इलेक्शन एक्सप्रेस, ट्रेन की स्पीड से ज्यादा है पब्लिक की जुबां पर मुद्दों की चर्चा
इलेक्शन एक्सप्रेस के लिए अंबाला से दिल्ली तक का सफर करके अंबाला के ब्यूरो चीफ दीपक बहल ने लोगों के विचारों को टटोला। एक्सप्रेस की स्पीड से ज्यादा मुद्दों के विमर्श की रफ्तार थी।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। जल्दी चलिये, ट्रेन छूट जाएगी। अरे! ये कोई बात है? आपको ज्यादा जल्दी है तो आगे निकल जाइए। यह नजारा है हर समय भीड़ को आगोश में रखने वाले अंबाला स्टेशन का। भीड़ से निकली बात भली लगी। साथी पत्रकार कुलदीप चहल के साथ मैं अमृतसर-कोचिवली एक्सप्रेस में सवार हो गया। बोगी में अभी खुद को एडजस्ट ही कर रहा था कि ट्रेन चल पड़ी। जैसे ही ट्रेन ने रफ्तार पकड़ी यात्रियों के बीच चुनावी मुद्दों के विमर्श ने भी रफ्तार पकड़ ली। अंबाला से दिल्ली तक आने जाने का 400 किमी. का सफर कब बीत गया, पता ही नहीं चल पाया। लोगों की रायशुमारी में एक ही बात निकलकर आई कि अब जनता को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। ये सब जानती है...
जुबान पर छाया है बालाकोट एयर स्ट्राइक
मैं और कुलदीप आरक्षित कोच में चढ़े। बर्थ में हमसे पहले ही यात्री विमर्श की गाड़ी दौड़ा रहे थे। हम भी सवार हो लिये। यात्रियों की जुबान पर यही था कि भारत की पहचान विश्व में मजबूती के साथ बनी है। इसी मजबूती को कायम रखने और जमीनी परिस्थितियों में ज्यादा बदलाव के लिए मोदी को एक और मौका मिलना चाहिए। इसके बाद हम दोनों सामान्य कोच में सफर कर रहे यात्रियों के बीच पहुंचे। यात्रियों ने एकसुर में कहा- राज्य सरकारों की योजनाओं से भले ही वाकिफ न हों, लेकिन स्वच्छ भारत और घरों में शौचालय बनाने की मुहिम सराहनीय है। कहा, पिछली सरकारों में भी काम तो हुए, लेकिन मोदी सरकार में काम ही नहीं कई बदलाव ऐसे हुए जिससे विश्व में भारत को एक नई पहचान मिली।
पंचवर्षीय मौसम आ गया..
इस बार जनता बेवकूफ नहीं बनेगी। हर तरफ सिर्फ बयानबाजी हो रही है जनाब। बुनियादी मसलों से अलग हट कर बहस हो रही है। आम आदमी आज भी समस्याओं से जूझ रहा है। नेताजी आतंकवाद, सर्जिकल स्ट्राइक, मंदिर, मस्जिद और अंतरिक्ष की बातें कर रहे हैं। युवा यात्री इन बातों में दिलचस्पी ले रहे थे। यह वोट देने को लेकर उत्साहित दिखे। इन्होंने बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था को मुद्दा बताया। मोदी जी से बहुत उम्मीद है लोगों को। इन्हें डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने, गांव को डिजिटल बनाने बनाने पर जोर दिया है। कोच में बैठी महिला सरिता जैन बोल पड़ीं..देश बदल रहा है।
ताश की बाजी के बीच चुनावी चर्चा
