प्रदूषण न रोक पाने पर अधिकारियों को ईपीएसए की फटकार, उद्यमियों को कड़ा संदेश Panipat News
पर्यावरण निवारण एवं नियंत्रण अथॉरिटी (ईपीसीए) के चेयरमैन भूरेलाल ने प्रदूषण न रोक पाने पर जहां अधिकारियों को फटकार लगाई वहीं उद्यमियों को भी कड़ा संदेश दिया।
पानीपत, जेएनएन। पर्यावरण निवारण एवं नियंत्रण अथॉरिटी (ईपीसीए) के चेयरमैन भूरेलाल ने प्रदूषण न रोक पाने पर जहां अधिकारियों को फटकार लगाई, वहीं उद्यमियों को भी कड़ा संदेश दिया। कहा कि यदि शास्त्र की भाषा नहीं समझते तो प्रशासन के पास शस्त्र भी हैं। वह रविवार को लघु सचिवालय में उद्यमियों और अधिकारियों की बैठक ले रहे थे।
उन्होंने कहा कि शास्त्रों में हवा को सच्चा गुरु, पानी को पिता और धरती को माता कहा गया है। इनकी बर्बादी रोकी जानी चाहिए। उद्योगपति पर्यावरण की कीमत पर कमाई करना बंद करें। अपने परिवार, समाज के कल्याण के बारे में सोचें। पानी की बर्बादी न रोके जाने के पेयजल की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है।
विश्व में 17 प्रतिशत जनसंख्या भारत में है जिसके लिए चार फीसद पीने योग्य पानी का हिस्सा है। जो लगातार घटता जा रहा है। पानी की बर्बादी रोकने के लिए फसल विविधिकरण किया जाए। वायु प्रदूषण के कारण अनेक बीमारियां जिनमें कैंसर प्रमुख है फैलता जा रहा है। प्री मैच्योर डिलवरी हो रही, अस्थमा, लंग कैंसर जैसी बीमारियां फैल रही है।
यहां आने पर माथा ठनका
चेयरमैन भूरे लाल ने कहा कि वे जैसे ही पानीपत पहुंचे उन्हें वेस्ट जलता मिला। चिमनी से काला धुआं निकलता मिलता। इतने नोटिफिकेशन होने के बाद भी वायु प्रदूषण हो रहा है। सड़क पर कूड़ा जलता मिला। निर्माणाधीन भवनों की साइट पर पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा। जहां निर्माण सामग्री बिक रही है। वह भी खुले में पड़े हैं। रेत पर पानी की छिड़काव नहीं है।
हशविप्रा और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को फटकारा
औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों गड्ढे, सीवर का सड़क पर बहते पानी के बारे में उन्होंने हशविप्रा के एक्सईएन जगमाल को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि सीईटीपी के आसापस ही वातावरण खराब है। सड़कों में गड्ढे क्यों है। सीवर का पानी सड़कों पर क्यों बह रहा है। इस पर एक्सईएन ने जवाब दिया कि 21 एमएलडी का नया सीईटीपी बनाया गया है जो एक माह में चालू हो जाएगा। सड़कों का निर्माण कार्य प्रोसेस में है। सीवर की नई लाइन बिछाई गई है। उसके चालू होने पर ऐसी स्थिति नहीं रहेगी।
एनएफएल के अधिकारी को निर्देश
चेयरमैन ने एनएफएल के पास पानी के जमाव पर एनएफएल के अधिकारी की भी ¨खचाई की। साथ ही उन्होंने इसकी निकासी व्यवस्था तुरंत करने के आदेश दिए। उन्होंने एनएफएल अधिकारियों से औद्योगिक क्षेत्र में एक हजार पौधे लगाने के लिए कहा।
डीसी ने दी रिपोर्ट
डीसी सुमेधा कटारिया ने प्रदूषण रोकने के लिए किए कार्यों की रिपोर्ट दी। उन्होंने बताया कि 37 उद्योगों का सर्वे किया गया है। इनमें से 17 उद्योगों मानक पर खरे नहीं उतरें। जिनमें से आठ उद्योगों में अवैध कचरा, प्लास्टिक, कूड़ा जलता मिला। नौ उद्योगों को बंद किया गया। 17 उद्योगों का क्लोजर नोटिस दिया गया है। धूल पर नियंत्रण करने के लिए नगर निगम ने 828 कर्मचारियों को लगाया है जो सड़क साफ करते हैं। सात स्वीपिंग मशीन लगाई गई है। 60 किलोमीटर सड़क की सफाई इससे प्रतिदिन हो रही है। निंबरी में डंपिंग स्थल बनाया गया है। मुरथल में डंपिंग स्थल का काम चल रहा है। इस वर्ष प्रदूषण फैलाने वाले 742 वाहनों का चालान काटा गया है। 46 प्रदूषण वाहन केंद्रों की जांच की गई जिनमें से 14 का चालान काटा गया है। जिले में 108 ईंट भट्ठों में से 86 में जिगजैग प्रणाली लागू हो चुकी है। बाकी बचे 17 ईंट भट्ठों का बंद कर दिया गया है।
पीएनजी लागू करने में आनाकानी न हो
चेयरमैन भूरेलाल ने पीएनजी की आपूर्ति की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जहां-जहां पीएनजी लाइन पहुंच वहां उद्योग पीएनजी पर शिफ्ट करें। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन अशोक कुमार को वायु प्रदूषण जल बर्बादी रोकने के उपाय सख्ती से लागू करने के लिए कहा। चेयरमैन ने बताया कि प्रदेश में 1000 एमएलडी पानी एसटीपी में साफ किया जा रहा है। जिसके दोबारा प्रयोग के लिए सरकार ने एक नई पॉलिसी तैयार की है उसके मुताबिक इसका प्रयोग किया जाएगा। पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा ने एसटीपी से निकलने वाले साफ पानी को उद्योगों की देने की बात कही। उद्यमियों ने कहा कि साफ पानी गंदे पानी मिलाया जा रहा है।
बैठक में मौजूद रहे
पानीपत एक्सपोर्ट एसोसिएशन से ललित गोयल, अशोक गुप्ता, पानीपत डायर्स एसोसिएशन से भीम राणा, नितिन अरोड़ा, मुकेश रेवड़ी, हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स से विनोद खंडेलवाल, सेक्टर 29 पार्ट एक से श्रीभगवान अग्रवाल, ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया से विनोद ग्रोवर, राजीव अग्रवाल, ईंट भट्ठा एसोसिएशन से मास्टर जयभगवान, फाउंड्री उद्योग समालखा से श्रीप्रकाश बंसल, निगम आयुक्त ओमप्रकाश, शुगर मिल एमडी प्रदीप अहलावत, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेश गढि़या, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संजीव बुद्धिराजा, बलराज अहलावत सहित एनएफएल, थर्मल व रिफाइनरी के अधिकारी मौजूद रहे।