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खेतों में पराली को जलाना हर तरह से नुकसानदायक : खरे

पानीपत, 13 अक्टूबर : हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश है। कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय बनाकर ही प्रद

By Edited By: Published: Thu, 13 Oct 2016 08:25 PM (IST)Updated: Thu, 13 Oct 2016 08:25 PM (IST)
खेतों में पराली को जलाना हर तरह से नुकसानदायक : खरे

पानीपत, 13 अक्टूबर : हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश है। कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय बनाकर ही प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाया जा सकता है, लेकिन किसान कृषि की लागत घटाकर और पर्यावरण को बचाते हुए खेती कैसे की जाए, इसके ज्ञान से अनभिज्ञ हैं। ऐसे समय में हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से पानीपत जिला में निकाली गई किसान जागरूकता रैली कृषि को लाभकारी बनाने में एक मील का पत्थर साबित होगी। यह किसान जागरूकता रैली जिला के सभी गावों में जाकर लोगो को जागरूक करेगी।

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उपायुक्त डा. चन्द्रशेखर खरे ने यह बात बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय परिसर से किसान जागरूकता रैली को हरी झंडी देने से पहले अधिकारियों एवं किसानों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस समय किसान खेतों से धान की कटाई कर रहे हैं और मंडियों में धान खरीद के व्यापक प्रबंध भी किए गए हैं। किसानों को उनका फसल के वाजिब दाम निर्धारित समय में दिलवाने के भी कड़े निर्देश दिए गए हैं लेकिन अज्ञानता अथवा जानकारियों के अभाव में किसान धान की पराली खेतों में जला रहे हैं। इससे जहा वायु प्रदूषण बढ़ रहा है वहीं भूमि की प्राकृतिक उर्वरा शक्ति का हृास हो रहा है। ऐसे समय में किसान जागरूकता रैली किसानों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।

उन्होंने कहा कि पराली को खेतों में जलाने से पशु चारे की कमी हो जाती है और वायु प्रदूषण भी बढ़ता है। यही नही यदि किसान खेत से धान को उपर से काट लें और धान के पाने रोटावेटर से जुताई करवाकर मिट्टी में मिला दें तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है और जमीन में किसान मित्र जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाती है, जिससे अगली फसल में कम रासायनिक खाद ढालने से अच्छा उत्पादन हो जाता है। इसके अलावा किसान यदि धान के खेत में जीरो टिलेज मशीन द्वारा गेंहू की बुआई करते हैं तो उन्हें कम खाद, कम कीटनाशक व कम खरपतवार नाशक दवाई डालने से भी अच्छा कृषि उत्पादन मिलता है और बार-बार जुताई करने के पैसों की भी बचत होती है। उन्होंने कहा कि किसानों की अज्ञानता के कारण निरंतर प्रदूषण बढ़ रहा है। भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है। पृथ्वी के तापमान बढ़ने की समस्या आ खड़ी हुई है, जिससे भूमिगत जल स्तर में गिरावट आ रही है व सिचाई योग्य पानी समाप्त होता जा रहा है।

डॉ. चन्द्रशेखर खरे ने कहा कि ऐसे समय में हरियाणा के प्रगतिशील किसान राजेश को जैविक खेती के लिए राष्ट्रीय अवार्ड मिलना प्रत्येक किसान के लिए ही नही प्रत्येक हरियाणवी के लिए गौरव की बात है। राजेश ने बिना किसी रसायन के 25 प्रकार की सब्जिया व फसले तैयार की हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि विभाग द्वारा चलाई गई सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। इस अवसर पर कृषि उपनिदेशक चादराम, एसडीओ डा. सत्यवान आर्य, राजेश भारद्वाज, राजकुमार, सविता व क्षितिज के अलावा अनेक वरिष्ठ अधिकारी और प्रगतिशील किसान मौजुद रहे।


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