देसी घी तीन सैंपल फेल, दो मिस ब्रांडेड, दुकानदारों को भेजे नोटिस
जागरण संवाददाता पानीपत नकली-मिलावटी देसी घी बनाने व बेचने का धंधा पानीपत में चल रहा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत :
नकली-मिलावटी देसी घी बनाने व बेचने का धंधा पानीपत में चल रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अगस्त में सनौली रोड से देसी घी के तीन सैंपल लिए थे, लैब जांच में फेल हो गए हैं। शास्त्रीनगर से दो सैंपल लिए थे, मिस मिले हैं।
जिला अभिहित अधिकारी राजिद्र सिंह ने बताया कि 29 अगस्त को सनौली रोड, पुरानी सब्जी मंडी के पास स्थित साईं ट्रेडर्स से देसी घी के तीन सैंपल लिए गए थे। ये सैंपल हरियाणा डेयरी प्योर घी, अनमोल पंजाब प्योर घी और एवर डेयरी देसी घी के थे। लैब से मिली रिपोर्ट में तीनों को अनसेफ बताया गया है। 28 अगस्त को शास्त्री नगर स्थित एक घी की फैक्ट्री से खाने योग्य वनस्पति घी के दो सैंपल लिए गए थे। दोनों मिस ब्रांडेड (घी के डिब्बों की पैकिग पर सही जानकारी नहीं छपी थी) मिले हैं।
राजिद्र सिंह के मुताबिक दोनों दुकानदारों को नोटिस दिए गए हैं। उन्हें 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष रखना होगा। बता दें कि गत माह लघु सचिवालय स्थित कैंटीन में बेचे जा रहे बोतल बंद दूध की रिपोर्ट भी मिस ब्रांडेड आई थी। मिलावटी घी की पहचान के तरीके :
-एक चम्मच घी में पांच एमएल हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। घी लाल हो जाए तो समझ जाए कि कुछ मिलावट की गई है।
-एक चम्मच घी में चार-पांच ड्राप्स आयोडीन मिलाने पर इसका रंग नीला हो जाए तो समझ जाएं कि उबला आलू मिलाया गया है।
-बाउल में एक-एक चम्मच घी, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चुटकी चीनी मिलाएं। अगर घी का रंग बदलकर लाल दिखाई दें तो समझ जाएं कि इसमें डालडा मिला है।
-थोड़ा सा घी लेकर हाथ में रगडें, फिर इसे सूंघकर देखें। कुछ ही देर में इसकी खुशबू आनी बंद हो जाए तो समझ जाएं की यह मिलावटी है।
सेहत के लिए नुकसानदायक
सिविल अस्पताल के फिजिशियन कंसलटेंट डा. जितेंद्र त्यागी ने बताया कि नकली-मिलावटी घी के सेवन से यूरिन, लिवर, आंत के रोग हो सकते हैं। कैंसर की आशंका बढ़ सकती है। रक्तचाप बढ़ने लगता है। गर्भवती को गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। संभव है तो घर में घी बनाएं या ब्रांडेड ही खरीदें।