फिल्म की शूटिंग नहीं प्रशासन का यहां हो रहा विरोध, इसलिए टंकी पर चढ़े किसान Panipat News
कुरुक्षेत्र में कुछ किसान पानी की टंकी पर चढ़ गए। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। ग्रामीण भी एकजुट हो गए लेकिन किसान उतरने को नहीं तैयार हुए।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में कुछ किसान पानी की टंकी पर चढ़ गए। टंकी पर चढ़कर उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। ये देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना पुलिस को मिली तो उनसे नीचे उतरने को कहा गया, लेकिन वे नहीं माने। पुलिस उन्हें मनाने का प्रयास कर रही है।
दरअसल सूरजमुखी की फसल की बिक्री के लिए किसान कई दिन से मांग कर रहे हैं। मंगलवार को सड़क पर प्रदर्शन करने उतरे किसानों पर पुलिस ने दबाव बनाने का प्रयास किया। प्रशासन के दबाव के कारण किसान शहर के बीच में स्थित सिविल अस्पताल स्थित पानी की टंकी पर जा चढ़े और नारेबाजी की। मौके पर एसडीएम राजीव प्रसाद व डीएसपी जगदीश राय, एसएचओ रमेश चंद्र पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने उनकी एक नहीं सुनी। एसडीएम ने खरीद शुरू कराने के लिए तीन दिन का समय मांगा, किसानों ने उनकी अपील को ठुकरा दिया।
खरीद शुरू न होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सूरजमुखी की सरकारी खरीद शुरू कराने के लिए किसानों ने प्रयास किया। 20 जुलाई को थाना के घेराव के समय अधिकारियों ने दो दिन का समय मांगा था। उस समय किसानों ने 23 जुलाई को बड़ा प्रदर्शन करने की बात कही थी। मंगलवार को बड़ी संख्या में किसान नई अनाज मंडी के विश्राम गृह में एकजुट हुए, लेकिन किसी भी अधिकारी के वहां न आने पर गुस्साए किसानों ने रोड जाम करने की बात कही। पुलिस ने उन्हें रोड जाम नहीं करने दिया। इससे सभी किसान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने पानी की टंकी पर चढ़ गए। उन्होंने कहा कि उनका धरना और प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार सूरजमुखी की खरीद शुरू नहीं करती।
1300 किसानों की नहीं हुई सूरजमुखी की खरीद
भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस ने बताया कि 1300 किसान ऐसे हैं, जिनकी सूरजमुखी बकाया है। उसमें से 600 किसानों का पूरा ब्यौरा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर चढ़ा हुआ है और जिसकी तस्दीक पटवारी ने की हुई है, जबकि 275 किसान ऐसे हैं जिनके कागजों में कुछ कमी रही और 250 किसान अपना ब्यौरा दर्ज नहीं करा पाए। उन्होंने सरकार से किसानों की सारी सूरजमुखी खरीदने की मांग की।