दिल्ली से लुधियाना का सफर जल्दी कट जाए कुछ यात्री ताश की बाजी खेलकर टाइम पास करते दिखे। हालांकि इनकी जुबान पर लोकसभा चुनाव की चर्चा ज्यादा थी। मैंने पूछ लिया- क्या बदलाव देख रहे हैं। जुबान पर मोदी का ही नाम आता रहा। हालांकि वह किसी दूसरी पार्टी से जुड़े हुए हैं, लेकिन उन्होंने माना कि मोदी एक्टिव पीएम हैं। जब देश का मुखिया एक्टिव होगा, तो बदलाव तो दिखेगा ही। साथ बैठीं सुनीता जैन ने कहा कि आज भी ऐसे परिवार हैं, जो शौच के लिए खुले में जाते हैं, लेकिन इस सरकार ने बेटियों को इस शर्म से बचाया है। धीरे-धीरे परिवर्तन होना शुरू हो गया है।
बदलाव नजर आता है
अंबाला से दिल्ली तक कोचिवली के सामान्य कोच में सफर कर रहे अंबाला निवासी मोहित ने कहा कि बदलाव तो नजर आने लगा है। केंद्र में सरकार अच्छी हो तो ट्रेनों में भी सुविधाएं बढऩे लग जाती हैं। एकाएक बदलाव नहीं होता, इसे समय चाहिए।
मोदी अकेले कुछ नहीं कर सकते, सभी को सोच बदलनी होगी
नागपुर से अंबाला का सफर कर रहे नरेंद्र आनंद ने कहा कि विश्व में भारत की पहचान बन चुकी है। बालाकोट एयर स्ट्राइक तो हुई है और यह एक मजबूत कदम है। कोई माने या न माने, लेकिन अभिनंदन की रिहाई ने इस एयर स्ट्राइक को पुख्ता किया है। एयर स्ट्राइक में कितने मरे यह मायने नहीं रखता, लेकिन पाक को जवाब तो दिया गया।
विकास की गति बताती है हमारा लीडर कैसा है
लुधियाना की सतिंदर कौर ने बताया कि कोई भी सरकार हो विकास तो होता ही है, लेकिन विकास की कितनी तेजी से होता है, यह मायने रखता है। मौजूदा सरकार में बड़े-बड़े फैसले लिये जा रहे हैं, जिससे लगता है कि लीडर एक्टिव है।
बदलाव हुआ पर मैं सुरक्षा से खुश नहीं
ट्रेनों में भी सुधार हुआ है, लेकिन सुरक्षा के मापदंड आज भी खरे नहीं हैं। मैं जिस बोगी में सफर कर रहा हूं, वहां पर किस यात्री के बैग में क्या है, उससे सुरक्षा एजेंसियां वाकिफ नहीं हैं। हालांकि मोदी सरकार की प्राथमिकता में सुरक्षा की बात कही गई है, लेकिन बदलाव होने में समय लगेगा।
सबको बदलाव करना होगा
लुधियाना के मनिंदर सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत का नारा तो दे दिया, लेकिन इस पर अमल सभी को करना होगा। ट्रेन, सड़क या सफाई के लिए सिर्फ सरकार ही जिम्मेदार नहीं है, समाज भी है।
दैनिक जागरण से पता चल जाती है देश की राजनीति
नागपुर-अमृतसर एसी एक्सप्रेस में सफर के दौरान दैनिक जागरण पढ़ रहे अंबाला के सुमन सौरभ ने कहा कि देश का राजनीतिक माहौल क्या है और यह किस दिशा में जा रही है, अखबार से पता चल जाता है। राजनीतिक माहौल गर्म है और कुछ कह नहीं सकते बाजी किसके हाथ लगेगी।
बदल रहा है देश, लेकिन धीरे-धीरे
अमृतसर-कोचिवली एक्सप्रेस में सफर कर रहे अंबाला के साजन ने कहा कि यह देश की राजनीति तय करती है कि देश किस दिशा की ओर जाएगा। मौजूदा समय में तो देश सही रास्ते पर है, लेकिन धीरे-धीरे यह तेजी भी पकड़ेगा। केंद्र में मोदी को फिर से लाना चाहिए।