हरियाणा में थाने छोड़कर इसलिए बसें चला रहे पुलिसकर्मी, यात्रियों को फ्री सेवा
पिछले तीन दिन से रोडवेज कर्मियों की हड़ताल से रोडवेज बेहाल। यात्रियों की सुविधा और हड़ताल बेअसर करने के लिए पानीपत में मुफ्त यात्रा तक करा रहे अधिकारी। एसपीओ काट रहे टिकट।
जेएनएन, पानीपत : पिछले तीन दिनों से रोडवेज कर्मियों की हड़ताल से यात्री बेहाल हो चुके हैं। हड़ताल को बेअसर करने के लिए रोडवेज विभाग और प्रशासन ने दूसरा तरीका निकाला है। बसें चलाने की जिम्मेदारी अब पुलिसकर्मियों और एंबुलेंस चालकों को दे दी गई है। वहीं स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) टिकट काट रहे हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए उठाए गए कदम खतरनाक भी साबित हो सकते हैं। स्टेयरिंग थामने वालों ने कभी रोडवेज बस नहीं चलाई। यमुनानगर में बस को पीछे करते वक्त चालक ने एक पुलिसकर्मी को ही टक्कर मार दी।
पानीपत में 192 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस
रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया। देर शाम को विभागीय अधिकारियों द्वारा हड़ताल पर गए 192 नामजद कर्मचारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। वहीं हड़ताल को बेअसर करने के लिए विभाग ने दोपहर 12 बजे तक लोकल रूटों पर जाने वाली बसों में यात्रियों को मुफ्त यात्रा कराई। डीसी सुमेधा कटारिया ने 33 स्पेशल पुलिस ऑफिसर(एसपीओ) भेजे, जो दोपहर बाद बसों में टिकट काटते हुए नजर आए। कर्मचारियों के मुताबिक विभाग द्वारा 30 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से ड्यूटी कर रहे एसपीओ को भुगतान किया जाएगा। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक तीन दिन में विभाग को 18.77 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
150 हड़तालियों की गिरफ्तारी
कैथल में भी 15 पुलिसकर्मियों ने बसों का स्टेयरिंग थामा। वहीं हड़ताल पर बैठे करीब 150 से ज्यादा कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं जींद में प्रशिक्षण लेने वालों को बसों का स्टेयरिंग थमा दिया। इसके अलावा करनाल में 22 टूरिस्ट बस, 37 स्कूल बस और 30 रोडवेज बसों के सहारे यात्रियों को थोड़ी राहत दी गई। पुलिसकर्मियों और फायर ब्रिगेड चालकों ने रोडवेज बसों को चलाया।
बस को लेकर जाता सीआइए टीम का अधिकारी।
रोडवेज को एक करोड़ का हो चुका नुकसान
चार वर्ष में रोडवेज कर्मचारी दस बार हड़ताल पर बैठ चुके हैं, जिससे रोडवेज को करीब एक करोड़ का नुकसान हो चुका है। इससे यात्रियों को तो परेशानी झेलनी ही पड़ रही है, साथ ही सरकार को भी राजस्व घाटा हो रहा है। सरकार और कर्मचारियों के इस टकराव में हर वर्ष अकेले कुरुक्षेत्र डिपो व पिहोवा सब डिपो से करीब 26 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। वहीं नई भर्ती के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग बस अड्डे के बाहर डटे रहे।
प्रशासन और रोडवेज कर्मियों के बीच तनातनी
अंबाला डिपो में प्रोबेशनर के सहारे इक्का दुक्का बसें चलाने की प्रशासन कवायद कर रहा है। इससे प्रशासन और रोडवेज कर्मियों के बीच तनातनी भी देखने को मिली।