डीईओ आज एडीसी को सौपेंगे स्कूल बसों की जांच रिपोर्ट
मानक पूरे किए बिना सड़कों पर दौड़ रही निजी स्कूलों की बसों का चेकिग कार्य पूरा हो गया है। 35 टीमें जांच में जुटी थी। इन टीमों की कंपाइल जांच रिपोर्ट डीईओ शुक्रवार को एडीसी व आरटीए प्रीति को सौंपेंगे। रिपोर्ट में गंभीर खामियां मिलने पर संबंधित स्कूल संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : मानक पूरे किए बिना सड़कों पर दौड़ रही निजी स्कूलों की बसों का चेकिग कार्य पूरा हो गया है। 35 टीमें जांच में जुटी थी। इन टीमों की कंपाइल जांच रिपोर्ट डीईओ शुक्रवार को एडीसी व आरटीए प्रीति को सौंपेंगे। रिपोर्ट में गंभीर खामियां मिलने पर संबंधित स्कूल संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बीते 19 मार्च को जोध सचियार पब्लिक स्कूल की बस के टूट फर्श से फिसल कर पांच वर्षीय मासूम कार्तिक नीचे गिर गया था। बस का पिछला पहिया कार्तिक के ऊपर से गुजर गया था, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे के बाद आरटीए विभाग की नींद खुली। नियमों की धज्जियां उड़ा कर बेलगाम दौड़ रही बसों की चेकिग के टीम गठित कर दी गई। जांच कार्य पूरा हो जाने के बाद डीईओ बिजेंद्र नरवाल अब इसकी रिपोर्ट सौपेंगे। एडीसी प्रीति ने डीईओ को निर्देश दिए हैं कि शुक्रवार सुबह तक उनके पास स्कूल बसों की जांच रिपोर्ट पहुंच जानी चाहिए। रिपोर्ट में यह सुनिश्चित करें कि जिले में एक भी स्कूल बस बिना जांच के नहीं है। जांच में करीब 440 बसों में खामी पाई गई हैं। उनके मालिकों को दस दिन के भीतर खामियों को दूर करने का नोटिस दिया गया है। निजी स्कूलों की 731 बसों की जांच की गई। इनमें ज्यादार में सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। जीपीएस काम नहीं कर रहा था। कांट्रैक्ट खत्म होने वाली बसें पुल के नीचे खड़ी की
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द मिलेनियम स्कूल की प्रधानाचार्या अमिता कोचर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बीते बुधवार को लघु सचिवालय के सामने एलिवेटेड हाईवे पर खड़ी दो बसों का स्कूल से कांट्रेक्ट खत्म हो चुका है। कांट्रैक्टर ने बसों से स्कूल का नाम क्यों नहीं हटाया इस बात को लेकर कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।
चार स्कूल बसें पासिग के लिए पहुंची
सेकटर-25 जिमखाना क्लब के पास बृहस्पतिवार को पासिग के लिए निजी स्कूलों की चार बसें ही पहुंची। इनमें तीन नई और एक पुरानी बस थी। जबकि अन्य दिनों में 20 से 40 बसों की पासिग होती थी। आरटीए विभाग ने जब से सख्ती बरती है स्कूल संचालक कंडम बसों को पासिग के लिए नहीं भेज रहे हैं।