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25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवा, बूंदाबांदी से फिजा में घुली ठंड, अहर में गिरे ओले

तेज हवा के साथ बृहस्पतिवार को हुई बारिश से फिजां में ठंडक घोल दिया।

By Edited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 10:49 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 10:49 AM (IST)
25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवा, बूंदाबांदी से फिजा में घुली ठंड, अहर में गिरे ओले
25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवा, बूंदाबांदी से फिजा में घुली ठंड, अहर में गिरे ओले
जागरण संवाददाता, पानीपत : तेज हवा के साथ बृहस्पतिवार को हुई बारिश से फिजां में ठंडक घोल दिया। ठंडी हवाओं ने शीतलहर का अहसास कराया। 23-25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवा ने जनजीवन बेहाल कर दिया। अहर गांव ओलावृष्टि भी हुई। अधिकतम तापमान 18 और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय नमी 95 फीसद दर्ज की गई। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक अगले 24 घंटे में बूंदाबांदी का दौर जारी रह सकता है। ऐसे में ठंडक और बढ़ने की संभावना है। न्यूनतम व अधिकतम तापमान में गिरावट आ सकती है। औद्योगिक शहर में सुबह 9 बजे और शाम 5 बजे से लेकर रात 7:30 बजे तक बूंदाबांदी हुई। दिन भर बादल छाए रहे। सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। तीन एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। जिले के कुछ गांव में ओलावृष्टि होने के से न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी डिस्टरबेंस एक्टिव होने के कारण मौसम में बदलाव हुआ है। ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की ¨चता बृहस्पतिवार सुबह हुई ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। मौसम शुक्रवार को भी खराब रह सकता है। जिले में इस बार 1.75 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल लगी है। बारिश से नुकसान नहीं : गर्ग ऊंझा कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. राजवीर गर्ग का कहना है कि फरवरी माह में जब इस प्रकार का मौसम बनता है तो थोड़ी ओलावृष्टि की ¨चता रहती है। बारिश से कोई नुकसान नहीं है। हर साल फरवरी में हल्की-फुल्की बरसात हुई है। किसानों को इसका फायदा मिलेगा। मौसम विशेषज्ञ बोले : क्लाइमेट चेंज का असर मौसम में आए बदलाव पर मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि अचानक गर्मी बढऩा और तापमान में 5 से 6 डिग्री की गिरावट आना क्लाइमेट चेंज का संकेत है। इस बार सर्दी के मौसम में महसूस किया होगा कि अचानक सर्दी चली गई है, ओर दो चार दिन में ही लगने लगा कि सर्दी फिर लौट आई। बीते दो दशक में ऐसे परिवर्तन बहुत कम देखने को मिलते थे। ठंड है तो वह स्टैंड कर जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। पता नहीं चलता कि कब मौसम बदल जाए। फसल को हो सकता नुकसान फिलहाल किसानों को फसल में पानी लगाना है वह दो दिन का इंतजार करें। दो दिन के बाद मौसम का मिजाज भांपकर ¨सचाई करें। अभी ¨सचाई की और बरसात हो जाने पर फसल को नुकसान हो सकता है। डॉक्टर्स की ये सलाह सिविल अस्पताल के एनसीडी के मेडिकल ऑफिसर डॉ. अमित कुमार के मुताबिक ठंड बढऩे से हृदय रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है। बृहस्पतिवार को ठंडी हवा चली है इनसे बचने की जरूरत है। सुबह जल्दी सैर से परहेज करें। बारिश तूफान से बिजली के खंभे टूटे आपूर्ति ठप, सैकड़ों पेड़ उखड़े संवाद सहयोगी इसराना : सुबह से ही रूक रूक कर हो रही बारिश से किसानों में खुशी दिखाई दी। शाम को आई तेज बारिश और आंधी और तूफान ने क्षेत्र में काफी नुकसान पहुंचाया। बिजली के पोल पर पेड़ गिर जाने से बिजली व्यवस्था चरमरा गई। गांव अहर में पीएचसी में लगे सफेदे के पेड़ गिर गये जो आसपास के कई घरों की दीवारों और मकानों पर जा गिरे। अहर वासी चांद ¨सह और लक्ष्मण, देवेन्द्र ¨सह, रणबीर ¨सह, ने बताया है अहर के शांति अस्पताल का शटर व शीशा का गेट टूट गया। मकान की दीवार गिर गई। सफेदे गिरने से बंसीलाल पुत्र अर्जुन को नुकसान हुआ। गांव में अधंकार छाया हुआ है। अहर कुराना, छिछड़ाना में बिजली व्यवस्था ठप है। अहर गांव में ओले भी गिरे।

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