किसानों पर दोहरी मार, न गन्ने का दर बढ़ा, गन्ने की मिल रही पेमेंट Panipat News
किसानों को गन्ने की पेमेंट की दरकार है। 19 नवंबर को शुगर मिल चालू हुई थी। बावजूद अभी तक किसानों को पेमेंट नहीं मिला है।
पानीपत, जेएनएन। हथवाला खरीद केंद्र से जुड़े गन्ना किसानों को गन्ने की पेमेंट नहीं मिली है। किसान करीब 50 हजार क्विंटल गन्ना शुगर मिल को पहुंचा चुके हैं। पेमेंट नहीं मिलने से उन्हें मजदूरों से छिलाई और कटाई कराने में परेशानी आ रही है। मजदूरों को घर से दिहाड़ी देनी पड़ रही है।
हथवाला गन्ना किसान समिति के प्रधान संदीप त्यागी ने बताया कि उनके गन्ना खरीद केंद्र से आसपास के आधा दर्जन गांव के किसान जुड़े हैं। करीब 250 किसानों का 3 लाख क्विंटल का शुगर मिल के साथ बाउंड है। प्रतिदिन करीब 1800 क्विंटल की खरीद और उठान केंद्र से होती है। गत 18 नवंबर से गन्ना खरीद शुरू हुई थी। पेराई भी 19 नवंबर को शुरू हो गई थी। 60 दिन बाद उनकी दूसरी किस्त आ जाती है, जबकि अभी तक उनकी पहली किस्त भी नहीं आई है।
मजदूर को दिहाड़ी देने में कठिनाई
उन्होंने कहा कि गन्ना कटाई, छिलाई और उठान के लिए दिहाड़ी मजदूर काम करते हैं। उन्हें प्रतिदिन पेमेंट देनी होती है। किसान 52 दिनों से मजदूरों को अपने पल्ले से पेमेंट दे रहे हैं। शुगर मिल प्रबंधन से उन्हें कुछ नहीं मिला है। अब उनके हाथ भी खाली हो गए हैं।
महंगाई बढ़ी, नहीं बढ़ी गन्ना की दर
उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट खर्च, गन्ने की लागत सहित मजदूरों की दिहाड़ी पिछले साल से बढ़ गई है, लेकिन गन्ना का रेट नहीं बढ़ा है। समय पर पेमेंट भी नहीं मिल रही है। पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।
हर 15 दिनों पर मिलती किस्त
गन्ना किसानों की पेमेंट मिल चालू होने के एक महीने बाद बननी शुरू होती है। हर 15 दिनों के बाद पेमेंट की किस्त आती है। 45 दिन बाद पहली पेमेंट आनी चाहिए थी, जो नहीं आई।
सीडीओ कर्मबीर सिंह ने कहा कि किसानों को पेमेंट नहीं मिली है, लेकिन इसके विषय में प्रबंधन के पास ही जानकारी होगी। उसे इसके कारण का का पता नहीं है।