दहशत में डिडवाड़ी, ग्रामीणों ने कहा-हो सकता है धरने से आया हो कोरोना संक्रमण
समालखा ब्लॉक के गांव डिडवाड़ी के हर दूसरे या तीसरे घर में लो
जागरण संवाददाता, पानीपत : समालखा ब्लॉक के गांव डिडवाड़ी के हर दूसरे या तीसरे घर में लोग बुखार पीड़ित हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। दस से ज्यादा की मौत हो चुकी है। आशंका है कि इनमें किसी की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। प्रशासन ने जिन गांवों को कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट माना है, उनमें डिडवाड़ी गांव भी है। स्वास्थ्य विभाग की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार इस गांव के कुछ लोग किसान आंदोलन में शामिल होने गए थे। आशंका है कि वहीं से संक्रमण फैला है।
हालांकि सरपंच पति पूर्ण सिंह इस बात से इन्कार करते हैं। कहते हैं कि आंदोलन का कोरोना संक्रमण से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, कुछ ग्रामीणों ने जागरण से कहा कि हो सकता है कि धरने पर जाने से संक्रमण आया हो। गांव के लोग काम के लिए बाहर जाते हैं। वहां से भी संक्रमण गांव में आया होगा। ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे
सरपंच पति पूर्ण सिंह का कहना है कि वह सांसद से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग कर चुके हैं। उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दिए जा रहे। गांव में छह चौपाल हैं। यहां पर अस्थायी बेड लगाए जा सकते हैं। पीएचसी से डाक्टर यहां नियुक्त कर सकते हैं। उनकी आंखों के सामने एक युवक ने ऑक्सीजन गैस की कमी से दम तोड़ दिया था। ठीकरी पहरा लगाया
गांव में ठीकरी पहरा लगा दिया है। दिन और रात को युवा यहां पर पहरा दे रहे हैं। किसी बाहरी के गांव में आने पर पूछताछ करते हैं। पूरी जांच के बाद अंदर जाने देते हैं। पूर्ण सिंह ने बताया कि गांव में मुनादी कराई जा रही है। अनावश्यक तौर पर बाहर न निकलें। पुलिस की सुरक्षा नहीं
यहां रहने वाले शिक्षक ने बताया कि उनके पिता को कोरोना संक्रमण हुआ था। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। पुलिस सुरक्षा नहीं है यहां पर। गांव में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। कोरोना के खतरे के बीच यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। धरना व अन्य जगहों से भी कोरोना संक्रमण हो सकता है। गांव के लोग बाहर जाते हैं
एक ग्रामीण ने बताया कि गांव के लोग बाहर जाते हैं। धरने पर भी गए थे। वह मजदूरी करते हैं। इस समय बुड़शाम में आए हैं। क्या पता, कहां से कोरोना संक्रमण आया। उनका बेटा कोरोना संक्रमित है।