Dussehra 2022: हरियाणा के इन 10 शहरों में होता है शानदार दशहरा उत्सव, जानें हर जगह की खास बातें
Dussehra 2022 देश भर में धूमधाम से दशहरा मनाया जा रहा है। हरियाणा के इन 10 शहरेां में दशहरा उत्सव की खास तैयारी है। दूसरे राज्यों के लोग भी यहां के दशहरा उत्सव को देखने के लिए आते हैं। देश भर में उत्सव की खासियत चर्चा में रहती है।
पानीपत, जेएनएन। Dussehra 2022: आज 5 अक्टूबर को देश भर में दशहरा उत्सव मनाया जा रहा। रावण दहन को देखने को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। दशहरा उत्सव देश भर में लगभग हर शहर में होता है। लेकिन, हरियाणा के इन 10 शहरों में मनाए जाने वाले दशहरा उत्सव के चर्चे दूर-दूर तक रहते हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है खासियत।
हरियाणा में अंबाला से लेकर पानीपत, हिसार, रोहतक का रावण दहन खास है। पानीपत में जहां हनुमान स्वरूप आकर्षण का केंद्र रहते हैं तो वहीं, अंबाला में रावण के पुतले की ऊंचाई पूरे देश में चर्चित रहती है। हिसार और रोहतक में भी कई साल पुरानी रामलीला की परंपरा आज भी कायम है।
पानीपत में शाम 5.59 बजे होगा रावण दहन
पानीपत में देवी मंदिर, कटारिया लैंड, सेक्टर 25 हुडा सहित शिवाजी स्टेडियम, सेक्टर 13-17 में दशहरा का मेला हो रहा है। पानीपत में 153 वर्ष पुरानी देवी मंदिर में रामलीला कमेटी का मंचन हो रहा है। सबसे पहले दशहरा के मेले की शुरुआत यहीं से हुई थी।1950 में दशहरे का दूसरा मेला सेक्टर 25 में लगने लगा। सभी दशहरा स्थल पर हनुमान स्वरूप आकर्षण का केंद्र रहते हैं। रावण दहन के समय हनुमान स्वरूप दशहरा स्थल पर पहुंचते हैं। शहर भर में हनुमान स्वरूप गोला (बम) फोड़कर उत्सव का सिंहनाद करते हैं। यह परपंरा पाकिस्तान में शुरू हुई थी। विभाजन के बाद पाकिस्तान से लैय्या समाज के लोग इस परंपरा के साथ पानीपत आए थे।
अंबाला के बराड़ा में 125 फीट ऊंचे रावण का पुतला
अंबाला के बराड़ा में 125 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। हरियाणा में सबसे बड़ा रावण का पुतला अंबाला के बराड़ा में बनता है। रिमोट के माध्यम से रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। अंबाला कैंट, अंबाला शहर, नारायणगढ़ में भी रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाएगा। अंबाला कैंट में दो बड़े आयोजन किए जाएंगे, जिनमें प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज मुख्य अतिथि होंगे। वहीं, दशहरे पर जब रावण के पुतले का दहन किया जाता है तो इसके बाद बची लकड़ियों को इकट्ठा करने की परंपरा है। इसके लिए अलग-अलग मान्यता है। बताया जाता है कि यदि घर में रावण के पुतले की लकड़ियों को रखा जाए, तो चोरी नहीं होती। परिवार की गृह दशा भी सही रहती है। इसके अलावा घर में सुख स्मृद्धि बनी रहती है।
हिसार के महावीर स्टेडियम में सीएम आएंगे
पुराना राजकीय कालेज के मैदान में चल रही श्रीरामलीला कमेटी कटला के तहत बुधवार को महावीर स्टेडियम में दशहरा महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल करीब सवा पांच बजे पहुंचेंगे। उनके समक्ष राम और रावण का युद्ध होगा जो करीब 25 मिनट चलेगा। उसके बाद करीब सात बजे रावण, कुंभकरण व मेघनाथ का पुतला दहन होगा। स्टेडियम में विशेष रूप से स्टेज बनाया गया है। ओपन में स्टेज पर ही राम-रावण युद्ध करेंगे। इसके साथ ही लंका दहन का मंचन भी इसी दौरान किया जाएगा। मनमोहक आतिशबाजी दर्शकों को देखने को मिलेगी।
करनाल में पुतलों के मुंह व आंखों से निकलेगी आग
