डीसी सुमेधा कटारिया ने कहा- पौधे लगाकर निभाएं अपना फर्ज
पंडित निरंजन पाराशर ने यजुर्वेद में दिए मंत्र का उच्चारण कर स्वच्छ पर्यावरण की कामना की।
जागरण संवाददाता, पानीपत : पौधे लगाकर फर्ज निभाएं.। नैन गो अभयारण्य में बृहस्पतिवार सुबह पानीपत की चौथी लड़ाई का आगाज किया गया। हरियाली, पानी और सफाई का संकल्प लिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधे लगाए। साथ ही पर्यावरण को हरा-भरा बनाने का संकल्प भी लिया।
वन महोत्सव को लेकर गो अभयारण्य का माहौल सुबह से बदला दिखाई दिया। डीसी सुमेधा कटारिया अधीनस्थ अधिकारियों के साथ सुबह 7 बजे अभयारण्य पहुंचीं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार साईकत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय के निदेशक डॉ. शेर सिंह और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय उप सचिव सुशील कुमार कालड़ा भी महोत्सव में शामिल हुए। ईटों से बनाए गए दो घेरों में त्रिवेणी (बरगद, पीपल व नीम) लगाई गई। पंडित निरंजन पाराशर ने यजुर्वेद में दिए मंत्र का उच्चारण कर स्वच्छ पर्यावरण की कामना की।
महोत्सव का श्री गणेश होते ही आर्ट ऑफ लिविग, राहगीरी, फ्लाइंग और रोटरी क्लब से आए सदस्यों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर अर्जुन, शीशम और जामुन के दर्जनों पौधे लगाए। बच्चे बुजुर्ग सभी उस महोत्सव में शामिल हुए। अभयारण्य में प्रथम चरण में पांच हजार पौधे लगाए जाएंगे।
बैंड की धुन पर स्वागत
चमराड़ा गांव से आए यूनिक पब्लिक स्कूल के 20-25 बच्चों ने बैंड की धुन पर अतिथियों का स्वागत किया। वह त्रिवेणी स्थल से लेकर टयूबवेल उद्घाटन स्थल तक लगातर बैंड बजाते रहे। डीसी ने बच्चों को शाबाशी दी।
छाया से पशुओं को मिलेगी राहत
गो अभयारण्य के प्रधान राजरूप पानू ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि डीसी मैडम ने चौथी लड़ाई का आगाज कर दिया है। नैन पंचायत और पानीपत वासियों के सहयोग से हम सब मिलकर इसे सफल बनाएंगे। पौधे लगने से गायों को राहत मिलेगी। फलदार पौधे लगाएं
त्रिवेणी लगाते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार साईकत सरकार ने कहा कि अभयारण्य में फलदार पौधे लगाए जाएं। पौधे बड़े होकर गोवंश को छाया प्रदान करेंगे। अभयारण्य की व्यवस्था देख कर उन्हें अच्छा लगा है।
आधा गिलास से ज्यादा पानी सर्व न करें
वन महोत्सव में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए डीसी ने कहा कि डॉक्टर साहिबान के जुनून से गो अभयारण्य जैसा संस्थान विकसित हो गया। तीन माह पहले गोवंश की स्थिति गंभीर थी। औद्योगिक शहर में हरियाली चाहिए तो महिलाएं व बच्चे पौधरोपण अभियान में भागीदारी करें। प्रत्येक घर से एक-एक सदस्य पौधे लगा कर संरक्षण की जिम्मेवारी लें। शहर से लेकर गांव तक सब मान कर बैठे हैं कि पानी खत्म नहीं होने वाला है। अभी से नहीं चेते तो एक दशक में जल संकट गंभीर हो जाएगा। घर से लेकर दफ्तर तक आधा गिलास से ज्यादा पानी सर्व न करें। इससे जल की बचत होगी। बसाड़ा गांव की तरह प्रत्येक घर में वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का प्रबंध भी किया जाए।
हमें क्यों नहीं शामिल किया
गो अभयारण्य में डीसी शेड में खड़ी गायों को देखने गई। यहां निगरानी कमेटी के सदस्य राजीव भाटिया ने बताया कि मिट्टी दलदल न हो इसके लिए ईटें बिछा दी गई हैं। डीसी ने कहा कि उन्हें पता है कि तीन माह से सब कैसे गायों की सेवा में लगे हैं। इस बीच समाजसेवी विजयलक्ष्मी पालीवाल ने कहा कि सब इतनी सेवा कर रहे हैं तो हमें क्यों नहीं शामिल किया।
माली का प्रबंध करो, पार्क बनाओ
डीसी ने जिला बागवानी अधिकारी महावीर शर्मा को जल्द से जल्द माली का प्रबंध कर पार्क विकसित करवाने की बात कही। पार्क में हरियाली होगी। बैठने के लिए बेंच लगेंगे।
ये रहे मौजूद
एसडीएम वीना हुड्डा, कुशल कटारिया, सीटीएम शशि वसुंधरा, जिला परिषद की सीईओ सुमन भांखड़, डीएफएससी अनिता खर्ब, जसविद्र बांगड़, हरिओम तायल, प्रधानाचार्य अमिता कोचर, नीतिन अरोड़ा, दीपक सलूजा, एडवोकेट संदीप जिदल, मेहुल जैन और गौरव लीखा सहित अन्य मौजूद थे।