संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने मनाया दमन विरोधी दिवस
पानीपत में कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान व किसान-मजदूरों ने बुधवार को दमन विरोधी दिवस मनाया। आंदोलन के दौरान जेलों में बंद किए गए किसानों की रिहाई की मांग की।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान व किसान-मजदूरों ने बुधवार को दमन विरोधी दिवस मनाया। आंदोलन के दौरान जेलों में बंद किए गए किसानों की रिहाई व उनके केस वापस लेने सहित छह मांग उठाते हुए लघु सचिवालय पहुंच राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार डा. कुलदीप सिंह को मांग पत्र सौंपा। इससे पहले किसान व मजदूरों ने जमकर नारेबाजी की।
पानीपत टोल प्लाजा से किसान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले दोपहर को लघु सचिवालय पहुंचे। जहां वो गेट से नारेबाजी करते हुए सीढि़यों तक पहुंचे। किसानों ने आंदोलन के दौरान जेलों में बंद किए गए किसानों की बिना शर्त तुरंत रिहाई, किसानों को भेजे जा रहे नोटिस रोकने, दर्ज मुकदमें वापस लेने, हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस-प्रशासन द्वारा बंद किए गए रास्तों को खोलने, आंदोलन के दौरान जब्त किए गए ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को लौटाने और किसान आंदोलन की सभी मांगे मानने की मांग की है। भाकियू के जिला प्रधान कुलदीप बलाना व बिटू मलिक ने सरकार आंदोलनरत किसानों को लेकर गंभीर नहीं हैं। उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। इसी के विरोध में आज दमन विरोधी दिवस मनाया गया। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा। इस मौके पर सीटू पदाधिकारी सुनील दत्त, राजकुमार, मोनू मौजूद रहे।