गणित के लंबे पेपर से परेशान दिखे परीक्षार्थी
भूगोल संस्कृत व इतिहास विषय में सरल सवाल देखकर अभ्यर्थियों के जहां चेहरे खिले हुए थे वहीं गणित का पेपर लंबा होने पर परीक्षार्थी निराश दिखे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : पानीपत में नौ केंद्रों पर शनिवार को हरियाणा अध्यापक पात्रता पीजीटी लेवल 3 की परीक्षा हुई। प्रशासन ने नकल रहित परीक्षा करवाने के लिए पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। सभी परीक्षार्थियों की गहनता से जांच करने के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने दिया। कैमरे की निगरानी में अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। वहीं उड़नदस्ते केंद्रों का निरक्षण करते रहे। परीक्षा का समय दोपहर बाद 3 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक रहा। भूगोल, संस्कृत व इतिहास विषय में सरल सवाल देखकर अभ्यर्थियों के जहां चेहरे खिले हुए थे, वहीं गणित का पेपर लंबा होने पर परीक्षार्थी निराश दिखे। कई अभ्यर्थी पेपर नहीं कर पाए।
137 रहे अनुपस्थित
एचटेट परीक्षा के नोडल अधिकारी जिला परिषद के सीईओ विवेक चौधरी ने बताया कि जिले में परीक्षा शांतिपूर्ण रही। शनिवार को पीजीटी लेवल 3 की नौ सेंटर पर परीक्षा हुई। जहां 2 हजार 668 परीक्षार्थियों को परीक्षा देनी थी, लेकिन 2 हजार 531 ही परीक्षा देने के लिए पहुंचे। 137 अनुपस्थित रहे।
लंबा होने के कारण प्रश्न छूटे
अंसल निवासी सोनम ने बताया कि उनका विषय गणित है। उनके विषय में खाली टिक मार्क नहीं था। साथ में प्रश्नों को हल भी करना था। ऐसे में 150 सवालों में काफी हल करने थे। कुछ सवालों की भाषा भी काफी जटिल थी, जिसे समझने में दिक्कत आई। उस हिसाब से समय कम रहा, इसलिए पेपर पूरा नहीं हो पाया।
अच्छा रहा पेपर
ढोडपुर निवासी विकास ने बताया कि विषय इतिहास था। पेपर अच्छा रहा। मुगल प्रशासन से लेकर कायथा पुरास्थल, पारसी समाज सुधारक बहरामजी एम मालाबारी के अभियान आदि के बारे में सवाल आए। बाहर से कोई सवाल नहीं रहा। पेपर के हिसाब से समय भी उचित रहा। उर्त्तीण होने की पूरी उम्मीद है।
नानी ने संभाली नातिन
कारद निवासी अंजू मां सरोज को साथ लेकर परीक्षा देने के लिए पहुंची। अंजू ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। बेटे कदम को सास के पास छोड़कर आई। बेटी क्यारा को साथ लाई थी। परीक्षा शुरू होने पर अंजू अंदर चली गई और मां सरोज ने ढाई घंटे तक स्कूल के पास वाले पार्क में नातिन क्यारा को खिला पिलाकर संभाले रखा।
खाली समय में किया व्यायाम
बेटी को डीएवी स्कूल सेक्टर 12 में परीक्षा दिलाने के लिए तहसील कैंप निवासी ताराचंद आए। बेटी परीक्षा केंद्र में चली गई। वो घंटे भर तक बगल में महर्षि दयानंद पार्क में बैठे। समय लंबा था तो बिताने के लिए ताराचंद ने पार्क में चक्कर लगाने के साथ लगे जिम के सामान पर प्रैक्टिस कर समय बिताया।
पापा ने संभाली बेटी, मम्मी ने दी परीक्षा
डिकाडला निवासी अजय कुमार पत्नी रेखा को परीक्षा दिलाने के लिए पहुंची। साथ में दो साल की बेटी रूबी भी थी। रेखा परीक्षा देने के लिए केंद्र के अंदर चली गई। शुरुआत में बेटी ने हल्ला किया, लेकिन अजय ने उसे न केवल किसी तरह से मनाया, बल्कि ढाई घंटे तक लेकर टहलता रहा।
पुलिस कर्मियों ने जीता विश्वास
महिला परीक्षार्थियों को मंगलसूत्र, बिदी व सिदूर लगाकर आने की अनुमति थी। फिर भी कुछ महिला परीक्षार्थी चेन, अंगूठी आदि जेवरात पहनकर आ गई। साथ कोई नहीं था तो सेंटर पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को ही सौंप परीक्षा देने चली गई। परीक्षा खत्म होने के बाद आई महिला को पुलिसकर्मी ने चेन वापस दी तो महिला ने धन्यवाद किया।
ठंड में अलग रखवाई शाल और चादर
दोपहर को साढ़े बारह बजे के करीब ही परीक्षार्थी केंद्र पर पहुंचने लगे थे। सर्द हवा व ठंड के बीच ज्यादातर शाल, चादर आदि लेकर पहुंचे। लेकिन परीक्षा के दौरान उसे रखने में अनुमति नहीं थी तो केंद्र में गेट पर ही एक साइड में रखवा दी गई। हर किसी को गहन चेकिग के बाद ही केंद्र के अंदर जाने दिया।