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इस शहर में मौत की फैक्ट्रियां, सरकार को चिंता न प्रशासन का ध्यान Panipat News

रिहायशी क्षेत्रों में बिना फायर एनओसी के 11 हजार उद्योग चल रहे हैं। दिल्ली आग के हादसे के बाद भी दमकल विभाग नहीं चेता।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 04:12 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 04:57 PM (IST)
इस शहर में मौत की फैक्ट्रियां, सरकार को चिंता न प्रशासन का ध्यान Panipat News
इस शहर में मौत की फैक्ट्रियां, सरकार को चिंता न प्रशासन का ध्यान Panipat News

पानीपत, जेएनएन। पानीपत में रिहायशी कॉलोनियों में ज्यादातर उद्योग बिना फायर की एनओसी के चल रहे हैं। जिले में सिर्फ 1098 उद्योगों के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी है। उद्योग लगाते समय उद्यमी को दमकल केंद्र से एनओसी लेनी होती है। बिना एनओसी वालों पर कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही। एक वर्ष में एनओसी न लेने वाले किसी भी उद्योग को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। दमकल अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी उद्योग की जांच करने जाते हैं तो ह्रासमेंट करने का आरोप लग जाता है। 

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दिल्ली में आग लगने से 43 लोगों की मौत के बाद विभाग हरकत में 

दिल्ली में एक फैक्ट्री में आग लगने से 43 लोगों की मौत होने के बाद अर्बन लोकल बॉडी निदेशक ने दमकल विभाग को निर्देश दिए हैं कि होटलों, स्कूलों सहित जहां अधिक लोगों की आवाजाही होती है उन बिल्डिंग की जांच करें। 

स्कूलों की जांच शुरू 

दमकल अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि स्कूलों की जांच शुरू की गई है। सोमवार को किशन पुरा, मॉडल टाउन, शिव नगर, कच्चा कैंप सहित जीटी रोड पर स्थित सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया गया। जिनमें से ज्यादातर में सेफ्टी नियम समुचित नहीं मिले हैं। 

14.50 लाख की आबादी के लिए 14 दमकल की गाडिय़ां 

जिले में 14.50 लाख की आबादी है। दमकल विभाग के चार केंद्र बने हुए हैं। जिनमें 14 गाडिय़ों का प्रबंध है। इनमें 95 कर्मचारी जो रोल पर हैं तथा 20 नियमित कर्मचारी कार्यरत है। शहर में तीन दमकल केंद्र बने हैं। जो तीन साइड से शहर को कवर कर रहे हैं। मॉडल टाउन में दमकल केंद्र ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया कच्चा कैंप एरिया को कवर करता है। लाल बत्ती पर बना हुआ दमकल केंद्र बाजार, बरसत रोड तक कवर करता है। सेक्टर 25 का दमकल केंद्र सेक्टर 24-25, 29 चौटाला रोड, सनौली रोड को कवर कर रहा है। तंग गलियों के लिए दो बुलेट बाइक भी विभाग के पास है। समालखा में दमकल केंद्र पर तीन गाडि़य़ां उपलब्ध हैं। आग लगने पर एनएफएल, थर्मल, रिफाइनरी की मदद भी ली जाती है। 

इन कॉलोनियों में लगे उद्योग 

सेक्टर 24-25, सनौली रोड, ऊझा रोड, बलजीत नगर, विद्यानंद कालोनी, चांदनी बाग कालोनी, काबुली बाग कालोनी,बरसत रोड, काबड़ी रोड, कुटानी रोड, राजनगर, दलबीर कालोनी, अशोक विहार, हरी सिंह कालोनी, नूरवाला, सैनी कालोनी, भारत नगर, संजय कालोनी, महावीर कालोनी, शिव नगर, आर्य नगर में उद्योग लगे हुए हैं। इनमें आने जाने के रास्ते भी संकरे बने हुए हैं। कालोनियों में गाडिय़ा आ जा नहीं पाती।  

रेजिडेंशियल एरिया में चल रही कमर्शियल एक्टिविटीज के लिए नियम 

-नगर निगम सर्विस नियम के अनुसा शहर में उन सभी को फायर एनओसी लेना होता है जो कॉमर्शियल एक्टिविटी करता है। औद्योगिक शहर में सैकड़ों की संख्या में छोटी-बड़ी इंडस्ट्री, स्कूल, अस्पताल, कम्युनिटी सेंटर, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट, होटल चल रहे हैं। इन सभी को काम शुरु करने से पहले नगर निगम से फायर एनओसी लेना होता है। 

पिछले तीन साल में करोड़ों रुपये का नुकसान उद्योगों में आग लगने के कारण हो चुका है। जबकि 15 श्रमिकों की मौत हुई। अन्य प्रदेशों से आए श्रमिकों की आगजनी हादसे में मौत हुई।

नगर निगम फायर ब्रांच के ऑफिसर आरडी भारद्वाज ने बताया कि रेजिडेंशियल एरिया में 15 मीटर से कम ऊंचाई वाली बिल्डिंगों को फायर एनओसी लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन उनके पास आग बुझाने के संसाधन होना चाहिए। 15 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वालों को एनओसी जरूरी है। 


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