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Diwali 2021: दीपावली पर बन रहे हैं ये खास योग, मिलेगा विशेष लाभ, जानिए क्या है खास

हनुमान वाटिका के पुजारी पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि दीपावली(Deepwali) संस्कृत शब्द दीप से आया है जिसका अर्थ दीपक या दिया होता है। जिसे प्रकाश के लिए व पूजा में जलाया जाता है। दीवाली पर भारतीय मिट्टी से बने दीयों में रुई की बाती से ज्योत जलाई जाती है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 07:58 AM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 07:58 AM (IST)
Diwali 2021: दीपावली पर इस बार बन रहे है गजकेसरी, भद्रक और आयुष्मान जैसे महयोग।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। इस साल कार्तिक अमावस्या चार नवंबर वीरवार को है। दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में लक्ष्मी जी को वैभव के साथ सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करने वाला माना गया है। लक्ष्मी का आशीर्वाद कलियुग में महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन तुला राशि में चार ग्रह एक साथ मौजूद रहेंगे। इस दिन एक साथ चार ग्रहों की युति तुला राशि में होगी। दिवाली पर तुला राशि में सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा विराजमान रहेंगे।

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गायत्री अनुसंधान केंद्र के निदेशक डा. रामराज कौशिक ने बताया की ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा, मंगल को ग्रहों का सेनापति, बुध को ग्रहों का राजकुमार और चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। चंद्रमा से बुध केंद्र में होने से भद्रक और गुरु होने से गजकेसरी राज योग बन रहे हैं। वहीं चारों ग्रहों की युति दीपावली को और भी समृद्धिशाली बना रही हैं। इन अद्भुत योगों में महालक्ष्मी की पूजा करने से मां प्रसन्न होकर आपके घर प्रतिष्ठान पर स्थायी निवास करेंगी।

गंगाजल का छिड़काव और रंगोली से पथ सजाएं

दीवाली का पर्व जीवन में नई उमंग, उत्साह के संचार का त्यौहार है। घनघोर अंधेरे को चिरती एक दीये की रोशनी की ताकत हमें जीवन में इसी तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। दीपावली की रात में मां लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व होता है। शुभ मुहूर्त पर मां लक्ष्मी का पूजन जीवन को खुशहाली और धनसंपदा से भर देता दीपावली पर मां लक्ष्मी के पूजन के लिए सबसे पहले पूजा स्थल की अच्छी तरह से साफ-सफाई करना चाहिए। पूरे घर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए। इसके साथ ही मां लक्ष्मी के आगमन के लिए पहले से ही घर के बाहर रंगोली सजा देना चाहिए।

दीपावाली पर ऐसे करें मां लक्ष्मी का पूजन

अब पूजा स्थल पर एक चौकी सजाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा या फिर तस्वीर को रख दें। चौकी पर जल से भरा एक कलश जरूर रखें। इसके बाद मां लक्ष्मी, गणेश जीकी मूर्तियों व तस्वीरों पर तिलक लगाकर दीप जलाएं। अक्षत, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल, फल मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें। इसके बाद कुबेर देवता, भगवान विष्णु, मां काली और मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करें। घर के सभी सदस्यों को मां लक्ष्मी का पूजन एक साथ करना चाहिए। महालक्ष्मी पूजन के बाद घर की तिजोरी या प्रतिष्ठान की तिजोरी का पूजन करें। बहीखाता और व्यापारिक उपरकरण का भी पूजन करें। पूजन के बाद सभी को मीठा प्रसाद और जरूरतमंद को दक्षिणा दें। 

घर और प्रतिष्ठान में पूजन का मुहूर्त

लाभ चौघड़ियां - सुबह 11:50 से दोपहर 1:12 बजे तक।

अमृत -दोपहर 1 :12 बजे से दोपहर 2:34 बजे तक।

शुभ चौघड़ियां - दोपहर बाद 3:56 से सायं 5:18 बजे तक।

कुंभ लग्न- दोपहर 1:24 से दोपहर 2:53 बजे तक (स्थिर लग्न)

प्रदोष काल - शाम 5:21 से शाम 7:57 बजे तक।

वृषभ लग्न- शाम 5:57 से शाम 7:53 बजे (घर में पूजा के लिए)

सिंह लग्न- रात्रि 12:27 से रात्रि 2: 42 बजे (ईष्ट साधना सिद्धि के लिए)

महानिशिथ काल- रात्रि 11:24 से 12:16 बजे तक (काली पूजा और तांत्रिक पूजा के लिए )


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