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कांग्रेस भवन में सन्नाटा, शहर में चर्चा, गुटबाजी में अटका छावनी और शहर का टिकट Panipat News

छावनी से महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव चित्रा सरवारा और महिला कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता वेणु अग्रवाल रेस में सबसे आगे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 11:55 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 11:55 AM (IST)
कांग्रेस भवन में सन्नाटा, शहर में चर्चा, गुटबाजी में अटका छावनी और शहर का टिकट Panipat News

पानीपत/अंबाला, [कुलदीप चहल]। भाजपा ने बेशक अंबाला छावनी और शहर से अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं, लेकिन कांग्रेस की सहमति इन दोनों सीटों पर अभी नहीं बन पाई है। दिन भर अटकलों का बाजार गर्म रहा, लेकिन गुटबाजी इस कदर हावी बताई जा रही है कि कांग्रेस देर रात तक अपने पत्ते इन दोनों सीटों पर नहीं खोल पाई। अंबाला शहर से जहां पूर्व मंत्री निर्मल सिंह, जसबीर मलौर और हिम्मत सिंह का नाम चल रहा है, वहीं अंबाला छावनी से महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव चित्रा सरवारा और महिला कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता वेणु अग्रवाल रेस में आगे हैं। 

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उधर, नारायणगढ़ में पूर्व सीपीएस रामकिशन गुर्जर के चुनाव लडऩे में कानूनी पेंच आने के कारण पूर्व सूचना आयुक्त अशोक मेहता दौड़ में बने हुए हैं, जबकि मुलाना विधानसभा में पूर्व शिक्षामंत्री फूलचंद मुलाना के पुत्र चौधरी वरुण मुलाना का नाम लगभग फाइनल माना जा रहा है। हालांकि मंगलवार को अटकलों के चलते अंबाला छावनी कांग्रेस भवन पर सन्नाटा छाया रहा। सूत्रों का कहना है कि एक गुट जहां दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा रहा है, तो दूसरा चंडीगढ़ की दौड़ लगाने में लगा है। 

चित्रा कैंट से नाम कटा तो शहर में निर्मल को मिल सकती है टिकट 

सूत्रों के मुताबिक अंबाला छावनी विधानसभा में यदि चित्रा सरवारा का नाम कटता है, तो पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह को अंबाला शहर से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। हालांकि यह फैसला चौधरी निर्मल सिंह और पार्टी की सहमति के बाद ही फाइनल हो सकेगा। शहर से पूर्व विधायक जसबीर मलौर भी कांग्रेस की टिकट के दावेदारों में आगे हैं। लेकिन चौधरी निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा को यदि कैंट से चुनाव मैदान में न उतारा गया, तो इस परिवार को शहर विधानसभा से तरजीह दी जा सकती है। राजनीति अतीत की बात करें, तो पूर्व मंत्री निर्मल और जसबीर मलौर आमने सामने नग्गल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। इनेलो और भाजपा छोड़ मलौर कांग्रेस में शामिल हुए थे। 

मुलाना और नारायणगढ़, चर्चा में सिर्फ दो चेहरे 

हलका मुलाना (आरक्षित) व नारायणगढ़ की बात करें, तो अभी तक कांग्रेस से टिकट लेने की रेस में दो चेहरे ही सामने आ रहे हैं। मुलाना हलके से पूर्व शिक्षा मंत्री फूलचंद मुलाना के बेटे वरुण मुलाना व नारायणगढ़ से पूर्व सूचना आयुक्त अशोक मेहता का नाम चल रहा है। नारायणगढ़ में पूर्व सीपीएस रामकिशन गुर्जर के चुनाव लडऩे में फंसे कानूनी पेंच के बाद मामला दिलचस्प है कि उनके परिवार से कोई मैदान में उतरता है या किसी अन्य को कांग्रेस चुनावी मैदान में उतारती है। 


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