित को रैनबो गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 14 दिला रखा था। 21 अप्रैल को पंकज रात आठ बजे ड्यूटी पर गया था और 22 अप्रैल की सुबह नौ बजे कमरे पर लौटा था। उक्त तीनों श्रमिक रिफाइनरी में काम पर चले गए। इसके बाद पंकज ने खाना खाया। कमरे में जाकर अंदर से कुंडी लगा ली।
रात में आए साथी तो फंदे पर लटका था पंकज
रात करीब 11 बजे सर्वेश और उसके दोनों साथी कमरे पर पहुंचे तो दरवाज बंद था। उन्होंने आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई हलचल नहीं हुई। इसके बाद सर्वेश ने सीढ़ी लगाकर रोशनदान से झांक कर देखा तो पंकज ने पंखे से चादर का फंदा लगा रखा था। उसने गेस्ट हाउस मालिक और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दी। दस घंटे बाद परिजन मौके पर पहुंचे और पुलिस ने उनके सामने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतरा। पंकज के छोटे भाई नीरज की चार साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। परिवार में उसका एक बेटा, पत्नी, छोटा भाई, दो शादीशुदा बहनें और पिता रामशरण है।
कोर्ट केस से था परेशान
पंकज के पिता रामशरण ने पुलिस को बताया कि यूपी के इटावा में पंकज के खिलाफ किशोरी को भगा ले जाने का मामला दर्ज है। इस मामले में वह पांच महीने जेल भी रहा था और अब जमानत पर बाहर था। इस केस की सुनवाई होनी थी। पंकज को जेल जाने का डर सताने लगा था। इन्हीं वजहों से वह परेशान था।