हाईवे पर दहशत के आठ घंटे, अटकी रही सांस
जागरण संवाददाता, पानीपत : मंगलवार रात पौने एक बजे से बुधवार सुबह नौ बजे तक का समय दहशत स
जागरण संवाददाता, पानीपत : मंगलवार रात पौने एक बजे से बुधवार सुबह नौ बजे तक का समय दहशत से भरा ही था। हर किसी को यही भय सताता रहा कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए। हालांकि टोल प्लाजा पर एलपीजी गैस से भरा कैप्सूल टैंकर असंतुलित होकर पलटते ही कुछ ही मिनटों मे हाईवे पर गश्त कर रही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई थी। गैस लीकेज की सूचना पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों, दमकल विभाग, स्वास्थ्य विभाग व रिफाइनरी के बचाव दल को भी दे दी गई। एक-एक कर 6 दमकल वाहन, 4 क्रेन व 3 एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंच गई। संयुक्त बचाव दल ने करीब आठ घंटे की दहशत और मशक्कत के बाद टैंकर को जीटी रोड से हटवाया। इस दौरान जीटी रोड का ट्रैफिक भी डाइवर्ट की निकाला गया।
कुछ यूं पलटा टैंकर
रात्रि 12:45 बजे का समय। 18 टन एलपीजी से भरा कैप्सूल टैंकर एचआर 38वी 9051 टोल प्लाजा पहुंचता है। टोल में प्रवेश करते ही टोल कर्मी टैंकर को रुकने का इशारा करते हुए, दूसरे प्रवेश द्वार से एंट्री का निर्देश देते हैं। टैंकर चालक कृपा शंकर की टोल कर्मी से बहस होती है। गुस्से में भरा कृपाशंकर टैंकर को तेज स्पीड के साथ बैक करता है। इसी दौरान संतुलन बिगड़ने से टैंकर धड़ाम की तेज आवाज के साथ पलट जाता है। हादसे से टोल प्लाजा पर अफरातफरी की स्थिति बन गई।
टैंकर से गैस का रिसाव शुरू
एलपीजी गैस टैंकर पलटते ही, उसके एक वॉल से गैस का रिसाव शुरु हो गया। बड़े हादसे की आशंका से मौके पर मौजूद पुलिस टीम के होश फाख्ता हो गए। आनन-फानन में पुलिस प्रशासन व रिफाइनरी के अधिकारियों को घटना की सूचना दी गई। सूचना मिलने पर एडीसी राजीेव मेहता, एसडीएम विवेक चौधरी, डीएसपी समालखा दलबीर सिंह समेत आइओसीएल के अधिकारी एक-एक कर मौके पर पहुंचने शुरु हो गए।
लीकेज पर काबू करना मुश्किल
दमकल विभाग और आइओसीएल की फायर सेफ्टी टीम मौके पर पहुंच गई। टीम को समझ नहीं आया कि टैंकर को सीधा कर लीकेज को कैसे रोका जाए। टैंकर को क्रेन की मदद से सीधा करने पर लीकेज ज्यादा बढ़ने का खतरा भी बचाव दल को सताने लगा। अलसुबह 3 बजे तक एक-एक कर 6 दमकल वाहन, 4 क्रेन व 3 एंबुलेंस और पानी के टैंकर पहुंच गए।
जब बचाव दल के हाथ खड़े किए
सुबह करीब 4 बजे आइओसीएल की टीम व दमकल कर्मियों को टैंकर सीधा कराने व लीकेज रोकने के निर्देश मिले। मौके पर 4 क्रेन थी। किसी भी क्रेन की क्षमता 12 टन से अधिक वजन उठाने की नहीं थी। जबकि, 18 टन एलपीजी समेत टैंकर का का कुल वजन 37 टन था। बचाव दल ने 50 टन क्षमता की दो क्रेनों की मांग करते हुए, हाथ खड़े कर दिए।
