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बंदरों के उत्पात से घर में कैद शहरवासी

बंदरों के उत्पात से शहरवासी सहमे हैं। हालात ये हैं कि अब घर में ही कैद होना पड़ रहा है। घरों के सामान को नुकसान तो पहुंचा ही रहे हैं विरोध करने पर हमलाकर घायल भी कर रहे हैं। पहले ही शहर में असंख्य बंदर थे पिछले दिनों सफीदों से यहां कैंटर भरकर छोड़ दिए गए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 08:20 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 08:20 AM (IST)
बंदरों के उत्पात से घर में कैद शहरवासी

जागरण संवाददाता, पानीपत : बंदरों के उत्पात से शहरवासी सहमे हैं। हालात ये हैं कि अब घर में ही कैद होना पड़ रहा है। घरों के सामान को नुकसान तो पहुंचा ही रहे हैं, विरोध करने पर हमलाकर घायल भी कर रहे हैं। पहले ही शहर में असंख्य बंदर थे, पिछले दिनों सफीदों से यहां कैंटर भरकर छोड़ दिए गए। इससे समस्या और बढ़ गई। दूसरी ओर, इन्हें पकड़ने में नगर निगम अधिकारी न तो रुचि ले रहे है और न ही गंभीरता दिखा रहे हैं। पकड़ने वाले सस्ते ठेकेदार की तलाश लंबे समय से की जा रही है। इसी कारण टेंडर भी अटका हुआ है। जनप्रतिनिधि भी लोगों की शिकायतों को अनसुना कर बस जल्द पकड़वाने का आश्वासन दे रहे हैं।

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शहर के सेक्टरों में हालात ज्यादा बदतर हैं। सेक्टर 11 स्थित मकान नंबर 469 में सोमवार को बंदरों ने खूब उत्पात मचाया। घर के बरामदे, रेलिग व छत पर कब्जा जमाकर सामानों की तोड़ फोड़ की। सजावटी फूलों के गमले तोड़ दिए। पौधे की टहनियों को खूब नुकसान पहुंचाया। बंदरों के आतंक से लोग घरों में ग्रिल लगा कैद हो गए। निगम पार्षद को फोन कर इस समस्या का स्थायी निदान कराने की बात कही। सफीदों से कैंटर भरकर लाया गया

सेक्टर 11 के निवासियों ने बताया कि सफीदों साइड से कैंटरों में भर कर सैकड़ों बंदर पानीपत लाए। इन कॉलोनियों में छोड़ दिया। अब ये लोगों का जीना हराम कर रखा है। विधायक प्रमोद विज, मेयर अवनीत कौर और पार्षद शकुंतला गर्ग से कई बार शिकायत कर चुके हैं। एक दूसरे पर थोपने के सिवाय कोई इस गंभीर समस्या का हल करवाने को तैयार नहीं हैं। घरों में कैद रहते हम

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सेक्टर 11 में मकान नंबर 469 में रहने वाली उषा खुराना ने बताया कि पिछले वर्षों से बंदरों का उत्पात ज्यादा है। जींद की तरफ से बंदर पकड़ कर इधर छोड़ गए हैं। गमले में लगे पौधों को नुकसान पहुंचाया। काटने के डर से बंदरों के आते ही घरों में कैद रहना पड़ता है। कमरे में चले आते बंदर

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सेक्टर 11 निवासी पदमा आहूजा ने बताया कि बंदरों ने परेशान कर रखा है। घर का दरवाजा खुला छूटने पर कमरे में चले आते हैं। सामान उठा कर ले जाते हैं। नगर निगम के अधिकारी उनकी परेशानियों का निदान नहीं कर रहे हैं। नुकसान की भरपाई कौन करेगा

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सुमनलता ने बताया कि जाड़े के समय बंदरों का आतंक कम रहता थ। गर्मी का सीजन आना बाकी है। अभी से सेक्टरवासी बंदरों का आतंक झेल रहे हैं। घरों तोड़फोड और सामान उठा कर ले जाने की भरपाई कौन करेगा। जल्द ठेका देकर इन बंदरों को पकड़वाना चाहिए। शिकायत का असर नहीं

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सुमित खुराना का कहना है कि इन सेक्टरों में बंदर बड़ी समस्या है। जन प्रतिनिधियों से इस बारे में कई बार शिकायत कर चुकी हूं लेकिन समाधान नहीं कराया गया। सिगल बिड टेंडर आने से उस ठेकेदार को बंदर पकड़ने का काम नहीं दिया गया। सेक्टरवासियों की परेशानी को देखते हुए मैंने सिगल बिड टेंडर कर देने की सिफारिश की थी। निगम आयुक्त ने कुछ दिन और देखने की बात कही। बंदर पकड़ने के लिए कोई और ठेकेदार सामने नहीं आया तो सिगल बिड वाले को ही दे दिया जाएगा।

पार्षद शकुंतला गर्ग

वार्ड नंबर 14 वर्जन :

बंदरों को पकड़ने के लिए सिगल बिड टेंडर आने से रोका गया। निगम के अधिकारियों को उम्मीद है कि दो-तीन ठेकेदार बंदर पकड़ने के लिए दोबारा टेंडर करेंगे। जिसका रेट कम होगा उसे काम मिलेगा। कॉलोनीवासियों को उसके बाद राहत मिलेगी।

अवनीत कौर, मेयर पानीपत।


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