किसान नेताओं को अभी रहना होगा जेल में, पुलिस ने कोर्ट में की अपील
किसान आंदोलन से पहले यमुनानगर में पुलिस ने सात किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें तीन दिन तक हिरासत में रखा गया। अब कोर्ट में ये कहा गया कि किसान आंदोलन की वजह से उन्हें नहीं ला सकते। कोर्ट 28 नवंबर को सुनवाई करेगा।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में जुटने जा रहे कुछ किसान नेताओं को पुलिस ने 24 नवंबर की रात को ही गिरफ्तार कर लिया। उन्हें तीन दिन के लिए हिरासत में रखा गया। 27 नवंबर को उन्हें कोर्ट में पेश करना था, लेकिन पुलिस ने कोर्ट में अपील डाल दी। जिसमें कहा गया कि आंदोलन की वजह से आज किसानों को लेकर नहीं आ सकते। जिस पर कोर्ट अब 28 नवंबर को सुनवाई करेगा।
पुलिस ने आंदोलन को देखते हुए किसान नेताओं के घरों पर 24 नवंबर की रात को दबिश दी। इनमें भाकियू मान गुट व चढूनी गुट के नेताओं के घरों पर रात में ही पुलिस पहुंची। यहां से भाकियू मान गुट के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर, चढूनी गुट के साढौरा से ब्लॉक प्रधान सरावां निवासी संजीव सैनी, सिलीकलां निवासी सीटू, मान गुट से बिलासपुर ब्लॉक प्रधान सुखदेव ङ्क्षसह सलेमपुर, साढौरा के ब्लॉक प्रधान सतपाल मानकपुर व चढूनी गुट से उपप्रधान कृष्ण पाल सुढल, सिपियावाला से राजकुमार को गिरफ्तार किया था। इनमें से कृष्णपाल को शांति भंग की धारा के तहत गिरफ्तार किया। उन्हें जमानत मिल गई। जबकि अन्य को करनाल जेल भेजा गया। इन्हें 27 नवंबर तक प्रीवेंटिव हिरासत में रखा गया। 27 को कोर्ट में इन्हें पेश करना था, लेकिन करनाल जेल से पुलिस ने लेकर आने में असमर्थता जताते हुए रिक्वेस्ट डाल दी। वहीं बताया जा रहा है कि पुलिस ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए कोर्ट में रिक्वेस्ट डाली है, क्योंकि अभी किसानों का आंदोलन चल रहा है।
यह दे गए पुलिस को चकमा
पुलिस ने 15 किसान नेताओं की सूची तैयार की थी। इनमें भाकियू चढूनी गुट के जिला प्रधान संजू गूंदियाना व संगठन सचिव हरपाल सुढल, जिला युवा प्रधान संदीप टोपरा व डायरेक्टर मनदीप रोडछप्पर के नाम भी शामिल थे, लेकिन यह पुलिस को चकमा देकर निकल गए। संजू गूंदियाना को पकडऩे के लिए सीआइए वन की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन वह हाथ नहीं आए। वहीं हरपाल को पकडऩे के लिए सीआइए टू को लगाया गया था। दोनों नेता अब दिल्ली आंदोलन में पहुंच गए हैं। वहां से लगातार फेसबुक पर लाइव हो रहे हैं।