समालखा अस्पताल में इमरजेंसी सेवा बंद, बढ़ी परेशानी
जागरण संवाददाता समालखा डाक्टरों की कमी से उपमंडल अस्पताल में आपात सेवा की सुविधा बंद क
जागरण संवाददाता, समालखा : डाक्टरों की कमी से उपमंडल अस्पताल में आपात सेवा की सुविधा बंद कर दी गई है। शाम चार बजे के बाद दुर्घटना और मारपीट के मरीजों को अब यहां केवल प्राथमिक उपचार मिलेगा। उसके बाद पानीपत रेफर कर दिया जाएगा।
सीएचसी बनने के बाद से ही समालखा के सरकारी अस्पताल में आपातसेवा की सुविधा थी। सीएचसी में डाक्टरों की कमी होने पर आट्टा, पट्टीकल्याणा, चुलकाना और नारायणा के पीएचसी के डाक्टर की ड्यूटी यहां लगती थी। अचानक इमरजेंसी के बंद होने से मरीजों को दिक्कत होनी लाजमी है।
55 किमी में जीटी रोड स्थित इकलौता अस्पताल
उपमंडल अस्पताल जीटी रोड के किनारे है। 34 गांव, कस्बा सहित गन्नौर, मुरथल और पानीपत के बीच हादसे सहित खंड के मारपीट मरीज यहां दिनरात आते हैं। इसी कारण यहां ट्रामा सेंटर और पोस्टमार्टम हाउस बनाया जा रहा है। ट्रामा सेंटर तो बन चुका है, लेकिन मोर्चरी का भवन बन रहा है। सुविधाओं के अभाव और डाक्टरों की कमी से दशकों से चली आ रही सेवा बंद हो गई है।
कस्बे में रात्रि चिकित्सा सेवा का अकाल
कस्बे में ढाई लाख की आबादी के हिसाब से अस्पताल की सुविधा नहीं है। रात्रि सेवा के लिए तो कहीं पुख्ता व्यवस्था नहीं है। उपमंडल अस्पताल ही लोगों का सहारा था, जहां रात्रि सेवा की सुविधा थी। अब लोगों को उपचार के लिए 20 किमी दूर पानीपत जाना होगा। पूर्व पार्षद सत्यभूषण आर्य, समाजसेवी राज कुमार कालीरमण, निवर्तमान पार्षद श्याम सुन्दर बरेजा आदि ने बताया कि वे इस बाबत स्वास्थ्य मंत्री से मिलेंगे।
डाक्टरों के आने पर शुरू होगी सेवा
एसएमओ संजय कुमार कहते हैं कि अस्पताल में दो नियमित डाक्टर हैं। नरायणा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बन गया है। उपमंडल अस्पताल में दो डाक्टरों से ओपीडी और इमरजेंसी चलाना संभव नहीं है। मजबूरी में इसे बंद किया गया है। उच्चाधिकारी को डाक्टर की नियुक्ति के लिए लिखा गया है। डाक्टर आने के बाद आपात सेवा शुरू कर दी जाएगी।