कमेटी की वजह से घर और कारोबार तबाह
कमेटी की कमाई की चाहत में घर-कारोबार तबाह
जागरण संवाददाता, पानीपत: वार्ड-8 की महाजन वाली गली निवासी प्रेम कुमार मक्कड़ और उनके छोटे भाई मनोज कुमार का छह महीने पहले तक हंसता-खेलता परिवार था। उनकी महावीर बाजार में रेडीमेड गारमेंट्स की दुकान भी ठीक चल रही थी। अब प्रेम कुमार की मौत से घर में मातम छाया हुआ है। व्यापार भी ठप हो गया है। इसकी वजह है उनके द्वारा सुम्मी सरदार व अन्य कई लोगों के पास डाली कमेटी का कई करोड़ रुपया डूब जाना है। जिन लोगों के रुपये इन्होंने देने थे, वे धमकी दे रहे थे। महावीर बाजार के दुकानदारों का कहना है कि दोनों भाइयों ने बड़े संघर्ष से रेडीमेड गारमेंट्स के व्यापार को बढ़ाया था। कमेटी के फेर में उन्हें बर्बाद कर दिया। यह प्रेम कुमार की शराफत ही थी कि उसने जिन लोगों से रुपये लेने थे, उनके खिलाफ कुछ नहीं किया और अपनी जान दे दी।
इन पर लगा प्रेम कुमार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप : 22 मई की दोपहर प्रेम कुमार अपनी पत्नी ¨पकी को स्कूटी पर साथ लेकर असंध रोड पश्चिमी यमुना ¨लक नहर पर पहुंचे। उन्होंने पत्नी को हनुमान मंदिर के पास छोड़ा और स्कूटी नहर किनारे खड़ी करके नहर में छलांग लगा दी। 25 मई को प्रेम कुमार का शव आहुलाना के पास नहर में मिला था। ¨पकी ने थाना शहर पुलिस को शिकायत दी। इसमें उसके पति की मौत का जिम्मेदार सुम्मी सरदार, कपिल चोपड़ा, राज मोटा, शौकी बठला, बंटी चुघ तथा सचदेवा को बताया। इन्हीं आरोपितों ने विक्की के रुपये नहीं लौटाए थे। जबकि सुम्मी सरदार ने प्रेम के साथ फैक्ट्री में भी साझेदारी की थी। इसके बाद उनकी साझेदारी टूट गई थी। मौत ऐसी आई की दुख भी बयां नहीं कर सकते : प्रेम कुमार की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। वे लोगों को अपना दुख भी व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं। बाजारों के प्रधान भी प्रेम कुमार की मौत से आहत हैं। शनिवार को चौड़ा बाजार के प्रधान दर्शन लाल वधवा व महेंद्र हुडि़या, सुखदेव नगर सालाजंग गेट बाजार के प्रधान विजय कक्कड़, देवी मंदिर रोड के उपप्रधान बलजीत कक्कड़ और इंदिरा बाजार के प्रधान राजू चावला पीड़ित परिवार का सांत्वना देने पहुंचे। वहां मनोज कुमार रो पड़े और वे बोले की भाई की मौत से परिवार बिखर गया। रुपये भी डूबे और जो लोग भाई की मौत के जिम्मेदार हैं, उनका कुछ बिगड़ा भी। प्रधानों ने उसका ढांढस बंधाया। सुसाइड नोट मधुबन लैब में भेजा जाएगा : थाना शहर प्रभारी दीपक कुमार का कहना है कि 15 मई को मनोज घर से चला गया था। इसके बाद से प्रेम कुमार टूट चुका था। वह सोच रहा था कि भाई कहीं उसकी वजह से तो नहीं गया है। रुपये के लेनदारों का भी दबाव था। इसी वजह से उसने नहर में छलांग लगाई। प्रेम कुमार द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट की राइ¨टग की जांच मधुबन लैब से कराई जाएगी। प्रेम कुमार की रस्म- किरया के बाद मनोज से भी पूछा जाएगा कि उनका कितने रुपयों का लेनदेन हैं। वह घर से क्यों गया था और कहां रहा। जो मामले में दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। पहले भी दुकानदार कर चुका है आत्महत्या
महावीर बाजार व आसपास के बाजारों में पहले भी कई दुकानदार अन्य दुकानदारों की कमेटी के रुपये लेकर फरार हो चुके हैं। इसी वजह से सालारजंग बाजार के दुकानदार धर्मेंद्र ने भी सुसाइड कर लिया था। अमर भवन चौक के भी छह दुकानदार करोड़ों रुपये लेकर भाग चुके हैं। कमेटी के रुपये डकारने पर नहीं होती कार्रवाई
सेवानिवृ:3 डीएसपी हवा ¨सह का कहना है कि कई लोग मिलकर एक व्यक्ति के पास लाखों रुपये की कमेटी डाल लेते हैं। इन लोगों की महीने के हिसाब से किश्त होती है। कई बार वहीं व्यक्ति कमेटी के रुपये लेकर भाग जाता है। इससे इसके सदस्यों के साथ धोखाधड़ी हो जाती है। धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हो पाती है, क्योंकि यह काम कानूनी तौर पर वैध नहीं है। तीन साल पहले भी मॉडल टाउन की एक महिला करीब 70 लोगों के कमेटी के 12 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गई। महिला के खिलाफ पुलिस में मामला तक दर्ज नहीं हुआ।