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किसानाें का एलान, गांव में बिजली, बैंक और कृषि विभाग का अफसर दिखा तो बनाएंगे बंधक, कृषि कानूनों के खिलाफ किया प्रदर्शन

वीरवार को भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने तीन कानूनों के विरोध में ट्रैक्टरों के साथ लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। बोले जब तक यह कानून वापस नहीं होंगे तब तक वे न तो बिजली के बिल भरेंगे ना ही बैंक कर्ज की किस्‍तें भरेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 03:29 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 03:29 PM (IST)
कैथल में मांगों को लेकर प्रदर्शन करते किसान। लघु सचिवालय में दिया धरना, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी।

जेएनएन, कैथल : किसानों ने एलान कर दिया है कि अगर कोई अफसर पराली का धुआं देखकर उनके चालान करने पहुंचा तो उसे वापस नहीं जाने दिया जाएगा। वहीं बंधक बना लिया जाएगा। बिजली निगम और बैंक का अधिकारी भी गांव में आया तो उसका भी यही हश्र होगा। वीरवार को भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने तीन कानूनों के विरोध में ट्रैक्टरों के साथ लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जब तक यह कानून वापस नहीं होंगे, तब तक वे न तो बिजली के बिल भरेंगे। न बैंक कर्ज की किस्‍तें भरेंगे और न ही पराली जलाने से बाज आएंगे। उन्होंने मंडियों में धान की दुर्गति पर भी प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। कहा कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो रही है और न ही 72 घंटे में भुगतान। उन्होंने पंजाब की तर्ज पर एमएसपी कानून बनाने और खरीद की गारंटी का कानून बनाने की मांग की।

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इससे पहले प्रदर्शन करने से पहले किसान जवाहर पार्क में एकत्रित हुए। उसके बाद किसान शहर में प्रदर्शन करते हुए लघुसचिवालय पहुंचे। डीसी को ज्ञापन देने के लिए अड़ गए। किसान बोलने लगे कि जब तक डीसी साहब ज्ञापन नहीं लेते है, तब तक उनका धरना यहीं जारी रहेगा। डीसी न तो मंडी का दौरा कर रहे है न ही किसानों की समस्याएं सुन रहे। केवल किसानों पर पराली जलाने का मामला दर्ज कर रहे है। इससे किसान किसी भी हालात में सहन नहीं करेगा। चाहे किसान को कुछ भी करना पड़ जाए। किसान पर लाठियां बरसाई जा रही है। किसान सभी वर्गों का पेट भरता है।

पुलिस प्रशासन ने बैरीकेड्स लगाकर रोका किसानों को

पुलिस प्रशासन ने किसानों को बैरीकेड्स लगाकर लघु सचिवालय के मुख्य गेट पर जाने से पहले की रोक लिया। किसान वहीं पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। डीसी का ज्ञापन देने के लिए अड़ गए। उसके बाद किसानों के बीच एसडीएम संजय कुमार पहुंचे, तो किसानों ने उनकाे भी ज्ञापन देने से मना कर दिया। एसडीएम ने किसानों को उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के आश्वासन से ज्ञापन ले लिया।

बोले- किसानों को बनाया बंधुआ मजदूर

भाकियू के प्रदेश महासचिव बोल सरकार ने किसानों को बंधुआ मजदूर बना लिया है। अपनी मनमर्जी से फसल को खरीद रही है। इससे किसान किसी कीमत पर नहीं होने देगा, चाहे उसको जान  की कुर्बानी देनी पड़ जाए।     

बाइपोस्ट ही डाल दे ज्ञापन

किसान बलवंत ने कहा कि जब डीसी साहब ज्ञापन लेने आते ही नहीं है तो उन्हें पोस्ट ही डाल देते। हमें यहां आने की जरूरत नहीं है। सरकार ने डीसी साहब को यहां लोगों की समस्याएं सुनने के लिए बुलाया है। कुर्सी पर बैठने के लिए नहीं। आगे से डीसी ने ज्ञापन नहीं लिया तो हम उसके खिलाफ ही धरना दे देंगे।


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