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पानीपत में भूजल स्तर बचाने की कवायद शुरू, उद्योगों में खपत हो रहे पानी का दोबारा होगा प्रयोग

पानीपत में भूजल स्तर बचाने के लिए उद्योगों में पहल की गई है। उद्योगों में खपत हो रहे पानी को दोबारा प्रयोग में लाना होगा। इसके लिए नेशनल मिशन फार क्लीन टीम ने पानीपत का दौरा किया। साथ ही टीम ने सख्‍त हिदायत भी दी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 08:34 AM (IST)
पानीपत में भूजल स्तर बचाने की कवायद शुरू, उद्योगों में खपत हो रहे पानी का दोबारा होगा प्रयोग
पानीपत में भूजल बचाने के लिए पहल की गई।

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत में गिरते भूजल स्तर को लेकर अब जलशक्ति मंत्रालय गंभीर हो गया है। भूजल स्तर को बचाने के लिए नेशनल मिशन फार क्लीन टीम ने पानीपत के सीइटीपी (कामन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट) का निरीक्षण किया। टीम में शामिल डा. शिव प्रताप रघुवंशी व डा. विवेक ने दोनों सीइटीपी के पानी के सेंपल लिए।

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21-21 एमएलडी क्षमता 38 एमएलडी पानी मिल रहा

सेक्टर 29 पार्ट दो में लगे दोनों सीइटीपी की क्षमता 42 एमएलडी है। जबकि इनको 38 एमएलडी पानी मिल रहा है। ट्रीट किए गए पानी की नाले में छोड़ा जा रहा है। जो यमुना में मिल रहा है। करोड़ों रुपये खर्ची करने के बाद भी साफ किया गया पानी नाले में छोड़ा जा रहा है। जिससे कोई लाभ नहीं हो रहा है। भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है।

जेडएलडी लगाने की कवायद

भूजल स्तर बचाने के साथ ही पानी का दोबारा प्रयोग हो इस पर गंभीरता से विचार हो रहा है। सीइटीपी के सेंपल की रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई होगी। इस पानी की कैसे दोबारा प्रयोग होगा। इसका फैसला लिया जाएगा। उद्योगों को दोबारा यह पानी दिया जा सकता है। पानी की बेवजहा इस्तेमाल न हो इसके लिए जेडएलडी (जीरो लिक्वेड डिस्चार्ज) लगाने पर भी विचार किया गया है।

गोरजा इंडस्ट्री के सेंपल भरे

नेशन मिशन फार क्लीन की टीम ने कुराड़ रोड पर गोरजा इंडस्ट्री के सेंपल भी भरे। मिंक कंबल बनाने वाले इस उद्योगों में जल प्रदूषण की शिकायत मिली थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए सैंपल भरे गए।

दो माह बाद चेयरमैन नियुक्त

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन का पद दो माह से खाली पड़ा था। जिस कारण 20 से अधिक क्लोजर नोटिस पर भी कार्रवाई नहीं हो रही थी। जिन उद्योगों को प्रदूषण फैलाते हुए पकड़ा गया था उन्हें सील नहीं किया गया। अब चेयरमैन की नियुक्ति होने पर यह रास्ता आसान हो गया। सोमवार को सुमिता मिश्रा आईएएस को चेयरमैन प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड का अतिरिक्त चार्ज दिया गया।


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