हाथ जोड़कर पहुंचे दयानंद और विनय, मांगा पंखों व वाटर कूलरों का हिसाब, अधिकारी हुए चुप
जागरण संवाददाता, पानीपत : जिला परिषद की बैठक का नजारा आज तब अलग नजर आया, जब दो बैठकों के लिए निष
जागरण संवाददाता, पानीपत : जिला परिषद की बैठक का नजारा आज तब अलग नजर आया, जब दो बैठकों के लिए निष्कासित इनेलो के दयानंद और कांग्रेस के विनय गुप्ता हाथ जोड़ते हुए पहुंचे। दोनों ने 18 सौ पंखों और 60 वाटर कूलरों के हिसाब का मसला उठाया तो बैठक में मौजूद अधिकारी चुप्पी साध गए। हालांकि बैठक में विकास कार्यो पर चर्चा में आधा दर्जन एजेंडों पर सहमति बनी। इसमें गांवों में स्थित सार्वजनिक स्थानों से बिजली के लोहे के खंभों को हटाना आदि भी शामिल था। डीडीपीओ ने नैन गांव में निर्माणाधीन गो अभ्यारण्य में गेहूं के सीजन से पहले चारा डालने के लिए शेड तैयार कराने का दावा भी किया।
जिला परिषद वित्त वर्ष की पांचवीं बैठक सोमवार को लघु सचिवालय में हुई। अध्यक्षता चेयरपर्सन आशु शेरा ने और संचालन जिप सीईओ डॉ. संजय कुमार ने किया। एओ संजीव कुमार ने पिछली बैठकों की कार्य रिपोर्ट प्रस्तुत की और सोमवार की बैठक के एजेंडे सदन के सामने रखे। इस दौरान पार्षद दयानंद उरलाना ने गांवों में लोहे के पोल हटवाने की मांग रखी। डीडीपीओ ने इसको सब गांवों की समस्या बताया और प्रस्ताव बनाकर सदन में पास कराया। बिजली निगम अधिकारियों ने सार्वजनिक स्थानों से लोहे के खंभे हटवाने का आश्वासन दिया। चेयरपर्सन आशु शेरा ने कहा कि सबको साथ लेकर विकास कार्य कराए जा रहे हैं। सीईओ ने अधिकारियों को विकास कार्यों की डीपीआर ठीक तैयार करने के निर्देश दिए।
आंगनबाड़ियों में अटकी बैठक
बैठक का एक तिहाई समय नए आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के जोड़ तोड़ में बीता। पंचायती राज विभाग के एक्सईएन कर्मबीर ने बताया कि सरकार की ओर से 33 आंगनबाड़ी केंद्र बनाने का पैसा आया है। कई गांवों में जमीन नहीं मिल पा रही। ऐसे में ग्रांट लैप्स होने का खतरा है। उन्होंने बबैल गांव में जमीन न होने की बात कही। डीडीपीओ रूपेंद्र मलिक ने बबैल गांव के सरपंच को फोन किया और जमीन न होने की बात कही। डीडीपीओ ने एक्सईएन को कहा कि अंदेशों पर आधारित रिपोर्ट नहीं करनी चाहिए। महिला व बाल विकास विभाग की डीपीओ सरला यादव ने कहा कि निदेशालय के मार्गदर्शन अनुसार एडीसी की किसी एक गांव में जमीन न मिलने पर दूसरे गांव में आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जा सकता है।
अधिकारियों ने मांगा एजेंडा, पार्षद बोला, फायदा नहीं
जिला परिषद अधिकारियों ने पार्षदों से विकास के प्रस्ताव मांगे। एओ ने बताया कि पार्षद बार-बार मांगने के बाद भी प्रस्ताव नहीं दे पाए हैं। उन्होंने एक पार्षद का नाम लेकर ग्रांट का एक पैसा खर्च न करने की बात भी रखी। हालांकि उस वक्त पार्षद बैठक से जा चुका था। पार्षद विनय गुप्ता ने कहा कि प्रस्ताव मांगने से विकास नहीं होता। वे पहले दिन से प्रस्ताव दे रहे हैं, लेकिन उनके वार्ड में अनदेखी बरती जा रही है। विकास कार्यों की हर पार्षद को रिपोर्ट होनी चाहिए।
एक्सईएन बोले, 15 में से 11 काम पूरे
पंचायती राज विभाग के एक्सईएन कर्मबीर ने बताया कि 2017-18 वित्त वर्ष में 15 कार्यो का पैसा मंजूर किया गया था। इनमें से 11 कार्य पूरे करा दिए गए हैं। दो प्रगति पर हैं और दो शुरू नहीं हो पाए हैं। वहीं 2016-17 में 64 कार्यों के लिए पैसे मंजूर किए गए थे। इनमें 54 काम पूरे हुए हैं और पांच कार्य प्रगति पर हैं।
गो अभ्यारण्य पर खर्च डेढ़ करोड़, पानी अब भी नहीं
नैन गांव में 50 एकड़ जमीन पर गो अभ्यारण्य बनाया जा रहा है। इस पर अब तक करीब 1.50 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, मगर यहां पानी का इश्यू आज भी है। तालाब के लिए नहरी और पीने के ट्यूबवेल के पानी की जरूरत है। उन्होंने ¨सचाई विभाग व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से इसकी व्यवस्था करने की मांग भी की।