डाक्टरों की कमी व सुविधाओं के अभाव में रेफर सेंटर बना कस्बे का सामान्य अस्पताल
कस्बे के सामान्य अस्पताल का मंगलवार को चीफ मेडिकल आफिसर (सीएमओ) डा. जितेंद्र कादियान ने निरीक्षण किया। वो करीब चार घंटे तक यहां रहे। उन्होंने सामान्य इमरजेंसी वार्ड के अलावा ओपीडी सेक्शन में जाकर मरीजों से भी बातचीत कर एसएमओ को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए।
जागरण संवाददाता, समालखा : कस्बे के सामान्य अस्पताल का मंगलवार को चीफ मेडिकल आफिसर (सीएमओ) डा. जितेंद्र कादियान ने निरीक्षण किया। वो करीब चार घंटे तक यहां रहे। उन्होंने सामान्य, इमरजेंसी वार्ड के अलावा ओपीडी सेक्शन में जाकर मरीजों से भी बातचीत कर एसएमओ को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने करीब डेढ़ माह से बंद पड़ी दोनों लिफ्टों बारे भी जानकारी ली। सुविधाओं के अभाव में रेफर सेंटर बना अस्पताल
करीब 33 करोड़ की लागत से बना सामान्य अस्पताल सुविधाओं के अभाव में रेफर सेंटर बनकर रह गया है। यहां डाक्टरों से लेकर अन्य सुविधाओं की काफी कमी है। ऐसे में ज्यादातर मरीजों को भर्ती की बजाय पानीपत या खानपुर मेडिकल कालेज रेफर करना पड़ता है। इतना ही नहीं, बल्कि एक महिला डाक्टर तक नहीं है। ऐसे में मजबूर महिलाओं को ओपीडी में पुरुष डाक्टर को अपनी तकलीफ बता दवा लेनी पड़ती है। डाक्टरों की कमी पर सीएमओ डा. जितेंद्र कादियान ने कहा कि डाक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। वो लगातार उच्चाधिकारियों को स्टाफ पोजीशन भेजते हैं। उम्मीद है कि जल्द ही डाक्टरों की कमी दूर होगी। एक्सरे मशीन को लाइसेंस का इंतजार
कस्बे के सामान्य अस्पताल में एक्सरे तक की सुविधा नहीं है। भापरा रोड स्थित सीएचसी से ही एक्सरे की सुविधा पर ताला लगा आ रहा है। हाल में सामान्य अस्पताल में उक्त सुविधा को शुरू करने का प्रयास हो रहा है। पानीपत सेक्टर 25 स्थित अस्पताल से एक्सरे मशीन या शिफ्ट की गई है। मशीन को चला मरीजों के एक्सरे करने को लेकर रेडियोग्राफर की सप्ताह में तीन दिन यहां ड्यूटी लगा भी दी गई है। लेकिन एक्सरे मशीन को अभी लाइसेंस के मिलने का इंतजार है। ऐसे में अस्पताल में एक्सरे को लेकर आने वाले मरीजों को या तो पानीपत या निजी अस्पताल का रूख करना पड़ रहा है। हालांकि मशीन जंग खाने लगी है। डेढ़ माह से लिफ्ट भी बनी शोपीस
सामान्य अस्पताल में मरीजों से लेकर स्टाफ को ग्राउंड फ्लोर से ऊपरी मंजिलों पर लेकर जाने के लिए लिफ्ट लगाई गई हैं। लेकिन तकनीकी खराबियों के चलते पिछले करीब डेढ़ माह से लिफ्ट शोपीस बनी है। ऐसे में स्टाफ कर्मियों से लेकर आने वाले मरीजों को ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए सीढि़यों का सहारा लेना पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी लेबर रूम में आने वाली गर्भवती महिलाओं को झेलनी पड़ रही है। जबकि लिफ्टों के संचालन को लेकर छह कर्मचारी लगाए गए हैं।