नहीं कोई चारा, सड़क पर गोवंश बेसहारा
जागरण संवाददाता पानीपत शाम ढलते ही सड़क की सूरत बदल जाती है। जिस सड़क पर दिन के उज
जागरण संवाददाता, पानीपत : शाम ढलते ही सड़क की सूरत बदल जाती है। जिस सड़क पर दिन के उजाले में होकर निकले, उसी सड़क पर आपको रात जगह नहीं मिलती। दरअसल, इन सड़कों पर डेरा डाल लेता है गोवंश। यहां तक की हाईवे पर भी ऐसा ही नजारा हो जाता है। लघु सचिवालय, जहां पर पूरा प्रशासन बैठता है, ठीक उसी जगह के सामने आधी रात तक गोवंश की भरमार रहती है। सूरज निकलते ही, ये सभी गाय इधर-उधर हो जाती हैं। इनकी वजह से हादसे हो रहे हैं। दो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बरसात का मौसम शुरू होने पर अधिक गोवंश सड़क पर जमा हो गया है। इनमें ज्यादातर अमेरिकन गाय, सांड, बैल शामिल है। रात में यह सड़कों के बीचों-बीच बैठ रहते हैं। काला रंग होने के कारण अक्सर इनसे वाहन टकरा जाता है।
एक वर्ष पूर्व चला अभियान
एक वर्ष पूर्व 2019 में सड़कों पर घूम रहे गोवंश को पकड़ कर नैन गोअभयाराण्य में छोड़ने का अभियान चलाया गया। 1700 गोवंश को छोड़ा गया। अब फिर से हालत खतरनाक बने हुए हैं।
पांच किलोमीटर में 71 बेसहारा पशु मिले
शहर के पांच किलोमीटर के सफर में सड़कों पर 71 बेसहारा पशु बैठे मिले। शहर के बीचों-बीच निकलने वाले सनौली-हरिद्वार मार्ग पर 25 गोवंश मिले। सेक्टर 24 में 22, सब्जी मंडी के आसपास 21 गोवंश सड़क पर बैठे मिले।
सोसायटी फॉर प्रीवेंशन ऑफ क्रुअलटी टू एनीमल के वेणु गोपाल से सीधी बातचीत
प्रश्न: सड़क पर बेसहारा गोवंश बढ़ता जा रहा है, ऐसा क्यों वेणु गोपाल : बेसहारा गोवंश को हटाने का उपाय नहीं हो रहा है। पिछले साल 1700 गोवंश नैन गो अभयारण्य में छोड़े गए। प्रश्न : गोवंश भी सड़क हादसे में घायल हो रहे हैं, इनका क्या निदान है?
उत्तर : गोशाला भरी हैं। वहां चारे के लिए सरकार कोई प्रबंध नहीं कर पा रही। अमेरिकी गोवंश अधिक है। एक साल बाद ही अमेरिकन गाय दूध देना बंद कर देती है। जबकि देशी गाय 15 वर्षों तक उपयोगी है। इसीलिए हमें पशु धन का संवर्धन करना होगा। प्रश्न : गोवंश का सड़क पर बढ़ने का कारण ? उत्तर : उप्र में गो हत्या बंद कर दी गई है। सड़क पर भैंस, कटड़े नहीं मिलते। इस कारण गोवंश सड़क पर बढ़ा है। इनके लिए हर गांव में गोचरान की भूमि खाली करवाई जानी चाहिए।
“हाउस की मीटिग में गोवंश के मुद्दे को रखा जाएगा। मीटिग में इस मुद्दे के हल पर विचार किया जाएगा। मीटिग के फैसले के अनुसार गोवंश को सड़क से हटाकर इनकों शिफ्ट करने की व्यवस्था होगी। अगले सप्ताह मीटिग हो सकती है। ''
अवनीत कौर, मेयर, नगर निगम, पानीपत ।
समालखा में बेसहारा गोवंश को आश्रय की तलाश फोटो-61 और 61 ए
जासं, समालखा : कस्बे से गांवों तक हर जगह गोवंश दिख जाएंगे। पशुपालक दूध देने तक ही गोवंश को रखते हैं। उसके बाद खुला छोड़ देते हैं। सड़कों पर चारा खाते और डेरा डाले रहते हैं। स्थानीय गोशालाएं भरी हैं। नपा के पास इन्हें रखने का साधन नहीं है।
कस्बे में रात के समय सबसे अधिक 15 गोवंश व्यस्ततम जीटी रोड के डिवाइडर पर जगह-जगह हरा चारा चरते मिले। रेलवे और चुलाकना रोड पर 10 तो भापरा व पावटी रोड पर दो दर्जन गोवंश बैठे व घूम रहे थे। अनाज मंडी में चबूतरों और सड़कों पर तो इनका झुंड था। लोगों के चारा डालने से यहां सबसे अधिक पशु जमा रहते हैं। बुधवार को एसडीएम विजेंद्र हुड्डा ने नपा सचिव को बेसहारा पशुओं की व्यवस्था करने को कहा था। चूबतरों पर फैले गोबर पर उन्होंने नाराजगी दिखाई थी। जीटी रोड के डिवाइडर पर हरी घास होने से दिन में गोवंश का साम्राज्य होता है। शाम ढलने पर वे सर्विस लेन पर आ जाते हैं। रात में इधर-उधर घूमने के बाद सुबह में दोबारा डिवाइडर पर चले जाते हैं। तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से विगत एक साल में डेढ़ दर्जन से अधिक गोवंश की हादसे में मौत हो चुकी है। रेलवे रोड पर रेहड़ी मालिकों के सड़े सब्जी, फल सहित चारा डालने से रात में पशुओं का साम्राज्य रहता है। स्ट्रीट लाइट बंद रहने से हादसे का डर रहता है। यही हाल भापरा, हथवाला, पावटी, चुलकाना आदि सड़कों का है। कस्बे के पॉश एरिया सहित सभी वार्डों में भी यह समस्या है।
सरकार से आई थी चिट्ठी, कर रहे मंत्रणा : चेयरपर्सन
नगर पालिका की चेयरपर्सन निधि मित्तल कहती है कि सरकार से 35 रुपये प्रति गोवंश प्रति दिन के हिसाब से चारे पर खर्च की चिट्ठी आई थी। विधायक धर्म सिंह छौक्कर से मंत्रणा के बाद गोशाला की जगह खोजी जा रही है। वहां शेड बनवाने की व्यवस्था की जाएगी। फिर गोवंश को रखा जाएगा। चारे के लिए फंड की मांग सरकार से की जाएगी।