यमुना नहर के चौड़ीकरण की योजना, एनआइटी को भेजा डिजाइन Panipat News
यमुना नहर के चौड़ीकरण के लिए 80 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। इससे नहर की क्षमता 17530 क्यूसेक होगी।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। पश्चिमी यमुना नहर की बैड (चोआ) से आ रहे पानी ने अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस पानी के कारण नहर की चौड़ाई बढ़ाने का काम रुक गया है। डिजाइन को बदलने के लिए अब दोबारा एनआइटी (राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान) कुरुक्षेत्र में भेजा गया है। दो वर्ष से चल रहा यह काम अभी तक 50 फीसद ही हो पाया है। मतलब गर्मियों में भी इस नहर के जरिए दक्षिण हरियाणा में पानी की सप्लाई नहीं हो सकेगी।
बता दें कि हमीदा हेड से करनाल के मूनक तक नहर की चौड़ाई बढ़ाई जानी है। इस परियोजना पर करनाल तक करीब 80 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। अभी नहर की क्षमता 15,733 क्यूसेक है। किनारों को पक्का करने के बाद यह बढ़कर 17,530 क्यूसेक हो जाएगी। इस काम को पांच जोन में बांटा गया है। नहर की चौड़ाई बढ़ाकर किनारों को पक्का करना है। यह नहर हथनीकुंड बैराज से अलग होती है और करनाल की ओर जा रही है। यहां मूनक हेड से होकर दक्षिण हरियाणा में प्रवेश कर जाती है। 30 जून 2019 तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य था।
होगा दोहरा फायदा
पश्चिमी यमुना नहर की क्षमता बढ़ाने के दो फायदे होंगे। पहला यह कि सामान्य दिनों में दक्षिण हरियाणा के विभिन्न जिलों को सिंचाई व पीने के लिए अतिरिक्त पानी मिल सकेगा। दूसरा यमुना नदी में पानी का बहाव अधिक होने पर इस नहर में डाइवर्ट किया जा सकेगा। विशेष तौर पर बारिश के दिनों में ऐसा करना मजबूरी हो जाती है
पश्चिमी यमुना नहर की बैड (चोआ) से आ रहे पानी के कारण काम नहीं चल पा रहा है। अब इसके डिजाइन में तब्दीली करवाई जानी है। उम्मीद है जल्द ही दोबारा डिजाइन बनकर आ जाएगा। उसके बाद काम शुरू करवा दिया जाएगा।
हरिदेव कांबोज, एक्सईएन, सिंचाई विभाग।