डाक्टर आपरेशन थियेटर में, मरीज ओपीडी के बार करते दिखे इंतजार
तकरीबन 14 लाख की आबादी पर बना 42 करोड़ का सिविल अस्पताल चिकित्सकों के अभाव में मरीजों के लिए परेशानी का सबब बना है। सोमवार को बरसात के बावजूद अस्पताल में भीड़ रही।
जागरण संवाददाता, पानीपत : तकरीबन 14 लाख की आबादी पर बना 42 करोड़ का सिविल अस्पताल चिकित्सकों के अभाव में मरीजों के लिए परेशानी का सबब बना है। सोमवार को बरसात के बावजूद अस्पताल में भीड़ रही। हड्डी रोग विशेषज्ञ और सर्जन आपरेशन थियेटर में थे, ओपीडी के बाहर मरीज घंटों तक इंतजार करते देखे गए।
दिन सोमवार..समय सुबह करीब 10 बजे। हल्की बूंदाबांदी हो रही थी। इसके बावजूद मरीज भीगते हुए अस्पताल पहुंच रहे थे।ओपीडी स्लिप बनवाने के लिए चार कतारों में मरीज-तीमारदार खड़े हुए थे। कोविड-19 गाइडलाइन का पालन हो, इसकी उम्मीद करना बेमानी है। कोरोना की पहली-दूसरी लहर में भी यह संभव नहीं हो सका था। मेडिसिन ओपीडी में कुछ कम भीड़ रही।सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ,त्वचा रोग विशेषज्ञ अन्य कार्यों में व्यस्तता के कारण ओपीडी के बाहर मरीज इंतजार करते देखे गए। 80 प्रतिशत मरीजों को पर्चे पर लिखी सभी मेडिसिन नहीं मिली। गनीमत रही कि अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे सुविधा चालू रही। टांग में राड पड़नी है, पैसे नहीं हैं
गांव बुआना लाखू ने बताया कि तीन माह पहले सड़क पार करते समय कार ने टक्कर मार दी थी। टांग की हड्डी टूट गई थी। स्टील की राड पड़नी है, डाक्टर कुछ राह नहीं दे रहे हैं। राड खरीदने के लिए रकम नहीं है। आज डाक्टर साहब ने बुलवाया है। वे आपरेशन थियेटर में हैं, उन्हीं का इंतजार कर रहा हूं। प्लास्टर कटना है
मूल रूप से बिहार का निवासी मुकेश ने बताया कि पानीपत की किसी फैक्ट्री में काम करने आया था। इसी दौरान एक हादसे में टांग की हड्डी टूट गई थी। सिविल अस्पताल प्लास्टर कराया था। डाक्टर ने आज प्लास्टर काटने के लिए बुलाया था, वे आपरेशन थियेटर में हैं। पीएसए प्लांट से आक्सीजन सप्लाई
पीएम केयर फंड से सिविल अस्पताल में बने प्रेशर स्विग एड्जार्पशन (पीएसए) प्लांट से सोमवार को पुन: सप्लाई शुरू कर दी गई। तकनीकी खराबी के कारण कुछ दिनों तक प्लांट बंद रहा था।अब इमरजेंसी, आइसोलेशन वार्ड सहित अन्य जगह प्लांट से ही आक्सीजन सप्लाई हो रही है। कायाकल्प पुरस्कार की तैयारी
सिविल अस्पताल प्रशासन ने कायाकल्प पुरस्कार के लिए चेकलिस्ट पर गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है। डिप्टी एमएस डा. अमित पोरिया सोमवार को मेटरन से चेकलिस्ट पर चर्चा करते देखे गए। बता दें कि वर्ष 2021 में कायाकल्य मूल्यांकन में अस्पताल ने प्रदेश भर में तीसरा स्थान प्राप्त था।