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बस में हुई प्रसव पीड़ा, यात्रियों ने कराई डिलीवरी

जागरण संवाददाता, समालखा बिहार के नालंदा जिले के गांव हरगावा बिशनपुर वासी 22 वर्षीय जूली देवी ने

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Oct 2017 02:22 AM (IST)Updated: Tue, 31 Oct 2017 02:22 AM (IST)
बस में हुई प्रसव पीड़ा, यात्रियों ने कराई डिलीवरी

जागरण संवाददाता, समालखा

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बिहार के नालंदा जिले के गांव हरगावा बिशनपुर वासी 22 वर्षीय जूली देवी ने हरियाणा रोडवेज की बस में बच्चे को जन्म दिया। मामला सोमवार दोपहर 11 बजकर 04 मिनट पर उस वक्त का है, जब वो पति चंदन व परिवार के अन्य लोगों के साथ रोडवेज की सोनीपत डिपो की बस में सवार होकर दिल्ली से करनाल जा रही थी। समालखा पहुंचते ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। रोडवेज चालक व परिचालक ने बिना देरी किए बस को सीधा नई अनाज मंडी के पास बस स्टेंड पर पहुंचाया और पुरूष यात्रियों को बस से उतारा दिया। महिला यात्रियों की मदद से जूली ने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद जच्चा बच्चा को अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों एकदम स्वस्थ है।

हरियाणा रोडवेज में सब निरीक्षक के पद पर तैनात पवन त्यागी ने बताया कि सोनीपत डिपो की एक बस दिल्ली से पानीपत की तरफ जा रही थी। जैसे ही बस समालखा के पास पहुंची तो उसमें सवार बिहार की रहने वाली एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। चालक गाड़ी को रास्ते में रोकने की बजाय सीधा बस को अनाज मंडी के पास बस स्टैंड पर ले आया। बस से सभी पुरुष यात्रियों को उतार दिया गया और महिला यात्रियों की मदद से महिला ने चंद मिनट में ही 11 बजकर 04 मिनट पर एक नन्हे बेटे को जन्म दिया। मामले की सूचना दिए जाने पर स्थानीय सीएचसी से एम्बुलेंस आई। जच्चा व बच्चा दोनों को ले गई।

करनाल के सालवन जा रहे थे : चंदन पासवान ने बताया कि छठ पूजा के बाद वो रविवार को सुबह आठ बजे राजगीर से दिल्ली आने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस में पत्नी जूली देवी, पिता नेहरू पासवान, मां व बेटी के साथ सवार हुआ था। सोमवार को सुबह आठ बजे के करीब दिल्ली में उतरे और वहां से हरियाणा रोडवेज की बस में करनाल के लिए सवार हो गए। सालवन पहुंचने से पहले ही रास्ते में जूली को बस में प्रसव पीड़ा हो गई। वहां पर महिला यात्रियों की मदद से उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया।

दिल्ली व मुरथल में भी हुई थी दिक्कत :

ससुर नेहरू पासवान ने बताया कि पुत्रवधू गर्भवती थी। उसने बताया कि दिल्ली आने पर उसे थोड़ी तकलीफ हुई थी। वो उसकी हालात को देखते हुए ट्रेन से आने की बजाय रोडवेज की बस में सवार हो गए, ताकि जल्दी पहुंच जाए। इसके बाद मुरथल आए तो उसे फिर से कुछ दिक्कत हुई। समालखा पहुंचे पहुंचते ज्यादा हो गई और बताने पर बस चालक उसे सीधे बस स्टैंड ले आया। उन्होंने कहा कि ट्रेन से आते तो परेशानी हो जाती।

ईंट पथाई का करते हैं काम : नेहरू ने बताया कि वो ईंट भट्ठा पर ईंट पथाई का काम करते हैं। सर्दी में ईंट भट्ठे चलने है। इसके चलते काम को लेकर करनाल जिले के गांव सालवन स्थित भट्ठे पर जा रहे थे। रास्ते में ही भगवान ने पोता देकर उनकी खुशी को दोगुना कर दिया। इससे पहले एक पोती है। वहीं, एसएमओ डा. जितेंद्र त्यागी ने कहा कि हरियाणा रोडवेज की बस में महिला द्वारा बच्चे को जन्म दिए जाने के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो उनकी देखभाल में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।


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