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गन्ना समर्थन मूल्य वृद्धि की मांग पर 31 जनवरी को हड़ताल करेंगे किसान

भारतीय किसान संघ के सदस्य रणदीप सिंह आर्य ने कहा कि बीजेपी सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित नहीं कर रही है। इससे किसान वर्ग में गहरा रोष है। भारतीय किसान संघ के सदस्य पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 07:30 AM (IST)
गन्ना समर्थन मूल्य वृद्धि की मांग पर 31 जनवरी को हड़ताल करेंगे किसान
गन्ना समर्थन मूल्य वृद्धि की मांग पर 31 जनवरी को हड़ताल करेंगे किसान

जागरण संवाददाता, कैथल : भारतीय किसान संघ के सदस्य रणदीप सिंह आर्य ने कहा कि बीजेपी सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित नहीं कर रही है। इससे किसान वर्ग में गहरा रोष है। भारतीय किसान संघ के सदस्य पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को रादौर में किसान सभा की एक पंचायत हुई थी, जिसमें पूर्व कृषि मंत्री ओपी धनखड़ व पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा से गन्ने की बढ़ोतरी की मांग की गई थी। सरकार के मंत्रियों ने मांग पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक मांग को पूरा नहीं किया गया है। गन्ने के मूल्य में 30 रुपये बढ़ोतरी करने की जरूरत है। गन्ने की फसल की लागत ज्यादा आ रही है। किसान को समर्थन मूल्य कम मिल रहा है। चार दिसंबर को कृषि मंत्री को ज्ञापन दिया गया था कि गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए। सरकार की ओर से इसपर कोई जवाब नहीं मिला रहा है। किसान वर्ग अमीर, गरीब, पूंजीपति का पेट पालता है। लेकिन सरकार इसके खिलाफ कार्य कर रही है। बीजेपी की सरकार कर्मचारी वर्ग जैसे किसानों के भाईचारे को खराब करना चाहती है। इसे किसान संघ किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा। पिछले दिनों कैथल शुगर मिल में किसानों ने गन्ने के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को लेकर धरना दिया दिया था। शुगर मिल में चिप घोटाला हुआ था। आज तक सरकार द्वारा उसकी जांच नहीं की गई है। अगर सरकार ने मांगों को पूरा नहीं किया तो सीएम के हर प्रोग्राम में किसानों की तरफ से काले झंडे दिखाकर विरोध किया जाएगा। बीजेपी के 6 साल कार्यकाल में किसानों को 30 रुपये मूल्य में बढ़ोतरी मिली है, जबकि पिछले सरकारों में 300 रुपये के करीब गन्ने के दामों में बढ़ोतरी हुई थी। गन्ना किसान सरकार से पिछले 2 महीने से लोकतांत्रिक तरीके से बात करना चाहते हैं। लेकिन सरकार किसानों से बात करना तो दूर दमनकारी तरीके से किसानों के आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है। इसको लेकर 31 जनवरी को किसान हड़ताल करेंगे। इस अवसर पर गुलतान सिंह नैन, सतीश कुमार, श्रीराम मोहाना, पाला राम क्योड़क, दीपक वालिया व दयाल सिंह खुराना मौजूद रहे।

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