सवा छह बजे पहुंची क्रेन
50 टन क्षमता की क्रेन पानीपत में मुहैया नहीं हो सकी। एसडीएम विवेक चौधरी ने तहसीलदार को आसपास जनपदों में संपर्क साधने के निर्देश दिए। इसके बाद एक क्रेन करनाल से तथा दूसरी क्रेन सनौली से करीब सुबह 6:15 पर टोल प्लाजा पहुंची। इसके बाद भी गैस भरे टैंकर को सीधा करने का रिस्क नहीं लिया गया।
मिट्टी का डंपर मंगाया
क्रेन की मदद से टैंकर को सीधा करते समय सड़क से रगड़ खाने पर चिंगारी उठने का खतरा था। गैस लीकेज के दौरान चिंगारी उठना किसी बडे़ हादसे को दावत देने के बराबर माना गया। बचाव दल ने मिट्टी से भरे डंपर की डिमांड की। सुबह 7:19 पर रेत का डंपर पहुंचा जिसको टैंकर के ठीक पास खाली किया गया।
टैंकर को सीधा करने का प्रयास शुरू
सुबह 7:40 पर तीन दमकलों से टैंकर पर पानी की बौछार की गई। रेत और सड़क को भी पानी से नम किया गया। एक साथ चार क्रेन इस्तेमाल में लायी गई। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद टैंकर को सीधा किया गया। इस दौरान टैंकर पर लगातार पानी की बौछार जारी रही।
लीकेज रोकना बड़ी चुनौती
संयुक्त बचाव दल ने टैंकर को क्रेन की मदद से सीधा तो कर दिया। टैंकर से गैस लीकेज रोकना अभी चुनौती बनी हुई थी। आइओसीएल की फायर सेफ्टी टीम ने लीकेज वाले स्थान पर पहले लकड़ी का टुकड़ा फंसाया। फिर एक-एक कर एम सीएल की गई परत लीकेज वाले स्थान लपेटी गई। फिर भी लीकेज बंद नहीं हो सकी। उधर, बचाव टीम टैंकर को अधिक देर जीटी रोड पर रोकने के पक्ष में नहीं थी।
टैंकर को किया गया रवाना
सुबह करीब सवा आठ बजे कैप्सूल टैंकर को क्रेन की मदद से ट्रक से जोड़ा गया। ट्रक का गुल्ला निकलने से टैंकर दोबारा सड़क पर न गिरे, सुनिश्चित किया गया। इस दौरान टैंकर पर पानी की बौछार लगातार जारी रही। तकरीबन नौ बजे टैंकर को टोल प्लाजा क्रॉस कराया गया। दमकल, एम्बुलेंस रिफाइनरी की बचाव टीम टैंकर के साथ चली। पूरी सुरक्षा के साथ टैंकर को गुढ़ा स्थित इंडेन गैस प्लांट पहुंचाया गया।
रूट डाइवर्जन में हुई देर
टैंकर पलटने और गैस लीकेज के दौरान मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से कई चूक भी हुई। पुलिस-प्रशासन ने घटना के लगभग दो घंटे बाद रूट डायवर्जन का निर्णय लिया। इस दौरान फ्लाई ओवर पर यातायात जाम की रहा।
नहीं कराई लाइट कट
टैंकर से एलपीजी लीकेज के दौरान जीटी रोड़ की लाइट आती-जाती रही। जबकि ऐसे मामले में सबसे पहले लाइट कट कराना जरूरी होता है। लाइट की लुकाछिपी से चिंगारी उठने का खतरा लगातार बना रहा।
रेत के ट्रक नहीं मंगाए
एलपीजी हाइड्रो कार्बन गैसों का मिश्रण है। वायुमंडल में घुलनशील होने के कारण आग लगने पर इसे पानी से नहीं बुझाया जा सकता। कुछ हद तक रेत डालकर आग पर काबू पाया जा सकता है। टैंकर से गैस लीकेज के दौरान संबंधित अधिकारी रेत के ट्रक मंगाने भूल गए। बचाव टीम के मांगने पर एक डंपर मिट्टी मंगायी गई।
