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स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुली, स्पेशल ओपीडी में नहीं हुई coronavirus की जांच

कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट है। बावजूद हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। कोराना वायरस की जांच को आए लोगों को लौटा दिया गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 02:25 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 02:25 PM (IST)
स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुली, स्पेशल ओपीडी में नहीं हुई coronavirus की जांच

पानीपत, जेएनएन। कोरोना वायरस (कोविड-19) के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट होने के जितने दावे कर रहा है, धरातल पर उतने दिख नहीं रहे हैं। सिविल अस्पताल में बनी स्पेशल ओपीडी राउंड द क्लॉक ओपन तो कर दी गई, रविवार को किसी डॉक्टर की ड्यूटी नहीं लगाई गई। नतीजा, संदिग्ध मरीजों को बिना जांच किए लौटा दिया। 

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सेक्टर 13-17 निवासी बिजनेसमैन की बेटी शहर के एक स्कूल में कक्षा-10 की छात्रा है। तकरीबन एक सप्ताह से उसे हल्का बुखार, खांसी और गले में दर्द की शिकायत है। फैमिली डॉक्टर से परामर्श के बाद भी आराम नहीं मिला। कोरोना वायरस के लक्षणों,बचाव का प्रचार-प्रसार समाचार पत्रों में देख पिता उसे लेकर रविवार को 101 नंबर ओपीडी में पहुंचे। वहां एक नर्स बैठी थी।

आरोप है कि मरीज से बीमारी के विषय में जानने के बाद भी उसने न तो इमरजेंसी से कोई डॉक्टर बुलाया और न वहां जाने की सलाह दी। ब्लडसैंपल लेने के लिए लैब से भी किसी कर्मचारी को नहीं बुलाया। नर्स ने कह दिया कि आज कोई डॉक्टर नहीं है, सोमवार को आना। नाक-कान-गला विशेषज्ञ से जांच करानी होगी। 

बिजनेसमैन के मुताबिक सिविल अस्पताल से मिली निराशा के बाद वे बेटी को चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीन मल्होत्रा के क्लीनिक पर ले गए। उन्होंने चेकअप करने और लक्षणों के आधार पर स्लिप पर मेडिसिन लिखकर दी है। यह एक मरीज के हालात नहीं हैं, स्पेशल ओपीडी में तीन मरीज पहुंचे, जांच नहीं हो सकी। 

एंबुलेंस कर्मचारियों को नहीं मास्क 

स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस चालक और ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन) को मास्क और दस्ताने उपलब्ध नहीं करा सका है। एक चालक ने बताया कि संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन वार्ड तक लाने या रेफर के बाद उच्च अस्पताल में पहुंचाते समय सबसे अधिक मरीज के संपर्क में रहते हैं, विभाग को उनकी सेहत की ङ्क्षचता नहीं है। 

हेल्पलाइन पर त्वरित सुनवाई

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबरों का रियलटी चेक किया गया। एंबुलेंस डायल सेवा पर कॉल रिसीव हुई, साथ में केस हिस्ट्री भी पूछी। मोबाइल फोन नंबर 7027858102 पर अपराह्न करीब सवा दो बजे कॉल की गई। आवाज ठीक से सुनाई दी तो कॉलर ने कॉल कट कर दी। आधा मिनट बाद ही बैक कॉल आयी और एंबुलेंस रूम के ऑपरेटर ने नाम, पता, क्या आपको खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ है? किसी दूसरे देश या बड़े शहर की यात्रा कर लौटे हैं? जैसे कई सवाल पूछे। 

आज बैठक संभावित

सिविल सर्जन ने बताया कि सोमवार को एडीसी प्रीति के नेतृत्व में सरकारी अस्पतालों और आइएमए से जुड़े डॉक्टरों की बैठक बुलायी जाएगी। महामारी घोषित कोरोना वायरस के मरीजों को कैसे अटैंड करें, तुरंत जिला मुख्यालय में सूचना दें जैसी जानकारी दी जाएंगी। आइसोलेशन वार्ड तैयार रखने को कहा जाएगा। 

मरीज की हिस्ट्री और कोरोना वायरस जैसे लक्षण दिखने पर इमरजेंसी से डॉक्टर बुलाए जाने चाहिए। ऑन कॉल भी डॉक्टर को बुलाया जा सकता है। इस केस में क्या हुआ, सोमवार को जांच की जाएगी। ओपीडी ब्लॉक बंद होने और अवकाश के दिन एक डॉक्टर और लैब कर्मचारी की ड्यूटी लगाएंगे। 

डॉ. संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन 

कोरोना वायरस ओपीडी बनाने का उद्देश्य यही है कि डॉक्टर मौजूद रहना चाहिए। ड्यूटी पर मौजूद एएनएम या स्टाफ नर्स को इमरजेंसी से डॉक्टर बुलाने चाहिए थे। सोमवार को सभी जिलों को निर्देश दिया जाएगा कि डॉक्टर की उपस्थिति राउंड द क्लॉक सुनिश्चित करें। 

डॉ. सूरजभान कांबोज, महानिदेशक-स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा


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