करनाल में दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे स्थित सेक्टर-चार के दशहरा ग्राउंड में बुराइयों के प्रतीक 65 फीट के रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाएगा। इसके लिए शाम साढे पांच बजे का समय तय है। पुतलों को हाइटेक तरीके से तैयार किया गया है। पुतलों के मुंह व आंखों से आग निकलेगी। पुतला दहन के दौरान करीब 30 मिनट तक आतिशबाजी होगी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मारीशस से सांसद नंद कुमार व करनाल से सांसद संजय भाटिया शिरकत करेंगे। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस पीसीआर व पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। वहीं पार्किग की भी व्यवस्था की गई है।
कैथल में दो सौ साल पुरानी पंरपरा
कैथल में 200 वर्षों से दशहरा उत्सव की परंपरा है। दशहरा उत्सव समिति की ओर से इस बार रामलीला मैदान में 51 फीट ऊंचा रावण का पुतले का दहन होगा। पहले रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ तीनों के करीब सौ-सौ फुट लंबे पुतलों का दहन होता था। शहर में वर्ष 1971 में रामलीला मंचन की शुरूआत हुई। इसके साथ ही दशहरा उत्सव मनाने का कार्यक्रम आरंभ हुआ। जिले के सीवन कस्बा में सबसे पहले दशहरा उत्सव मनाया गया। यहां करीब सौ फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया।
धर्मनगरी में यहां होगा पुतले का दहन
थीम पार्क में दशहरा मनाया जा रहा है। शाम को पांच बजे थीम पार्क में झांकियों का आना शुरू हो जाएगा। राजतिलक के बाद सायं छह बजे दशहरा पर रावण व उसके कुनबे के तीनों पुतलों का दहन होगा। रावण का पुतला 65, कुंभकर्ण का 60 और मेघनाथ का 50 फीट का पुतला है।
यमुनानगर में पुतले की ऊंचाई 8 से हुई 80 फीट
यमुनानगर में वर्ष 1948 में सनातन धर्म मंदिर छोटी सी जगह पर नेहरू पार्क के सामने था। साल 1956 में सनातन धर्म मंदिर मेयर हाउस के सामने शिफ्ट हो गया। मंदिर के साथ अब स्कूल भी चलता है। साल 1950 में पहली बार गांधी ग्राउंड (वर्तमान में नेहरू पार्क) में रावण के पुतले का दहन हुआ था। चंद लोग दहन पर एकत्र हुए थे। उस समय पुतले की ऊचांई आठ फीट थी। बदलते समय के बाद रावण के पुतले में काफी बदलाव आ गया। साल 1952 में रावण का दहन दशहरा ग्रांउड में हुआ। मेला भी आयोजित हुआ। उसके बाद इस ग्रांउड का नाम रिकार्ड में भी दशहरा ग्रांउड हो गया। इस बार 80 फीट का रावण का पुतला और 60-60 फीट का पुतला मेघनाथ व कुंभकर्ण का भी जलाए जाएंगे। वर्ष 2000 से मेघनाथ व कुंभकर्ण का पुतला जलाया जाने लगा। कारीगर महेंद्र मनचंदा 34 साल से पुतले बना रहे हैं।
रोहतक में यहां होगा रावण दहन
श्री प्राचीन रामलीला सोसाइटी लोकल रोहतक की ओर से रावण दहन शाम पांच बजे सोसाइटी परिसर में होगा। श्री रामलीला उत्सव कमेटी रोहतक की ओर से रावण दहन शाम छह बजे पुरानी आइटीआइ परिसर में होगा। गांधी कैंप में नेक कुकारों वाली रामलीला की ओर रावण का दहन रामलीला परिसर में शाम छह बजे होगा। श्री सनातन धर्म पंजाबी रामलीला क्लब की ओर से रावण दहन शाम साढ़े छह बजे गोकर्ण तालाब परिसर में होगा।
जींद यहां दो बड़े आयोजन
दशहरा पर्व पर जींद शहर में अर्जुन स्टेडियम और जींद रेलवे जंक्शन पर रावण दहन होगा। रेलवे जंक्शन पर रेलवे रामलीला क्लब की ओर से 50 फीट का रावण का पुतला तैयार किया गया। वहीं सनातन धर्म रामलीला क्लब की ओर से 45 फीट का रावण और 40 फीट के कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतले तैयार किए गए हैं। अर्जुन स्टेडियम में रावण दहन का शहर मुख्य कार्यक्रम होता है।
चरखीदादरी में बलिदान स्टेडियम में रावण का 51 फीट का पुतला
परंपरागत रूप से नगर में दशहरा पर्व मनाने की तैयारियां पूरी की जा चुकी है। इस बार नगर के बलिदान स्टेडियम में दशहरा पर्व आयोजित होगा। यहीं पर रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले का दहन होगा। पुतले दहन का समय बुधवार सायं 6:30 बजे रहेगा। इस बार भी नारनौल के कारीगरों से पुतले बनवाए गए हैं। रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दशहरे के दिन दहन किया जाएगा।