कार्तिक पूर्णिमा पर यमुना में लगाई श्रद्धा की डूबकी
कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर आस्था और श्रद्धा का अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला। यमुना घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर आस्था और श्रद्धा का अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला। यमुना घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। सूर्य को अर्घ्य देने के साथ भगवान कार्तिकेय की पूजा अर्चना कर परिवार में सुख व शांति की कामना की। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद दान पुण्य भी किया। श्रद्धालुओं के वाहनों की भीड़ के चलते पानीपत से हरिद्वार रोड पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रहने के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। वहीं किसी भी तरह की अप्रिय घटना को लेकर पुलिस की टीम सतर्क रही। स्नान का है विशेष महत्व
सनौली खुर्द के मास्टर सतनारायण शास्त्री ने बताया कि हिदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन को दामोदर के नाम से भी जाना जाता है। ये विष्णु भगवान का ही एक नाम है। इस दिन पवित्र स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। जिसकी वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते है। सुबह चार बजे से ही पहुंचने लगे थे श्रद्धालु
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त लगते ही मंगलवार सुबह चार बजे से ही यमुना घाटों पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला आरंभ हो गया। दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने सबसे पहले स्नान किया। इसके बाद जैसे जैसे दिन निकलता गया, वैसे ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। ये सिलसिला दिन भर चलता रहा। बस, टेंपो और निजी वाहनों से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने यमुना में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाने के साथ मनोकामना पूर्ति के लिए पूजा अर्चना की। यहां किया स्नान
कार्तिक पूर्णिमा पर यमुना में प्रदेश की अलग अलग जगहों से आए श्रद्धालुओं ने सनौली यमुना पुल के अलावा खोजकीपुर, आट्टा, बिलासपुर, हथवाला व राक्सेड़ा आदि गांवों में बने घाटों पर श्रद्धा की डूबकी लगाई। घाटों को इर्द गिर्द लगे मेले में बच्चों व महिलाओं ने खिलौने आदि की जमकर खरीद की। जाम ने फुलाई सांसें
कार्तिक पूर्णिमा पर यमुना स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। ज्यादातर लोग अपने निजी वाहनों में सवार होकर स्नान करने के लिए पहुंचे। ऐसे में पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने पर उनके द्वारा सड़क के आस पास ही वाहनों के लगाने आदि के कारण पानीपत से हरिद्वार रोड पर कई कई किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। काफी लोग वाहनों को दो दो किलोमीटर दूर पार्क कर पैदल स्नान के लिए पहुंचे। वहीं पुलिस कर्मी भी दिन भर जाम को खुलवाने के लिए मशक्कत करते रहे। दोगुना वसूला किराया
यमुना स्नान के चलते श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ का टेंपो आदि चालकों ने फायदा उठा जमकर चांदी कूटी। श्रद्धालुओं ने बताया कि पानीपत से यमुना पुल तक 20 और सनौली खुर्द तक 10 रूपये किराया लगता था। लेकिन आज 20 की जगह यमुना पुल तक 40 से 50 रुपये तक किराया लिया गया। ऐसे में टैंपो चालकों के साथ श्रद्धालुओं की नोंक-झोंक भी होती दिखी। पूर्णिमा पर लगे भंडारे --
बापौली ब्लॉक के गांव शिमला गुजरान में घीसा पंत की तरफ से मंदिर में हवन-यज्ञ के साथ भंडारे का आयोजन हुआ। जहां आस पास के गांव से आए लोगों ने भी प्रसाद ग्रहण किया। संचालिका शीला ने कहा कि हमें सभी धर्मो का सम्मान करना चाहिए। वहीं सनातन धर्म मंदिर में भी भंडारा पर लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर प्रधान लक्ष्मण दास रहेजा ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ कथा करानी चाहिए। इस मौके पर इंद्र दास, चंद्रभान दास, वेदप्रकाश, नरेश, जय सिंह, सुरेंद्र, चमन दास मौजूद रहे। यमुना को मैली होने से बचाएं
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पानीपत से यमुना में स्नान करने आई सरोज ने बताया कि पुण्य कमाने के लिए पवित्र यमुना नदी में पूर्णिमा पर डुबकी लगाने जरूर आती है। सरकार इस यमुना को मैली होने से बचाए। पूर्णिमा पर स्नान का विशेष महत्व
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राजाखेड़ी से आए अतर सिंह ने कहा कि यमुना की कलकल धारा में स्नान कर मुझे ईश्वरीय शक्ति मिलती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान करने का अलग महत्व है।