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यमुनानगर में जानलेवा साबित हो रहीं ये फैक्ट्रियां, उगल रही जहरीला धुआं

यमुनानगर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई की सुस्‍ती का फायदा फैक्ट्री मालिक उठा रहे हैं। बेधड़क फैक्ट्रियों से जहरीला धुआं निकल रहा है। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहे हैं। जबक‍ि प्रदूषण के मामले में यमुनानगर पहले ही विश्‍व में 26वें स्‍थान पर है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 05:51 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 05:51 PM (IST)
यमुनानगर में जानलेवा साबित हो रहीं ये फैक्ट्रियां, उगल रही जहरीला धुआं
फैक्ट्रियों की चिमनियों से जहरीला व काला धुआं निकल रहा।

यमुनानगर, जेएनएन। प्रदूषण के मामले में यमुनानगर का विश्व में 26वां स्थान आने के बावजूद जिला प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है।  फैक्ट्रियों  की चिमनियों से जहरीला व काला धुआं निकल रहा है। आलम यह है कि सुबह के समय शहर के ऊपर धुएं की काली परत देखी जा सकती है। जो दिन चढऩे के साथ-साथ लोगों के घरों, छतों व अन्य जगहों पर बिछ जाती है।

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मोहल्लों में चल रही फैक्ट्री

फैक्ट्रियों से निकलने वालें जहरीले व काले धूएं की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कतें शहरवासियों को उठानी पड़ रही है। गली मौहल्लों में छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों को जाल बिछा हुआ है। बहुत सारी इकाइयां तो ऐसे हैं, जिनके बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को भनक तक नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी फैक्ट्री संचालकों ने संयंत्र लगाए हुए हैं। सुबह के समय फैक्ट्रियों का काला व जहरीला धुआं उगलते देख कर अंदाजा लगया जा सकता है कि संयंत्र कागजों में ही लगे हैं। हकीकत इससे दूर है।

सेहत बिगाड़ रही है जीवनदायनी हवा

पर्यावरणविद डाक्टर अजय गुप्ता का कहना है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले धूएं की वजह से जीवनदायिनी हवा,अब सेहत बिगाड़ रही है।  इनमें पीएम 2.5 कणों की मात्रा ज्यादा होती है। ये इतने महिम कण होते हैं कि सांस के जरिए सीधा फेफड़ों व शरीर के दूसरे अंगों पर प्रहार करते हैं। लोग कैंसर, दमा सहित अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन व संबंधित विभाग के अधिकारियों को किसी की ङ्क्षचता नही है।

सिस्टम का फायदा उठा रहे फैक्ट्री संचालक

पंचायत भवन परिसर स्थित ऑन लाइन कंटीन्यूअस एयर क्वलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन साढ़े तीन किलोमीटर के दायरे में ही प्रदूषण की जांच करता है। इसके बारे में फैक्टी संचालक  भलीभांति जानते हैं।  सिस्टम की जद से बाहरी क्षेत्र में बेखौफ प्रदूषण हो रहा है।

बैठक से आगे नहीं बढ़ी कमेटी  

जिले में बढ़ते प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए डीसी मुकुल कुमार ने मार्च माह में अधिकारियों की बैठक बुलाई। निगरानी के लिए एक कमेटी का गठन भी किया। इसमें प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड, सिंचाई विभाग, नगर निगम के अधिकारी शामिल किए, लेकिन कमेटी ने अभी तक ठोस कदम नहीं उठाए।

जिस समय फैक्ट्रियों में बॉयलर चलाया जाता है, उस समय अत्याधिक मात्रा में काला धुआं निकलता है। जो कि हानिकारक होता है। सुबह के समय फैक्ट्रियों की मॉनिटरिंग करने का कोई प्रावधान नहीं है।

निर्मल कश्यप, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यमुनानगर।


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