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रावण पर पड़ा महंगाई का असर, लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज होने वाले पुतला का कद हुआ छोटा

विश्व में ख्याति दिलाने व 5 बार लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज होने वाले रावण पर महंगाई का असर दिखने का मिला है। 125 फुट के पुतले को बनाने में 10 लाख रुपये का खर्चा आयेगा जिसका रिमोट का बटन दबाकर रजत मलिक आग के हवाले करेंगे।

By JagranEdited By: Naveen DalalPublished: Tue, 27 Sep 2022 04:18 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 04:18 PM (IST)
रावण पर पड़ा महंगाई का असर, लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज होने वाले पुतला का कद हुआ छोटा
बराड़ा में 125 फुट रावण के पुतले का होगा दहन।

बराड़ा (अंबाला), बलकार सिंह। अंबाला के कस्बे बराड़ा को विश्व में ख्याति दिलाने व 5 बार लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज होने वाला रावण का पुतला का कद इस बार कम होगा। 220 फुट के रावण का पुतला इस बार महज 125 फीट का होगा जिसके बाद 10 लाख रुपये का खर्चा आयेगा। 

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महंगाई में थम गया है रावण का कद

यह पुतला राष्ट्र जागरण मंच बराड़ा के तत्वावाधान में बन रहा है। बराड़ा को विश्व का सबसे ऊंचा रावण बनाने का गौरव भी प्राप्त हो चुका है। दशहरे से दो दिन पहले इस पुतले को खड़ा कर दिया जाएगा व इस पुतले का दशहरे वाले दिन दहन किया जाएगा। रावण दहन से पहले जबरदस्त आतिशबाजी का प्रबंध भी किया गया है।

समाजसेवियों के सहयोग से बन रहा पुतला, पंचकूला में 220 के रावण के पुतले का निर्माण किया गया था

रावण का पुतला स्थानीय समाजसेवियों की मदद से बनाया जा रहा है। राष्ट्र जागरण मंच के तत्वाधान में निर्मित 125 फुट के इस पुतले को बनाने में 10 लाख रुपये का खर्च आयेगा। इस पुतले को बनाने में राजेश सिंगला, अनमोल खेत्रपाल, प्रमोद जैन, विक्रम राणा, हरजिन्द्र सिंह, पिंटु राणा, अमरिन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, रविन्द्र गर्ग, राजेन्द्र आदि द्वारा कस्बावासियों के सहयोग से निर्माण किया जा रहा है।

5 अक्तूबर दशहरे वाले दिन शाम लगभग 7 बजे इस पुतले को  रजत मलिक द्वारा रिमोट का बटन दबाकर दहन किया जाएगा। मंंच के संस्थापक अमरिन्द्र सिंह व विक्रम राणा ने बताया कि वैसे तो दशहरा के मौके पर दो दिन का सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है, लेकिन ग्राउंड में बरसात का पानी  खड़ा हो जाने के कारण फिलहाल सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करना संभव नहीं लग रहा है।

साढ़े तीन टन वजनी है पुतला

श्री राम लीला क्लब बराड़ा के संस्थापक तेजेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि 125 फुट ऊंचे रावण के पुतले का वजन साढ़े तीन टन होगा जिसके निर्माण में 20 ङ्क्षक्वटल लोहा, 1 क्विंटल फाइबर गलास, 700 मीटर कपड़ा, 500 मीटर मैट, 1 क्विंटल सुतली, 500 पीस बांस 24 फुट के व अन्य सामान लगाया गया है। इसी प्रकार से अगर पुतले की ऊंचाई की बात की जाए तो इस पुतले के मुकुट की ऊंचाई 30 फुट, छत्र 5 फीट, चेहरा 15 फुट, धड़ 50 फुट, टांगे 20 फुट, जुते 5 फुट ऊंचे है। पुतले के हाथ में दी जाने वाली तलवार की लंबाई 30 फुट होगी तथा इसको बनाने में लगभग एक महीने का समय लगा है।

34 वर्षों से हो रहा है आयोजन

चौहान ने बताया कि क्लब पिछले 34 वर्षों से रामलीला व दशहरा का आयोजन करता आ रहा है। सन 1987 में श्री रामलीला क्लब की स्थापना की गई थी , जिसके तहत पहली बार 20 फुट के रावण के पुतले का दहन किया गया। 2011 में 175 फुट, 2013 में 185 फुट, 2014 में 190 फुट, 2015 में 200 फुट व 2016 , 2017 व 2018 में लगातार 210 फीट, 2019 में पंचकूला में 220 के रावण के पुतले का निर्माण किया गया था। कोरोना के कारण 2020 मेंं नहीं हुआ और 2021 में बराड़ा में 100 फुट का पुतले का निर्माण किया गया।


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