सेवा विस्तार मामले में डीइओ को कानूनी नोटिस, रिपोर्ट भेजी निदेशालय
जागरण संवाददाता, पानीपत : रिटायरमेंट के बाद दो साल का सेवा विस्तार न मिलने पर चतुर्थ वर्गीय श्रेण्
जागरण संवाददाता, पानीपत : रिटायरमेंट के बाद दो साल का सेवा विस्तार न मिलने पर चतुर्थ वर्गीय श्रेणी के एक कर्मचारी ने डीईओ को कानूनी नोटिस भिजवाया है। नोटिस से पूरा अमला हरकत में आ गया। जांच बिठा दी गई। सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट निदेशालय भेजने की तैयारी है। सख्ती बरती गई तो विभाग सेवा विस्तार देने वाले अधिकारी के खिलाफ एफआइआर जैसे सख्त कदम उठा सकता है।
खलीला प्रहलादपुर स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में बलजीत सिंह चतुर्थ वर्गीय श्रेणी के पद पर कार्यरत हैं। रिटायरमेंट से पहले 75 फीसद विकलांग होने का दावा करते हुए 2 वर्ष के सेवा विस्तार की मांग की। तत्कालीन डीईओ ने एक मार्च 2016 से 28 फरवरी 2018 तक की मंजूरी प्रदान कर दी। निदेशालय से तबादला हो जाने के बाद चंडीगढ़ मुख्यालय ज्वाइन कर लिए। इस केस को आधार बना कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुताना में सेवादार पद पर कार्यरत जय सिंह 60 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद एक्सटेंशन का केस पानीपत डीईओ आनंद चौधरी के पास भिजवाया। विभागीय हिदायतों का पालन करते हुए डीईओ ने प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।
कानूनी नोटिस भिजवाया
भ्रष्टाचार के लिए बदनाम शिक्षा विभाग में निदेशालय से जब कानूनी नोटिस की प्रति भेज कर जवाब मंगा गया तो कर्मचारियों की नींद उड़ गई। सेवा विस्तार का फाइल सभी ढूढ़ने लगें। दबी जुबान से स्वीकार करने लगें कि निजी स्वार्थो की पूर्ति के लिए तत्कालीन डीईओ ने यह कदम उठाया।
सेवा विस्तार के नियम
हरियाणा सरकार मुख्य सचिव के 26 नवंबर 2014 की हिदायतों के मुताबिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के मामले में अधिकतम सेवा विस्तार 60 वर्ष ही है। चाहे वह शारीरिक रूप से विकलांग क्यों न हों। पीजीआइ रोहतक से मेडिकल सर्टिफिकेट होना चाहिए। बलजीत सिंह को जो सेवा विस्तार दिया गया उसमें सीएमओ से जारी मेडिकल प्रमाण लगा है। सेवा विस्तार के इस मामले में कर्मचारी को कार्यभार मुक्त न करने पर नियुक्त करने वाले अधिकारी जिम्मेवार होंगे।
डेढ़ माह बाद आया पत्र
निदेशालय के पत्र क्रमांक 21/4-2016 (एचआरएमई) के मुताबिक कानूनी नोटिस 21 जुलाई 2016 को पानीपत डीईओ के नाम डिस्पैच किया गया। डेढ़ माह बाद जांच के लिए पानीपत डीईओ कार्यालय में आया।
रिटायरमेंट 60 वर्ष में
प्रदेश सरकार में कार्यरत सामान्य कैटेगरी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 वर्ष (ए टू सी ग्रुप) है। ग्रुप डी में 60 वर्ष है। सामान्य कर्मचारी 70 फीसद से अधिक विकलांग है तो उसे दो वर्ष का सेवा विस्तार दिया जा सकता है। 1986 की हिदायतों के मुताबिक ग्रुप डी में रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष है। चाहे वह नेत्रहीन क्यों न हो। इन नियमों को ताक पर रख कर ही तत्कालीन डीईओ ने खलीला प्रहलादपुर स्कूल में कार्यरत बलजीत सिंह को सेवा विस्तार दे दिया।