सीएचसी में डॉक्टरों की कमी के कारण आपाताकल सुविधाएं मुश्किल हो रही हैं
कस्बे की एकमात्र सीएचसी में डॉक्टरों की कमी के चलते ओपीडी से लेकर इमरजेंसी चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में इमरजेंसी सुविधा को बहाल रखने के लिए पीएचसी में तैनात डॉक्टरों का सहारा लिया जा रहा है। एक्स-रे सुविधा पर भी बिना रेडियोग्राफर के दो साल से ताला लटका है।
जागरण संवाददाता, समालखा : कस्बे की एकमात्र सीएचसी में डॉक्टरों की कमी के चलते ओपीडी से लेकर इमरजेंसी चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में इमरजेंसी सुविधा को बहाल रखने के लिए पीएचसी में तैनात डॉक्टरों का सहारा लिया जा रहा है। एक्स-रे सुविधा पर भी बिना रेडियोग्राफर के दो साल से ताला लटका है। आने वाले मरीज प्राइवेट लैब पर एक्स-रे कराने को मजबूर है। सीएचसी की उक्त हालात से अधिकारी परिचित है, लेकिन समाधान नहीं करा पा रहे है।
समालखा खंड में भापरा रोड पर एक सीएचसी है। इसके अलावा चुलकाना, आट्टा, नारायणा व पट्टीकल्याणा में पीएचसी है। सीएचसी में प्रतिदिन चार सौ तक ओपीडी होती है। जहां दो एसएमओ के पदों के अलावा ग्यारह एमओ के पद है। एसएमओ के दोनों पद खाली है तो एमओ भी हाल में सिर्फ पांच ही बचे है। जिनमें से एक महिला डॉक्टर है। ऐसे में तीन डॉक्टरों को ही ओपीडी से लेकर बारी-बारी से इमरजेंसी ड्यूटी बजानी पड़ रही है। जिसमें पीएचसी में तैनात डॉक्टरों का भी सहारा लिया जा रहा है। दंत चिकित्सक का पद भी कई माह से खाली है। वहीं स्टाफ नर्स के तेरह पद है, उनमें भी तीन पद खाली पड़े है। सफाई कर्मियों तक के दोनों पद खाली है और डेपुटेशन से लेकर आउट सोर्सिग पर लगे कर्मियों से काम चलाया जा रहा है।
सौ के करीब होती है डिलवरी
सीएचसी में प्रतिमाह सौ के आस पास डिलवरी होती है। इसके अलावा हर रोज दर्जनों महिला मरीज भी ओपीडी में बीमारी को लेकर आती है। लेकिन अकसर महिला डॉक्टर का पद खाली रहने पर न केवल होने वाली डिलवरी में स्टाफ नर्स को दिक्कत आती है, बल्कि महिला मरीजों को भी मजबूरन प्राइवेट या पानीपत सामान्य अस्पताल का रूख करना पड़ता है। हालांकि हाल में महिला डॉक्टर ने छुट्टी के बाद ज्वाइन किया है। कमी के चलते हो रही है परेशानी
कार्यवाहक एसएमओ डॉ. पवन कुमार का कहना है कि सीएचसी में डॉक्टर की कमी है। जिसके चलते ओपीडीपी व इमरजेंसी सुविधा चलाने में परेशानी आ रही है। लेकिन फिर भी हम अपनी तरफ से बेहतर सुविधा दे रहे है। जो भी स्टाफ की कमी है। उसको लेकर हर माह स्टाफ डिटेल भेजी जाती है।