31 करोड़ की मंजूरी के बाद भी विकास अटका
जागरण संवाददाता, पानीपत : ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के 31 करोड़ की हरी झं
जागरण संवाददाता, पानीपत :
ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के 31 करोड़ की हरी झंडी मिलने के बाद भी विकास कार्य लटक गया है। करोड़ों रुपये सालाना टैक्स देने वाले ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया के उद्यमी सड़क, सीवर और स्ट्रीट लाइट को तरस रहे हैं। हल्की बारिश होते ही सड़कों की साथ-साथ उद्योगों में पानी भर जाता है। सीवर ठप रहने के कारण सड़कों पर पानी जमा होने से ज्यादातर सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। दो साल पहले तक उद्यमी स्वयं पैसे इकट्ठा करके सीवर साफ करवाते रहे।
उद्योग मंत्री के समाधान कार्यक्रम में यह मामला उठ चुका है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 31 करोड़ रुपये की स्वीकृती दे दी है।
समाधान कार्यक्रम में ओल्ड इंडिस्ट्रयल एरिया एसोसिएशन के प्रधान विनोद ग्रोवर ने ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया की खस्ता सड़क, जाम सीवर तथा ठप पड़ी स्ट्रीट लाइट का मामला उठाया था। प्रदेश के उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने आश्वासन दिया था कि एचएसआइआइडीसी द्वारा ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया का विकास करेगा।
प्रदेश के ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया के विकास की स्टेट लेवल कमेटी ने स्वीकृति दी है।
1949 में बना ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया : करोड़ो रुपये का टैक्स देने वाला पानीपत का औद्योगिक एरिया 1949 में स्थापित किया गया था। उस समय यहां के विकास की जिम्मेवारी जिला उद्योग केंद्र के पास थी।
तीन साल पहले जिम्मेवारी बदली
तीन साल पहले यहां के विकास की जिम्मेवारी एचएसआइआइडीसी को सौंपी गई थी। औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्य शुरू भी करवाए गए थे। जो बीच में रोक दिए गए।
दो पाटों के बीच फंसा
यहां के उद्यमियों ने मुख्यमंत्री को औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम को सौंपने की मांग की। उद्यमियों का कहना था ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया दो पाटों के बीच फंस कर रह गया है। ओल्ड इंडिस्ट्रयल में विकास कार्य कौन सा ंिवभाग करेगा यह तय नहीं किया गया। फाइल दोनों विभागों की बीच झूलती रही। अब ओल्ड इंडिस्ट्रयल एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की जिम्मेवारी दोबारा से एचएसआइआइडीसी को सौंपी गई है।
इससे उद्यमियों की उम्मीद तो बंधी है लेकिन विकास कार्यो के लिए स्वीकृत राशी नहीं मिलने के कारण उद्यमी चिंतित है।
ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 31 करोड़ रुपये की स्वीकृति राज्य सरकार से मिल चुकी है। अभी विकास के लिए पैसे रिलीज नहीं हुए हैं। जैसे ही पैसे रिलीज हो जाएंगे। डीएनटी (टेंडर) करवा दिया जाएगा।
विनोद कत्याल, डीजीएम, एचएसआइआइ़डीसी पानीपत
समाधान कार्यक्रम में ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया की समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया गया था। अब विभाग का कहना है कि 31 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुकें हैं। पैसे अभी मिले नहीं। सरकार जल्द से जल्द यहां का विकास कार्य शुरू करवाए।
राजीव अग्रवाल, महासचिव, ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन।
सरकार को उद्योगों की समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द पैसे रिलीज कर देने चाहिए। औद्योगिक क्षेत्र प्रतिवर्ष करोड़ रुपये टैक्स के रूप में देता है। यहां आने जाने की सड़कें टूटी पड़ी है। सीवर जाम रहता है। स्ट्रीट लाइट ठप पड़ी है।
तरुण गांधी, उद्यमी, ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया, पानीपत।