अस्पताल नहीं किए अलर्ट
एलपीजी टैंकर से गैस लीकेज के दौरान इसकी गंध से घुटन व आग लगने की संभावना बनी रहती है। कोई बड़ा हादसा या जान की हानि न हो, इसके लिए नजदीकी अस्पतालों को अलर्ट किया जाता है। टोल प्लाजा की इस घटना के दौरान एंबुलेंस तो मौके पर पहुंच गई, परंतु अस्पतालों को अलर्ट करने में प्रबंधन चूक कर गया।
कई किमी परिधि में होती आग
विशेषज्ञों की मानें तो स्टोरेज के समय एलपीजी लिक्विड अवस्था में होती है। लीकेज होने पर हवा के साथ मिलकर यह गैस में परिवर्तित हो जाती है। एक किलोग्राम गैस हवा में मिलकर 1600 गुना बढ़ जाती है। 18 टन एलपीजी अगर आग पकड़ ले तो घटनास्थल से तीन-तीन किमी परिधि में आग ही आग फैल सकती है।
चालक का मेडिकल परीक्षण नहीं
फैजाबाद निवासी टैंकर चालक कृपा शंकर पहले टोल कर्मियों से उलझा। टोल कर्मियों का आरोप था कि चालक शराब के नशे में था और उसने स्पीड के साथ टैंकर बैक किया। पुलिस ने चालक का मेडिकल परीक्षण कराने से परहेज किया।
साहब मैं तो सो रहा था
टैंकर के परिचालक सुशील ने बताया कि हरियाणा में एंट्री के बाद मैं सो गया। टोल प्लाजा पहुंचने पर तेज झटके और आवाज के साथ कैप्सूल टैंकर पलटा तो मेरी आंखें खुल गई। गाड़ी से उतरने के बाद इतने बड़े हादसे का अहसास हुआ।
गुल्ला टूटने से पलटा टैंकर
टैंकर चालक कृपाशंकर की मानें तो वह होश में था। टोल कर्मियों ने एंट्री रोकी और दूसरी लेन में आने के लिए बोला। टैंकर को जैसे ही बैक किया, गुल्ला टूट गया और टैंकर पलट गया। हालांकि, बाद में टूटे हुए गुल्ले में टैंकर की पिन कैसे फंसी, इसका जवाब वह नहीं दे सका।
वर्जन :
हादसे के बाद उच्च क्षमता की क्रेन मंगाने, यातायात डाइवर्ट और लीकेज रोकने में जितना समय लगना चाहिए, लगा है। एल एंड टी कंपनी के पास टोल पर अपनी क्रेन नहीं होना, चिंता का विषय है। टोल पर 40 टन क्षमता की क्रेन चौबीसों घंटे मुहैया हो, इसके लिए टोल कंपनी को लिखा जाएगा।
-विवेक चौधरी, एसडीएम पानीपत
वर्जन :
एलपीजी हवा में मिलते ही 1600 गुना बढ़ जाती है। हवा में घुलनशील होने के कारण मामूली चिंगारी आग का बवंडर बन सकती है। इसकी मारक क्षमता भी बहुत तीव्र होती है।
-एसके शर्मा, चीफ फायर सेफ्टी ऑफिसर-आइओसीएल
टाइम लाइन
12:45 बजे-गैस टैंकर टोल प्लाजा पहुंचा।
01:00 बजे-टैंकर पलटा ।
01:30 बजे-गैस लीकेज होने की भनक।
02:00 बजे-पुलिस टीम मौके पर।
02:30 बजे-अधिकारी मौके पर पहुंचने शुरु।
03:00 बजे-यातायात रोका गया।
05:00 बजे यातायात डाइवर्ट ।
05:15 बजे-करनाल व सनौली से क्रेन पहुंची।
06:24 बजे-दमकल से पानी की बौछार शुरु।
07:00 बजे-रेत का ट्रक पहुंचा।
08:15 बजे-टैंकर को सीधा किया।
08:30बजे-लीकेज बंद की गई।
08:56 बजे-टैंकर जीटी रोड से हटवाया।