एनजीटी के सख्ती से डाइंग केमिकल ट्रेडर्स चितित
डाइंग एंड केमिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने रंगाई उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण को लेकर चल रही सख्ती पर चिता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ उद्योग बंद हो सकते हैं। इससे भुगतान की संकट बनेगा। इसीलिए सावधानी से व्यापारी कारोबार करें। जो दबाव डाइंग उद्योगों पर पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : डाइंग एंड केमिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने रंगाई उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण को लेकर चल रही सख्ती पर चिता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ उद्योग बंद हो सकते हैं। इससे भुगतान की संकट बनेगा। इसीलिए सावधानी से व्यापारी कारोबार करें। जो दबाव डाइंग उद्योगों पर पड़ रहा है। उसका सीधा हमारे कारोबार पर भी पड़ेगा। उक्त बातें जीटी रोड स्थित होटल पर आयोजित डीएसीटीए (डाइंग एंड केमिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन) सेमिनार में व्यापारियों ने कहा।
एसोसिएशन के प्रधान संजीव मनचंदा ने कहा कि हम हर स्थिति पर निगाह रख रहे हैं। उन्होंने सभी व्यापारियों को जल संरक्षण में सहयोग करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में सीए भूपेंद्र दीक्षित ने जीएसटी(गुड्स सर्विस टैक्स) में बदलाव की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दो लाख रुपये से अधिक का नकदी सामान एक साल में एक व्यापारी को नहीं दिया जा सकता है। इस पर 100 फीसद जुर्माना लगता है। करंट अकाउंट में 50 लाख रुपये से अधिक एक साल में न तो जमा करवा सकते और नहीं निकलवा सकते। बचत खाते में 10 लाख से अधिक के जमा निकासी पर नोटिस आना तय है। उन्होंने सभी व्यापारियों को आह्वान किया वे जीएसटी में भाड़े पर ध्यान दें। माल भाड़े पर जीएसटी लगाना जरूरी है। इस दौरान व्यापारियों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधी सवाल पूछे जिनका उन्होंने जवाब दिया। मनीष अग्रवाल ने जीएसटी बकाया पर ब्याज लगाने संबंधी प्रश्न पूछा। जिस पर सीए ने बताया कि पहले इनपुट क्रेडिट टैक्स ज्यादा होने पर भी ब्याज बकाया पर देना होता था। अब नए प्रावधान में इनपुट टैक्स को समायोजित किया जा सकता है। इस अवसर पर चांद गर्ग, सतीश गुप्ता, रजनीश अरोड़ा, पवन पुरी, सुशील बंसल, सतपाल गोयल, अक्षय जैन, पवन गर्ग, इंद्र मिढा आदि मौजूद रहे।