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एडेड कॉलेजों के स्टाफ को टेकओवर करने की फिर उठी मांग

सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के स्टाफ को सरकारी कॉलेजों में टेकओवर करने की मांग एक बार फिर उठ गई है। कॉलेजों का टीचिग और नॉन टीचिग स्टाफ ने एकजुट होकर प्रदेश सरकार को चुनावी संकल्प पत्र-2014 में किए वादे की याद दिलाई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 08:55 AM (IST)
एडेड कॉलेजों के स्टाफ को टेकओवर करने की फिर उठी मांग
एडेड कॉलेजों के स्टाफ को टेकओवर करने की फिर उठी मांग

जागरण संवाददाता, पानीपत : सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के स्टाफ को सरकारी कॉलेजों में टेकओवर करने की मांग एक बार फिर उठ गई है। कॉलेजों का टीचिग और नॉन टीचिग स्टाफ ने एकजुट होकर प्रदेश सरकार को चुनावी संकल्प पत्र-2014 में किए वादे की याद दिलाई है।

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कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश सचिव डॉ. जयपाल सहारण ने कहा कि भाजपा ने 2014 के चुनाव में एडेड कॉलेजों के स्टाफ को टेकओवर करने का वादा किया था। शैक्षिक और गैर शैक्षिक कर्मचारियों को सरकारी महाविद्यालयों में समायोजित करने की पॉलिसी बनाई गई थी, लेकिन एक महीने से वित्त विभाग में मामला विचाराधीन है।

मकान भत्ता समेत अन्य लाभ नहीं मिल पाते

सहारण ने बताया कि प्रदेश में 97 एडेड कॉलेजों में करीब 2184 शिक्षक और 1176 गैर शिक्षक कर्मचारी कार्यरत हैं। कर्मचारियों को 95 प्रतिशत अनुदान सरकार और पांच प्रतिशत प्रबंधक कमेटी देती हैं। कई कॉलेजों में कर्मचारियों को केवल सरकार का 95 प्रतिशत अनुदान मिल पाता है। मकान भत्ता की घोषणा सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में एक अगस्त को लागू हो गई है, लेकिन सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज के कर्मचारियों को अब तक लाभ नहीं दिया गया है।

एक हजार केस हाईकोर्ट में विचाराधीन

हरियाणा प्राइवेट कॉलेज नॉन टीचिग एंप्लाई यूनियन के उप-प्रधान बिजेंद्र कुमार कादियान ने कहा कि सरकारी सहायता प्राप्त कर्मचारियों के करीब एक हजार केस हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं। इसके अलावा आधे गैर शैक्षिक कर्मचारियों को सातवें वेतन का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है।


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