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Eye Checkup Camp: यमुनानगर में वाहनों से स्कूल व कालेज में आने वाले विद्यार्थियों की आंखों की होगी नियमित जांच, जानें वजह

विद्यार्थियों को भी यातायात नियमों के प्रति जागरूकता को लेकर अभियान से जोड़ा जाएगा। रोड सेफ्टी की बैठक में रखे जाने वाले विषयों में यह भी शामिल कर लिया गया है। इसका उद्देश्य यही है कि छात्रों को नियमों का पाठ पढ़ाना बेहद जरूरी है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 03:10 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 03:10 PM (IST)
Eye Checkup Camp: यमुनानगर में वाहनों से स्कूल व कालेज में आने वाले विद्यार्थियों की आंखों की होगी नियमित जांच, जानें वजह
स्कूल व कालेज में आने वाले विद्यार्थियों के आंखों की भी नियमित जांच कराई जाएगी।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर में यातायात नियमों का पालन कराने के लिए छात्र-छात्राओं के जरिए जागरूकता की अलख जगाई जाएगी। इसके लिए स्कूल व कालेजों में पोस्टर मेकिंग व निबंध लेखन प्रतियाेगिता भी कराने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही स्कूल व कालेज में आने वाले विद्यार्थियों के आंखों की भी नियमित जांच कराई जाएगी। रोड सेफ्टी की बैठक में यह मुद्दे उठे हैं। जिन पर डीसी पार्थ गुप्ता ने संज्ञान लिया है।

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समाजसेवी इंदू कपूर ने कहा था कि वह लगातार नेत्र जांच शिविर लगाते हैं। ऐसे में देखने में आ रहे हैं कि कुछ छात्रों की नजर कमजोर है, लेकिन वह चश्में का प्रयोग नहीं करते। इसलिए जरूरी है कि जो छात्र वाहन लेकर स्कूल व कालेज में आते हैं। उनकी आंखों की जांच हो और यदि चश्मे की जरूरत है, तो वह नियमित चश्मा पहने। जिससे उनकी नजर भी सुरक्षित रहेगी और सड़क दुर्घटना का भी खतरा कम होगा। डीसी पार्थ गुप्ता ने इस सुझाव पर अमल करने के लिए डीईओ को निर्देश दिए हैं। स्कूल व कालेजों में इस संबंध में भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे। डीसी का कहना है कि जागरूकता से ही यातायात नियमों का पालन होगा। इसमें समाजसेवी संगठनों को भी जोड़ा जाना चाहिए। जिससे वह लोगों को जागरूक कर सके। 

विद्यार्थियों को जोड़ा जाए जागरूकता अभियान से

विद्यार्थियों को भी यातायात नियमों के प्रति जागरूकता को लेकर अभियान से जोड़ा जाएगा। रोड सेफ्टी की बैठक में रखे जाने वाले विषयों में यह भी शामिल कर लिया गया है। इसके तहत स्कूल व कालेजों में होने वाले यातायात नियमों संबंधी कार्यक्रमों की भी जानकारी बैठक में देनी होगी। इसका उद्देश्य यही है कि छात्रों को नियमों का पाठ पढ़ाना बेहद जरूरी है। कक्षा 11 में आने के बाद अधिकतर छात्र अब स्कूलों में वाहन लेकर पहुंचते हैं। ऐसे में उन्हें नियमों के प्रति सचेत करने की जरूरत है।


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